सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही दौड़ते दिखायी दें, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही दौड़ते दिखायी दें,

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देश में अगले बारह वर्षों में संभव है कि सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही दौड़ते दिखायी दें। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान अगले तीन वर्षों में सात मिलियन इलेक्ट्रिक कार बनाने के बारे में सोच रहा है। सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों का प्लान 2030 बनाया गया है। भारत सरकार की ओर से वर्ष 2015 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) 2020 का समर्थन किया था। इस दौरान एनर्जी सिक्योरिटी, वाहन प्रदूषण के मुद्दे को संबोधित किया गया था। नीति आयोग की ओर से वर्ष 2030 तक डीजल और पेट्रोल चालित गाडियों को बैन करने का प्लान बनाया गया है। एनईएमएमपी के तहत भारी उद्योग और पब्लिक इंटरप्राइजेज ने हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी लाने की बात कही गयी है।
इलेक्ट्रिक कार के जरिए प्रदूषण पर लगाम : -
भारत सरकार इस स्कीम के जरिए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाना चाहती है । सरकार इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन यूनिटों को तेजी से क्लीयरेंस दे रही है। ऐसा करके सरकार देश में प्रदूषण समस्या को कम करना चाह रही है, साथ ही पेरिस जलवायु समझौते के तहत अपना रोल बखूबी से निभाने को लेकर प्रतिबद्धता दिख रही है। मौजूदा समय में भारत तेल की बड़ी मात्रा को आयात करता है, जिससे कि कार इंडस्ट्री चलती है। हालांकि इलेक्ट्रिक कारों के उपयोग से तेल पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। देश में आज के समय में महिंद्रा एडं महिंद्रा जैसी कंपनियां सीमित मात्रा में इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। कंपनी की ओर से रीवा में एक यूनिट शुरु की गयी है। टाटा मोटर्स भी इस दिशा में कार्य कर रही है। महिंद्रा को एक मॉडल "द ई2जीरो प्लस" निकालने मं। सफलता मिली है। जल्द ही टाटा मोटर्स की ओर से भी इलेक्ट्रिक कार का मॉडल निकाला जाएगा, जो कि टाटा की बोल्ट, द टियागो और टिगोर जैसे मॉडलो में शामिल होगा। कंपनी की ओर से हाल ही में व्यापारिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने पर जोर दिया गया है। कंपनी ने हाल ही में चंडीगढ़ में नौ मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल किया। टोयोटा, बीएमडब्ल्यू, महिंद्रा और मारुती सुजूकी भी कुछ हाइब्रिड वाहनों का ऑफर दे रही हैं, जो कि पेट्रोल, डीजल के अतिरिक्त इलेक्ट्रिक पावर से चल सकेंगी।
हुंडई मोटर्स दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करती है, जिस वहां "इओनिक" के नाम से जाना जाता है। हुंडई मोटर्स के मुताबिक वो भारत में इलेक्ट्रिक कारों के उत्पान को तैयार है। बस, उन्हें कुछ जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर कार्य करना होगा। स्टीलमेकर जेएसडब्ल्यू की ओर से गुजरात सरकार के साथ एग्रीमेंट साइन किया गया है, जो प्रदेश में बैटरी चालित वाहनों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएगा। कंपनी इस क्षेत्र में चार हजार करोड़ निवेश करने की सोच रही है। मंहिद्रा एंड महिंद्रा की ओर से भी अगले पांच वर्षों में तीन से चार हजार करोड़ निवेश करने की योजना है।
हाल ही के वर्षों में एनर्जी एफिसिएंजी सर्विस लिमिटेड की ओर से दस हजार इलेक्ट्रिक कारों को लेकर महिंद्रा एडं महिंद्रा और टाटा मोटर्स को टेंडर जारी किया गया है। सरकार की ओर से देशभर में चार्जिंग स्टेशन लगाने को लेकर भी टेंडर जारी किया गया है। एबीबी इंडिया के मुताबिक 4500 चार्जिंग स्टेशन का टेंडर जारी किया गया है। सरकार की कोशिशों के बावजूद इलेक्ट्रिक कार की राह में कई रोड़े हैं। पहला इलेक्ट्रिक कारों की भारत में  औसत एक बार चार्ज पर 120 किमीं. सफर तय कर सकेंगी, साथ ही उनकी ड्राविंग रेंज भी सीमित रहेगी इलेक्ट्रिक कारों को लंबी दूरी के लिए डिजाइन करना भी चैलेंजिग काम होगा। इलेक्ट्रिक कारों की टॉप स्पीड 80 से 85 किमीं होगी। इसके साथ ही बैटरी की कीमत और चार्जिंग सुविधा एक बड़ी मुसीबत होगी।
एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड अगले साल मार्च-अप्रैल में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टेंडर निकलेगी। इसी साल सितम्बर में एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड में भी इसी तरह का टेंडर निकला था। जिसके तहत करीब 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को उपलब्ध कराया जायेगा। इन इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में शामिल पेट्रोल और डीजल कारों से बदला जायेगा।
सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए पहला चार्जिंग स्टेशन खोल दिया है। अन्य तेल विपणन कंपनियों के बीच इंडियन ऑयल इकलौती ऐसी कंपनी बन गई है जिसने इस तरह का चार्जिंग स्टेशन खोला है। कंपनी ने यह चार्जिंग स्टेशन अपने नागपुर के फ्यूल स्टेशन पर खोला है। एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी ओला के सहयोग से भारत की ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (इंडियन ऑयल) ने अपने एक फ्यूल स्टेशन पर देश के पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन को खोलकर ग्रीन इंडिया की दृष्टि से अहम योगदान देते हुए इस क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। इंडियन आयल ने फ्यूल स्टेशनों पर देश के पहला इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लॉन्च करके ग्रीन इंडिया की दृष्टि से योगदान करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। चार्जिंग स्टेशन को कंपनी के नागपुर स्थित आरबीआई स्क्वायर फ्यूल स्टेशन पर खोला गया है। इस चार्जिंग स्टेशन के साथ ही नागपुर भारत में इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन मॉडल पेश करने वाला पहला शहर बन गया है। 

साभार : - जागरण न्यूज़

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