आज का इतिहास 3 अप्रैल, - Study Search Point

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आज का इतिहास 3 अप्रैल,

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1890- जर्मनी के चांसलर और 19वीं शताब्दी के एक सशक्त नेता बिस्मार्क को, जर्मनी के शासक वेल्हेल्म द्वितीय ने पदमुक्त कर दिया। बिस्मार्क ने वर्ष 1871 में जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वेल्हेल्म द्वितीय के जर्मनी नरेश बनने के पश्चात वे कुछ समय तक देश के चांसलर के पद पर बने रहे किंतु फिर दोनों में मतभेद उत्पन्न हो गए और बिस्मार्क अपना पद छोड़ने पर विवश हो गए। 

1914- भारत के प्रथम फील्ड मार्शल एस एच एफ जे मानेकशॉ का अमृतसर में जन्म।
1933- विश्व की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट के ऊपर से पहली बार विमान ने उडान भरी।

194- ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध इराक़ के राष्ट्रवादियों ने अपने संघर्ष के दौरान जिसका नेतृत्व ब्रिटेन विरोधी धड़े के नेता रशीद आली गीलानी कर रहे थे, बग़दाद पर नियंत्रण कर लिया। गीलानी को जर्मनी का समर्थन प्राप्त था किंतु समय पर जर्मनी की सहायता न पहुंच पाने के कारण , ब्रिटिश सैनिकों ने उनके समर्थकों का दमन कर दिया जिसके बाद इराक़ की सरकार घटक देशों के साथ जुड़ गई और द्वितीय विश्व युद्ध में उसने विपक्षी गठजोड़ के विरोध की घोषणा कर दी।

1949- अमेरिका ,ब्रिटेन,फ्रांस और कनाडा ने उत्तरी अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर किए।

1984- स्कवायड्रन लीडर राकेश शर्मा रुस के अंतरिक्ष यान सोयूज टी 11 से अंतरिक्ष पर जाने वाले प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने ।


1987- प्रसिद्ध साहित्यकार एस .एच .वात्स्यायन अज्ञेय का नयी दिल्ली में निधन।


1999- भारत ने पहला वैश्विक दूरसंचार उपग्रह इनसैट 1ई का प्रक्षेपण।


2002- ज़ायोनी सैनिकों ने पश्चिमी तट में स्थित फ़िलिस्तीनी नगर जेनीन पर आक्रमण किया। यह आक्रमण फ़िलिस्तीनी बस्तियों पर ज़ायोनी सैनिकों के आक्रमण की एक कड़ी था, जिसको इस्राईल ने फ़िलिस्तीनियों के इन्तेफ़ाज़ा आंदोलन को कुचलने के लिए इससे कई सप्ताह पूर्व आरंभ किया था। 15 हज़ार की आबादी वाले नगर पर आक्रमण में 10 हज़ार सैनिकों की सहायता लगभग 200 टैंक और दसियों हेलीकाप्टरों ने की।

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