जम्मू-कश्मीर में एक और जाबाज सैनिक शहीद, - Study Search Point

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जम्मू-कश्मीर में एक और जाबाज सैनिक शहीद,

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श्रीनगर के नौहट्टा में भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी को पीट-पीट कर मार डाला। जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी मोहम्मद अय्यूब पंडित नौहट्टा की जामा मस्जिद पर ड्यूटी दे रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंडित को मस्जिद के अंदर मारा गया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस उनका शव वहां से ले जा पाई। इस दौरान पुलिस और भीड़ में जमकर संघर्ष हुआ।
22 जून की रात को पुलिस कंट्रोल रूम से पंडित को नौहट्टा की जामा मस्जिद पर नाइट ड्यूटी के लिए जाने का आदेश मिला, गुरुवार को शब ए कद्र थी। इस रोज़ मस्जिदों में पूरी रात प्रार्थना चलती है। जामा मस्जिद के पास ही आज मीरवाइज़ उमर फारूक की सभा होने वाली थी। बताया जाता है कि पंडित रात साढ़े बारह बजे तक मस्जिद के पास के बाज़ार में घूमते और तस्वीरें लेते देखे गए थे।
ड्यूटी के दौरान पंडित ने मस्जिद में नमाज़ भी पढ़ी। नमाज़ पढ़ने के दौरान ही किसी ने उनकी पिस्टल देख ली। इसके बाद कुछ लड़कों ने उन्हें मस्जिद से बाहर बुलाया और अपनी पहचान ज़ाहिर करने को कहा, पंडित सादे कपड़ों में थे। वो अपना आई कार्ड दिखाने से झिझके, क्योंकि इससे पता चल जाता कि वो पुलिस में हैं। जब वो घिरने लगे तो उन्होंने अपनी पिस्टल निकाल ली और आत्मरक्षा में कुछ फायर किए. इससे तीन लोग ज़ख्मी हो गए। इसके बाद भीड़ और भीड़ का गुस्सा दोनों बढ़ गए, पंडित के साथ मारपीट होने लगी। गुस्साई भीड़ से घबराकर पंडित के दो बॉडी गार्ड भी उन्हें छोड़ कर चले गए।
मारपीट के दौरान पंडित के सारे कपड़े नोच लिए गए थे। पंडित को मारने के बाद भीड़ ने इलाके में बनी पुलिस पोस्ट पर तोड़फोड़ की, हालात काबू में करने के लिए नौहट्टा में और पुलिस भेजनी पडी। हादसे के दो घंटे बाद पुलिस विभाग ने माना कि एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई है। पंडित के परिवार ने इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जितने बड़े पद पर पंडित थे, उस हिसाब से उनकी सुरक्षा में कमी थी।
पंडित को सलामी देने के लिए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पहुंचीं। उन्होंने घटना को बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने ये भी कहा कि लोग इस तरह की घटनाओं से पुलिस के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने कहा कि लोगों को सही और गलत का फर्क समझना चाहिए। उन्होंने ऐसे आदमी की जान ली जो उनकी सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहा था। बयान अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फारुक का भी आया है। उन्होंने घटना की निंदा की लेकिन साथ में ये भी कहा कि घटना में लोगों का क्रूर व्यवहार उनपर बरती क्रूरता का नतीजा है। ये बयान एक तरह से पंडित की मौत को जायज़ ठहराता लगा। खबरें हैं कि जम्मू कश्मीर सरकार में पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार चला रही भाजपा के नेताओं ने भी इस घटना को लेकर मुफ्ती सरकार पर सवाल उठाए हैं।
नौहट्टा में स्थिति अब कुछ सुधरी है और पुलिस आरोपियों की धरपकड़ में लग गई है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी कि पंडित की हत्या के दो आरोपियों को पकड़ लिया गया है और एक अन्य की पहचान भी कर ली गई है।
जम्मू कश्मीर में पिछले समय से लगातार अशांति का माहौल रहा है। पुलिस इस दौरान दोहरी मार झेल रही है। उन्हें लोगों का असंतोष भी झेलना पड़ता है और उग्रवादियों के हमले भी, इस घटना से उस माहौल की एक झलक मिलती है जिसमें पुलिस काम कर रही है।
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