आज का इतिहास 2 दिसम्बर - Study Search Point

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आज का इतिहास 2 दिसम्बर

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1911-जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी भारत आने वाले ब्रिटेन के पहले राजा-रानी बनें उनके बंबई (अब मुम्बई)आगमन की याद में ही गेटवे ऑफ इंडिया बनाया गया।

1918- भारत के प्रमुख शिक्षाशास्त्री गुरुदास बैनर्जी का निधन हुआ।


1942- पांडिचेरी (अब पुड्डुचेरी)में श्री अरविंदो आश्रम स्कूल की स्थापना हुई, जिसे बाद में श्री अरविंदो इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एजुकेशन के नाम से जाना गया।


1954 - दक्षिण पूर्वी ऐशिया में स्थित देश लाओस को स्वतंत्रता मिली। वर्ष 1954 में ही  जेनेवा में विश्व की बड़ी शकतियों और क्षेत्रीय देशों की भागीदारी से एक सम्मेलन हुआ। जिसमें उस देश की स्वाधीनता को स्वीकृति मिली। यह देश वर्ष 1892 से औपचारिक रुप से फ़्रांस के अधीन हो गया। वर्ष 1949 में चीन और भारत के स्वतंत्रता आंदोलनों को देखते हुए फ़्रांस ने लाओस को सीमित स्वायत्तता दे दी किंतु वियतनाम की जनता के फ़्रांस विरोधी आंदोलन के साथ ही वर्ष 1950 में लाओस में भी ऐसा ही आंदोलन आरंभ हो गया जिसका चीन और वियतनाम ने समर्थन किया।

1956- क्यूबा के नेता फीडल कास्त्रो ने अपने देश को मुक्ति दिलाने के लिए आंदोलन आरंभ किया। कास्त्रो ने बैटिस्टा की पिट्ठू सरकार के विरुद्ध अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर सशस्त्र संघर्ष आरंभ किया। बौटिस्टा के सैनिकों ने इस आंदोलन को निर्दयता से कुचल दिया तथा कास्त्रो को गिरफ़तार करके जेल में डाल दिया गया। कुछ समय बाद कास्त्रो को निर्वासित कर दिया गया। 

1965- सीमा सुरक्षा बल की स्थापना हुई।

1971- संयुक्त अरब अमीरात ने ब्रिटेन से स्वतंत्र होने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि फ़ार्स की खाड़ी के दक्षिणी देश सन 1920 तक ब्रिटेन के अधीन थे और इन देशो के शासक ब्रिटेन के दूतों के निरीक्षण में अपने अपने क्षेत्रों का संचालन करते थे। ब्रिटेन ने इस क्षेत्र में अनेक सैनिक छावनियां बना लीं किंतु दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन कमज़ोर हो गया और फ़ार्स की खाड़ी उसके नियंत्रण से बाहर निकलने लगी।


1995 - कनाडा के प्रसिद्ध उपन्यासकार.नाटककार और आलोचक रार्बट्सन डेविस का निधन हुआ।


1999- भारत में बीमा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश को मंजूरी मिली।


2003- हेग स्थित संयुक्त राष्ट्र के युद्धापराध न्यायालय ने बोस्नियाई सर्ब के पूर्व सैन्य कमांडर मोमिर निकोलिक को 1995 में हुए सर्बनिका नरसंहार में दोषी पाया गया और उसे 27 साल कैद की सजा सुनाई गई।

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