92 साल का सफर थमेगा, अगले वित्त वर्ष में अलग से पेश नहीं होगा रेल बजट, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

92 साल का सफर थमेगा, अगले वित्त वर्ष में अलग से पेश नहीं होगा रेल बजट,

Share This
रेल बजट का 92 साल का सफर थमने वाला है। अगले फाइनेंशियल ईयर (2017-18) से यह अलग से पेश नहीं होगा। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इसे सामान्य बजट के साथ मिलाने के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है। पहली बार रेल बजट 1924 में पेश किया गया था।
- एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, फाइनेंस मिनिस्ट्री 5 मेंबर्स की एक कमेटी बनाएगी जो इस प्रॉसेस को अंतिम रूप देगी।
- रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु भी रेल बजट के खत्म करने की बात कहते रहे हैं। 1996 के बाद से कई राजनीतिक दल भी रेल बजट को खत्म करने की बात कर रहे थे।
- माना जाता है कि रेलवे पोर्टफोलियो किसी रीजनल पार्टी के पास होता है। इसका मकसद कहीं न कहीं राजनीतिक फायदा लेना भी होता है।
- इसके लिए अतीत में रेलवे ब्यूरोक्रेसी को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है।
कैसे शुरू हुई ये प्रॉसेस?
- दरअसल, मोदी सरकार ब्रिटिश सरकार की रेल बजट अलग से पेश करने की परंपरा को खत्म करना चाहती है।
- नीति आयोग के दो मेंबर बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई ने भी अलग से रेल बजट पेश करने को खत्म करने कहा था।
- प्रभु ने 9 अगस्त को राज्यसभा में कहा था कि उन्होंने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से रेल बजट को सामान्य बजट में शामिल करने के लिए बात की है।
- उन्होंने ये भी कहा था कि ये देश की इकोनॉमी के लिहाज से भी ठीक रहेगा।
सामान्य बजट में शामिल होने के बाद क्या रहेगा?
- रेल बजट के सामान्य बजट में पेश होने के बाद उसे भी अन्य डिपार्टमेंट्स की तरह पैसा अलॉट होगा। लेकिन इसके खर्च और कमाई पर फाइनेंस मिनिस्ट्री नजर रखेगी।
- जब रेलवे को पूरा फंड अलॉट हो जाएगा तो इसके कई पर्पज अलग हो जाएंगे और इसका मॉडल पोस्टल डिपार्टमेंट की तरह काम करने लगेगा।

साभार - Bhaskr Nws

Pages