पाकिस्तान अपने यूनिवर्सिटी स्तर के छात्रों को भारत विरोधी आतंकी गुटों की मदद करने की ट्रेनिंग दे रहा है, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

पाकिस्तान अपने यूनिवर्सिटी स्तर के छात्रों को भारत विरोधी आतंकी गुटों की मदद करने की ट्रेनिंग दे रहा है,

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पाकिस्तान अपने यूनिवर्सिटी स्तर के छात्रों को भारत विरोधी आतंकी गुटों की मदद करने की ट्रेनिंग दे रहा है। यह दावा अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के सूत्रों ने किया है। इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई फेसबुक और टि्वटर के जरिए लोगों को लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी गुटों को सपोर्ट करने के लिए तैयार कर रही है। बता दें कि मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद इन दोनों संगठनों कर्ताधर्ता है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग का यह खुलासा ऎसे वक्त पर हुआ है, जब हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ओबामा प्रशासन के कई बडे अफसरों से मिले थे।


न्यूज एजेंसी पीटीआई के पास मौजूद डोजियर के एक हिस्से के मुताबिक, पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर कुछ लोग आतंकी गुटों के सपोर्ट में प्रोपेगैंडा चला रहे हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान के मलिक सलमान जावेद नाम के एक शख्स ने हाल ही में "स्ट्रेटेजेम" नाम की एक ऑनलाइन मैगजीन शुरू की है। मलिक पाकिस्तान की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) के नेशनल सिक्युरिटी वर्कशॉप से ग्रैजुएट है। उसने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि वह एनडीयू का पुराना छात्र है। वह टि्वटर पर कई सालों से जमात उद-दावा के सपोर्ट में लिखता रहा है। स्ट्रेटेजेम के पहले इश्यू में एम. जैनुलबीदिन अमीर नाम के एक लेखक ने जेयूडी के मौलाना हमजा को इस्लाम का हिमायती बताया था। अमीर के फेसबुक पेज से भी पता चलता है कि वह लगातार जेयूडी के सपोर्ट में लिखता रहा है।
यूएस डोजियर के मुताबिक, पीकेकेएच (पाकिस्तान का खुदा हाफिज), फोट्रेस और एनडीयू के खिलाफ कुछ अहम सबूत मिले हैं। ये सबूत बताते हैं कि स्ट्रेटेजेम के कुछ मेंबर्स का प्रतिबंधित आतंकी गुट जमात उद-दावा (जेयूडी) के प्रति अलग तरह से झुकाव है। खासकर पीकेकेएच एक स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट है, जिसका जेयूडी से 2010 से कुछ न कुछ रिश्ता है। 2010 में पीकेकेएच ने "मेयर लॉग" लॉन्च किया था। इसके तहत बाढ पीडितों की मदद करने के लिए एक डिजास्टर रिलीफ ऑपरेशन चलाया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, "मेयर लॉग" को जेयूडी और पाकिस्तानी आर्मी ने ऑर्गनाइज किया था।

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