शारदा नहर उत्तर प्रदेश राज्य की सर्वाधिक लम्बी नहर है। यह उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा के समीप गोमती नदी के किनारे 'वनबासा' नामक स्थान से निकाली गई है। नहर का निर्माण कार्य 1920 से प्रारम्भ हुआ और 1928 में पूर्ण हुआ था। इस नहर द्वारा पीलीभीत, बरेली, शाहजहाँपुर, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद आदि ज़िलों की लगभग 8 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। शाखा-प्रशाखाओं सहित शारदा नहर की कुल लम्बाई 12,368 किलोमीटर है। नहर की मुख्य शाखाएँ खीरी, शारदा-देवा, बीसलपुर, निगोही, सीतापुर, लखनऊ और हरदोई आदि हैं। इस नहर पर 'खातिमा शक्ति केन्द्र' भी स्थापित किया गया है।
यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। ललितपुर ज़िले की शहज़ाद नदी पर ललितपुर बाँध बनाया गया है। जिससे नहर निकाली गई है, इस नहर से झाँसी, ललितपुर, जालौन और हमीरपुर की भूमि सींची जाती है।
यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। यह नहर झाँसी मउरानीपुर से 8 किलोमीटर दक्षिण की ओर करौंदा गाँव के निकट से सपरार नदी पर बने बाँध से निकाली गई है। इसके द्वारा झाँसी व हमीरपुर ज़िलों की लगभग 40 हज़ार एकड़ अतिरिक्त भूमि की सिंचाई होती है।
मौहदा बाँध नहर
यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। हमीरपुर ज़िले में बिरमा नदी पर 69.54 करोड़ रुपये की लागत से एक बाँध बनाना प्रस्तावित है। इसके पूरा हो जाने पर ज़िले में 28,240 हैक्टेयर भूमि की अतिरिक्त सिंचाई हो सकेगी।यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। गढ़वाल ज़िले के कालागढ़ स्थान के समीप रामगंगा नदी पर एक बाँध बनाया गया है, जिससे 3200 किलोमीटर लम्बी नहरें निकाली गई हैं। जो 17.05 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई करती हैं।
रगँवा बाँध नहर
यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। केन की सहायक वरर्ने नदी पर मध्य प्रदेश में रगँवा बाँध बनाया गया है। जिससे निकाली गई नहर से केन नहर को भी पानी मिलेगा और बाँदा ज़िले की 93,000 एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
बेलन टौंस नहर
यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। झाँसी ज़िले में बेतवा नदी पर माता टीला स्थान निर्मित माता टीला बाँध से गुरसराय और मंदर नामक दो नहरें निकाली गई हैं। जो हमीरपुर और जालौन ज़िलों की लगभग 2.64 लाख एकड़ भूमि सींचती है। इस योजना के दूसरे चरण के पूरा होने पर 4 लाख एकड़ अतिरिक्त भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
बेलन टौंस नहर उत्तर प्रदेश की एक नहर है। बेलन नहर द्वारा इलाहाबाद ज़िले की लगभग 1 लाख एकड़ भूमि सींची जाती है। टोंस नदी की सहायक नदी बेलन पर रीवा ज़िले (मध्य प्रदेश) में बरोधा बाँध और बेलन की सहायक मरुहर नदी पर एक जलाशय बनाया गया है। जिससे यह नहर निकली है।