वित्त मंत्रालय ने आखिरकार प्लास्िटक मनी को बढ़ावा देने का पूरा मन बना लिया है। इस क्रम में मंत्रालय की ओर से जून में बनाई गई योजना को विस्तृत रूप देने की नई योजना बनाई जा रही है। इस योजना के तहत दीपावली के खास मौके पर केंद्र सरकार डेबिट-क्रेडिट कार्ड घारकों को एक नया तोहफा देने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि क्या होगा खास केंद्र सरकार के इस तोहफे के तहत। दरअसल तोहफे में सरकार की ओर से डेबिट-क्रेडिट कार्ड धारकों को आयकर में दो प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान बनाया जा रहा है। मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो 100 रुपये से ऊपर हर एक खरीद को कार्ड की मदद से लिए जाने पर ग्राहकों को 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
इसके इतर ये भी बात सही है कि छूट का वर्गीकरण कार्ड से किए गए खर्च के आधार पर होगा। इसका मतलब ये है कि प्लास्टिक मनी का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले को अब ज्यादा फायदा मिलेगा। यहां बड़ी और खास बात ये है कि सरकार आयकर में सिर्फ ग्राहकों को ही नहीं दुकानदारों को भी छूट दिलाएगी। उनको मिलने वाली छूट आधे से एक प्रतिशत तक होगी। वहीं इसके लिए जरूरी सिर्फ इतना होगा कि इस लाभ का फायदा उठाने के लिए एक निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना होगा। जानकारी देते हुए मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम, खाद्य व निगमों को भी सरकार की ओर से इस व्यवस्था का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में इनको भी व्यवस्था का इस्तेमाल कर लाभ लेने के निर्देश जारी किए जाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं एक लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन को नकद की बजाय इलेक्ट्रॉनिक या चेक की मदद से अनिवार्य किया जाएगा।
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इसके इतर ये भी बात सही है कि छूट का वर्गीकरण कार्ड से किए गए खर्च के आधार पर होगा। इसका मतलब ये है कि प्लास्टिक मनी का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले को अब ज्यादा फायदा मिलेगा। यहां बड़ी और खास बात ये है कि सरकार आयकर में सिर्फ ग्राहकों को ही नहीं दुकानदारों को भी छूट दिलाएगी। उनको मिलने वाली छूट आधे से एक प्रतिशत तक होगी। वहीं इसके लिए जरूरी सिर्फ इतना होगा कि इस लाभ का फायदा उठाने के लिए एक निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना होगा। जानकारी देते हुए मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टेलीकॉम, खाद्य व निगमों को भी सरकार की ओर से इस व्यवस्था का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में इनको भी व्यवस्था का इस्तेमाल कर लाभ लेने के निर्देश जारी किए जाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं एक लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन को नकद की बजाय इलेक्ट्रॉनिक या चेक की मदद से अनिवार्य किया जाएगा।
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