1761- पानीपत की तीसरी लड़ाई में अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को हराया।
1953- अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने हाइड्रोजन बम के निर्माण की घोषणा की।
1959-संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा में फिदेल कास्त्रो की नई सरकार को मान्यता प्रदान किया।
1979- को वियतनाम की सेना द्वारा कम्बोडिया पर आक्रमण के बाद इस देश के तानाशाह पोलपोट भाग निकले। हंग सामरीन के नेतृत्व में नयी सरकार सत्ता में आयी। पोलपोट कम्बोडिया में ऐसे गुट के नेता थे जो माओवादी और चीन का समर्थक था। कम्बोडिया पर पोलपोट के तीन वर्ष से भी कम अवाधि के शासन के दौरान इस देश में 15 से 20 लाख लोग मारे गये जिनमें वियतनामी मूल के लोग मुख्य रुप से शामिल थे। वियतनामी सेना ने इसी बात को बहाना बनाकर पोलपोट का तख़्ता उलट दिया किंतु इसके बावजूद पोलपोट के समर्थक गुट ने देश के कुछ भागों में केंद्रीय सरकार के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा। अंतत: वर्ष 1983 में वियतनाम की सेना सामरीन की सरकार की स्थिति की ओर से आश्वस्त होने तथा अंतर्राष्ट्रीय दबावों के कारण कम्बोडिया से निकली। इस सेना को पूर्व सोवियत संघ का समर्थन प्राप्त था।
1986- ईसवी को मिस्र के सीना मरुस्थल की जेल में इस देश के सीमा सुरक्षा बल के जवान सुलैमान ख़ातिर की हत्या कर दी गयी। उन्होंने वर्ष 1985 ईसवी में मिस्र और ज़ायोनी शासन के बीच होने वाले कैम्प डेविड समझौते पर, जो वस्तुत: जायोनी शासन का एक षडयंत्र था, आपत्ति जताते हुए सीना मरुस्थल में कई ज़ायोनियों को हताहत कर दिया था। मिस्र की सरकार ने उन्हें गिरफ़तार करने के बाद उन पर दिखवाटी मुक़द्दमा चलाया और आजीवन कारावास का दंड दे दिया। किंतु कुछ समय बाद सुलैमान ख़ातिर का शव जेल में फांसी पर लटका हुआ पाया गया। मिस्र की सरकार ने दावा किया कि उन्होने आत्महत्या की है।