ट्रेनों में बदबूदार टॉयलेट अब अतीत की बात, वैक्यूम टॉयलेट को प्रायोगिक तौर पर चलाने वाला है - Study Search Point

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ट्रेनों में बदबूदार टॉयलेट अब अतीत की बात, वैक्यूम टॉयलेट को प्रायोगिक तौर पर चलाने वाला है

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ट्रेनों में बदबूदार टॉयलेट अब अतीत की बात होगी। रेलवे सोमवार से डिब्रूगढ राजधानी में वैक्यूम टॉयलेट को प्रायोगिक तौर पर चलाने वाला है।

परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे में पहली बार प्रायोगिक तौर पर वैक्यूम टॉयलेट 14 सितंबर से डिब्रूगढ़ राजधानी में लगाया जाएगा। तकरीबन तीन लाख रुपए अनुमानित कीमत पर प्रथम एसी कोच में लगाया जा रहा वैक्यूम टॉयलेट बायो डायजेस्टर तंत्र से भी लैस है। वैक्यूम टॉयलेट का अभी विमानों में इस्तेमाल हो रहा है। अधिकारी ने बताया कि योजना के मुताबिक रेलवे शुरुआत में शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में इस तरह के 80 टॉयलेट की स्थापना करेगा।   तकरीबन तीन लाख रूपये अनुमानित कीमत पर प्रथम एसी कोच में लगाया जा रहा वैक्यूम टॉयलेट बायो डायजेस्टर तंत्र से भी लैस है। वैक्यूम टॉइलट्स का अभी विमानों में संचालन हो रहा है। अधिकारी ने बताया कि योजना के मुताबिक रेलवे शुरुआत में शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में इस तरह के 80 शौचालयों की स्थापना करेगा। जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने 25 करोड़ रुपये की लागत पर वैक्यूम टॉयलेट्स स्थापित करने के लिए वैश्विक निविदाएं मंगायी हैं।

दिलचस्प बात यह भी है कि जर्मनी, अमेरिका, डेनमार्क और स्पेन की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इस तरह के सिस्टम निर्माण और इसे लगाने में दिलचस्पी भी दिखाई है।पर्यावरण अनुकूल निर्वात आधारित इन टॉयलेट्स में पारंपरिक टॉयलेट्स की तुलना में बेहतर फ्लश, जल संरक्षण के उपायों के साथ बहुत कम पानी का उपभोग होता है। इसके साथ ही रेल की लाइनों को भी इससे नुकसान नहीं पहुंचता है।

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