आज का इतिहास 31 अक्तूबर - Study Search Point

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आज का इतिहास 31 अक्तूबर

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1864- नेवादा अमेरिका का 36वां प्रांत बना।

1875- देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म। भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म हुआ। भारत की स्वतंत्रता के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। उन्हे भारत का लौह पुरूष भी कहा जाता है। उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होने बैरिस्टर की पढाई पूरी की और वापस आकर गुजरात के अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया। स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान खेडा संघर्ष था। गुजरात का खेडा खण्ड उन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में था। किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। जब यह स्वीकार नहीं किया गया तो सरदार पटेल, गांधीजी एवं अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हे कर न देने के लिये प्रेरित किया। अन्त में सरकार झुकी और उस वर्ष करों में राहत दी गयी।

1908- चौथे ओलंपिक खेलों का लंदन में समापन।

1914- ब्रिटेन तथा फ्रांस ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।


1920- मध्य यूरोपीय देश रोमानिया ने पूर्वी यूरोप के बेसाराबिया पर कब्जा किया।


1920- अखिल भारतीय व्यापार संघ कांग्रेस का उद्घाटन सत्र बंबई (अब मुंबई) में शुरू।


1953- बेल्जियम में टेलीविजन का प्रसारण शुरू हुआ।


1956- स्वेज नहर को फिर से खोलने के लिए ब्रिटेन तथा फ्रांस ने मिस्र पर बमबारी शुरू की।


1966- भारत के मशहूर तैराक मिहिर सेन ने तैरकर पनामा नहर को पार किया।


1978- यमन ने अपना संविधान अंगीकार किया।


1984- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने दिल्ली के उनके निवास में गोली मारकर हत्या कर दी। इन दोनों अंगरक्षकों का नाम सतवंत सिंह और बलवंत सिंह था और उन्होंने इसके लिए अपनी सर्विस राइफ़ल का प्रयोग किया था। उनके अंगरक्षकों ने उनकी हत्या नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री निवास के बगीचे में की थी। बताया जाता है कि बलवंत सिंह ने उनपर तीन राउंड गोलिया चलाई और सतवंत सिंह ने एक स्टेन कारबाईन से उनपर बाईस राउंड गोली चलाई। घटना के तुरंत बाद इंदिरा गांधी के अन्य अंगरक्षकों ने बलवंत सिंह को गोली मार दी और सतवंत सिंह को गोली मारकर गिरफ़्तार कर लिया गया।

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