1895- भारत के प्रसिद्ध समाज सेवी आचार्य विनोबा भावे का जन्म महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के गागोदा नाम गांव में हुआ। उनका पूरा नाम विनायक नरहरि भावे था। उन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उतराधिकारी समझा जाता था। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष महाराष्ट्र के पुनार क्षेत्र के आश्रम में व्यतीत किए। इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को अनुशासन पर्व कहने के कारण वे वि्वाद मे भी रहे।
1911- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से पहला शतक जमाने वाले क्रिकेटर लाला अमरनाथ का जन्म!
1919-अमेरिकी नौसेना ने होंडुरास पर आक्रमण किया।
1939- इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1941- अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का निर्माण शुरू हुआ।
1951- इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली पहली महिला बनी फ्लोरेंस चैडविक। उन्हें इंग्लैंड से फ्रांस पहुंचने में 16 घंटे और 19 मिनट लगे।
1961- विश्व वन्यजीव कोष का स्थापना।
1965- भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दक्षिण पूर्वी लाहौर के निकट बुर्की शहर पर कब्जा किया।
1971- मिस्र ने संविधान अपनाया।
1987- भारत की प्रसिद्ध व प्रतिभावान कवित्री महादेवी वर्मा का निधन हुआ। उनका जन्म 26 मार्च वर्ष 1907 को हुआ था। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभो में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का रूप दिया।
1911- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की ओर से पहला शतक जमाने वाले क्रिकेटर लाला अमरनाथ का जन्म!
1919-अमेरिकी नौसेना ने होंडुरास पर आक्रमण किया।
1939- इराक और सऊदी अरब ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1941- अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का निर्माण शुरू हुआ।
1951- इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली पहली महिला बनी फ्लोरेंस चैडविक। उन्हें इंग्लैंड से फ्रांस पहुंचने में 16 घंटे और 19 मिनट लगे।
1961- विश्व वन्यजीव कोष का स्थापना।
1965- भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दक्षिण पूर्वी लाहौर के निकट बुर्की शहर पर कब्जा किया।
1971- मिस्र ने संविधान अपनाया।
1987- भारत की प्रसिद्ध व प्रतिभावान कवित्री महादेवी वर्मा का निधन हुआ। उनका जन्म 26 मार्च वर्ष 1907 को हुआ था। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभो में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का रूप दिया।