आज का इतिहास 12 दिसम्बर - Study Search Point

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आज का इतिहास 12 दिसम्बर

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1323- को इटली के पर्यटक मार्कों पोलो का 69 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे वेनिस में जन्में थे। और उन्होंने 17 वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ लम्बी यात्रा आरंभ की। उन्होंने अपनी बीस वर्ष की यात्राओं में कई एशियायी देशों विशेषकर चीन की यात्रा की 1291 में वे अपनी मात्रृभूमि वेनिस लौट गये। वहॉ पहुँच कर उनहोंने एक पुस्तक लिखी जिसमें उन शहरों विशेष कर चीन के मंगोल शासकों के दरबार का शब्दों में चित्रण किया जिन्हें वे इस यात्रा में देख कर आए थे। अपनी इस पुस्तक से वे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गये।

1787- पेनसिल्वेनिया अमेरिका के संविधान को अंगीकार करने वाला दूसरा प्रांत बना।


1800- वाशिंगटन डीसी को अमेरिका की राजधानी बनाया गया।


1822- अमेरिका द्वारा मेक्सिको को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई।


1872- स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू महासभा के अध्यक्ष बालकृष्ण शिवराम मुंजे का जन्म हुआ।


1884- आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया।


1901- को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिली आज के दिन बिना किसी तार का प्रयोग किए रेडियायी लहरों द्वारा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में एक वाक्य प्रसारित किया गया। उस यंत्र के अविष्कारक मारकोनी थे जिससे यह वाक्य प्रसारित किया गया। इटली के भौतिक शास्त्री मारकोनी ने बाद में रेडियो का अविष्कार किया।


1911- कोलकाता की जगह दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया।

1963- अफ़्रीक़ा महाद्वीप के देश कीनिया ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की और इस दिन को इस देश का राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। यह देश 20वीं शताब्दी के आरंभ से ब्रिटेन के अधिकार में चला गया और 1920 ईसवी से औपचारिक  रुप से ब्रिटेन का उपनिवेश बन गया। कीनिया के उपनिवेश बनते ही इस देश में जोमे किन्याता के नेतृत्व में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध जनान्दोलन आरंभ हो गया। ब्रिटेन के श्वेतों की एकाधिकार की प्रवृत्ति और जातीय भेदभाव पर आधारित नीति ने वर्ष 1950 में इस देश को युद्ध के मुहाने तक पहुँचा दिया। श्यामवर्ण वालो के संघर्ष के अत्यंत भयंकर रुप ले लेने के बाद इस देश का संविधान पारित हुआ। जिसमें समस्त जातियों के एक समान होने को सुनिश्चित किया गया था।


1964- प्रसिद्ध हिंदी कवि एवं साहित्यकार मैथिलीशरण गुप्त का निधन हुआ।

1971- भारतीय संसद द्वारा पूर्व राजाओं को प्रदान की जानी वाली सभी सुविधाओं और जेब खर्चों को रद्द कर दिया गया।


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