गुलज़ार (Gulzar, वास्तविक नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा, 18 अगस्त, 1936) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार के अलावा ये एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। इनकी रचनाएँ मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं। गुलज़ार को वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2009 में डैनी बॉयल द्वारा निर्देशित फ़िल्म स्लमडॉग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत 'जय हो...' के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार भी मिल चुका है। इसी गीत के लिये गुलज़ार को ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2013 के लिए गुलज़ार को भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया। पश्चिमी पंजाब के झेलम ज़िले (जो अब पाकिस्तान में है) के दीना गांव में 18 अगस्त 1936 को जन्मे सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलज़ार ने न सिर्फ गीतकार के रूप में ही नहीं बल्कि लेखक, निर्माता और निर्देशक के रूप में भी बॉलीवुड में अपना विशेष योगदान दिया है। बचपन के दिनों से ही शेर-ओ-शायरी का शौक़ रखने वाले गुलज़ार अंताक्षरी के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते थे। उन्हें गीत संगीत के प्रति ख़ासी रूचि थी। वह रवि शंकर और अली अकबर खान के कार्यक्रम सुनने के लिए जाया करते थे। वर्ष 1947 में हिन्दुस्तान विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर चला आया। इसके बाद अपने सपनों को नया रूप देने के लिए गुलज़ार मुंबई आ गए लेकिन सपनों की नगरी में उन्हें काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अपने जीवन यापन के लिए उन्होंने मोटर गैराज में एक मैकेनिक की नौकरी भी की।
मुंबई आने के बाद कवि के रूप में गुलज़ार 'पी.डब्लू.ए.' से जुड़ गए। उन्होंने अपने सिने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1961 में बॉलीवुड के महान् निर्देशक बिमल रॉय के सहायक के रूप में की। गुलज़ार ने ऋषिकेश मुखर्जी और हेमन्त कुमार के सहायक के तौर पर भी काम किया। बिमल राय ने अपने इस सहायक निर्देशक के भीतर एक ऐसे कवि को देखा जो रूहानी और रोमानी शब्दों से इस तरह खेलता था जैसे बच्चे खिलौनों से खेलते हैं। उन्होंने गुलज़ार को सहायक निर्देशक के रूप में काम देते हुए अपनी क्लासिक फ़िल्म 'बंदिनी' के लिए गीत लिखने का काम दिया। गीतकार के रूप में गुलज़ार ने पहला गाना 'मेरा गोरा अंग लेई ले' वर्ष 1963 में प्रदर्शित फ़िल्म 'बंदिनी' के लिए लिखा। जब तक बंदिनी प्रदर्शित हुई उससे पहले बलराज साहनी की फ़िल्म 'काबुली वाला' का प्रदर्शन हो गया। इस फ़िल्म के गीतों को भी गुलज़ार ने ही लिखा था। काबुली वाला में उनका लिखा गाना 'ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछडे चमन, तुझ पे दिल कुर्बान' और 'गंगा आए कहां से, गंगा जाए कहां से' ने उन्हें न सिर्फ श्रोताओं और दर्शकों की नज़र में उभार दिया था बल्कि बंदिनी के गीतकार के रूप में दर्शकों ने जब उनका नाम सुना तो उम्मीदें ज़्यादा बढ़ गईं और गुलज़ार श्रोताओं की उम्मीदों पर न सिर्फ खरे उतरे बल्कि उन्होंने अपने लिए बॉलीवुड में नाम और शोहरत भी पाई।
फ़िल्म निर्देशन -
काबुली वाला के बाद गुलज़ार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने एक से बढ़कर एक गीत लिखकर जन-जन के हृदय के तार झनझनाए और उन्हें भाव विभोर कर फ़िल्मी गीत गंगा को समृद्ध किया। गुलज़ार ने वर्ष 1971 में फ़िल्म 'मेरे अपने' के जरिए निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा। अपने समय की 'ट्रेजडी क्वीन' के नाम से विख्यात मीना कुमारी के साथ उन्होंने विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा को इस फ़िल्म में पेश किया था। 'मेरे अपने' फ़िल्म मीना कुमारी के दमदार अभिनय और गुलज़ार की निर्देशकीय क्षमता की वजह से सफलता पाने में कामयाब हुई। गुलज़ार ने अपनी फ़िल्मों में अनगिनत अभिनेत्रियों को बेहतरीन किरदारों में पेश किया। उन्होंने सुचित्रा सेन के साथ 'आंधी', रेखा के साथ 'इजाज़त', हेमा मालिनी के साथ 'खुशबू', 'किनारा', शबाना के साथ 'देवता', शर्मिला टैगोर के साथ 'मौसम', 'नमकीन' जैसी अविस्मरणीय फ़िल्में बनाई। संजीव कुमार गुलज़ार के पसन्दीदा कलाकार थे। संजीव कुमार को लेकर उन्होंने 'मौसम', 'कोशिश', 'आंधी', 'नमकीन', 'अंगूर', 'देवता' जैसी अविस्मरणीय फ़िल्में दीं। ऐसा नहीं कि उन्होंने अन्य नायकों के साथ काम नहीं किया उन्होंने अपनी शुरूआत विनोद खन्ना से की थी उनके साथ उन्होंने समय-समय कुछ चुनिंदा फ़िल्में- 'अचानक', 'लेकिन' और 'मीरा' जैसी फ़िल्में कीं।
प्रमुख फ़िल्में (बतौर निर्देशक) -
- मेरे अपने (1971)
- परिचय (1972)
- कोशिश (1972)
- अचानक (1973)
- खुशबू (1974)
- आँधी (1975)
- मौसम (1976)
- किनारा (1977)
- किताब (1978)
- अंगूर (1980)
- नमकीन (1981)
- मीरा (1981)
- इजाजत (1986)
- लेकिन (1990)
- लिबास (1993)
- माचिस (1996)
- हु तू तू (1999)
- टीवी सीरियल -
⇒ किरदार (1993)
गीत लेखन -
गुलजार द्वारा लिखे गए गीतों वाले फिल्मों की सूची-
⇒ ओमकारा⇒ रेनकोट
⇒ पिंजर
⇒ दिल से
⇒ आँधी
⇒ दूसरी सीता
⇒ इजाजत
⇒ आँधी (1975) - पटकथा, संवाद
⇒ मीरा (1979) - पटकथा, संवाद
सम्मान और पुरस्कार -
- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ गीतकार - 1977, 1979, 1980, 1983, 1988, 1988, 1991, 1998, 2002, 2005
- साहित्य अकादमी पुरस्कार 2002 में
- पद्मभूषण - 2004 गुलज़ार को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं।
- ऑस्कर (सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत का) - 2009 में अंग्रेजी चलचित्र 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के गीत 'जय हो' के लिए
- ग्रैमी पुरस्कार- 2010 में।
- दादा साहब फाल्के सम्मान - 2013