#नॉर्थकोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट कर दुनिया को चौंका, - Study Search Point

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#नॉर्थकोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट कर दुनिया को चौंका,

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#नॉर्थकोरिया ने पहले हाइड्रोजन बम का टेस्ट कर दुनिया को चौंका दिया। इस कदम के पीछे पाकिस्तानी कनेक्शन भी है। दरअसल, नब्बे के दशक में पाक ने न्यूक्लियर वेपन बनाने में नॉर्थ #कोरिया की मदद की थी। इसी बेस पर कोरिया को हाइड्रोजन बम टेस्टिंग में मदद मिली।
- यूके के एक अखबार के मुताबिक, 1990 से 1998 के बीच नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से हर महीने दो प्लेन पाकिस्तान में उतरते थे।
- बदनाम साइंटिस्ट ए.क्यू. खान ने न्यूक्लियर वेपन्स डेवलप करने की टेक्नीक नॉर्थ कोरिया को बेची थी।
- यह भी आरोप है कि उन्होंने #सेंट्रिफ्यूजइनरिचमेंटटैक्नोलॉजी गैरकानूनी तरीके से नॉर्थ कोरिया को दी थी।
- इसी सेंट्रिफ्यूज टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल कुछ हाइड्रोजन फैसिलिटीज में भी होता है।
- नॉर्थ कोरिया के एक सीनियर ऑफिसर ने 1998 में खान को लेटर भेजा था।
- इसमें पाकिस्तान के किसी पूर्व आर्मी चीफ को 30 लाख डॉलर देने की बात की गई थी।
- खान ने टेलिविजन के सामने यह कबूल किया था कि उन्होंने टैक्नोलॉजी बेची थी। लेकिन कहा था कि इसमें पाकिस्तान का हाथ नहीं था।
- खान के इस बयान के बाद #प्रेसिडेंट परवेज मुशर्रफ ने 2004 में उन्हें माफी दे दी थी।
तानाशाह ने कहा था- धमाके से शुरू करो नया साल, यह भी खुलासा हुआ है कि टेस्टिंग का ऑर्डर देने से पहले तानाशाह किम जोंग उन ने कहा था, ''धमाके के साथ करो 2016 की शुरुआत। ब्लास्ट से सबको चौंका दो। पूरी दुनिया देखे कि हमारे पास कितनी एटमी ताकत है।''
- नॉर्थ कोरिया ने 1985 में एनपीटी (#परमाणु अप्रसार संधि) को मंजूर किया था।
- इसके तहत वो एक्टिव तौर पर न्यूक्लियर वेपन डेवलप नहीं कर सकता था। लेकिन उसने समझौते को नहीं माना।
- 2003 में नॉर्थ कोरिया ने खुद को इस एग्रीमेंट्स से अलग करने का एलान कर दिया।
किसने और कब किए #हाइड्रोजन टेस्ट?
- 1952 : अमेरिका 10,400 किलोटन
- 1961 : सोवियत यूनियन (अब रूस) 50,000 किलोटन
- अमेरिका ने 1,032, सोवियत यूनियन ने 715, फ्रांस ने 210, ब्रिटेन ने 45, चीन ने 45, नॉर्थ कोरिया ने 4, भारत ने 3 और पाकिस्तान ने 2 बार न्यूक्लियर या हाइड्रोजन टेस्ट किया है।

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