रासायनिक अभियान्त्रिकी (Chemical Engineering) रसायन शास्त्र, भौतिकी, अर्थशास्त्र वगैरह और उनके सिद्धान्तों को औद्योगिक उपयोगों में प्रयुक्त कराने वाला विज्ञान या व्यवसाय है। इसका मुख्य हिस्सा प्रक्रम अभियान्त्रिकी कहलाता है, जिसमें भारी मात्रा में निर्मित रसायनों को औद्योगिक स्तर पर सहज तरीके से बनाने का अध्ययन किया जाता है। लेकिन आज रासायनिक अभियान्त्रिकी सिर्फ़ इसी तक सीमित नहीं है। आज रासायनिक अभियन्ता जैवप्रौद्योगिकी(जेनेटिक्स, ख़मीरीकरण आदि) विषयों पर काम और शोध करते हैं और विमान, अन्तरिक्ष यान, खाद्य पदार्थ, जैवमेडिकल संयन्त्र, सिलिकॉन तकनीकी.नैनोतकनीकी, इलेक्ट्रॉनिक्स वगैरह के क्षेत्रों में नये और उच्च कोटि के पदार्थों का निर्माण भी सहज तरीके से करते हैं।
उपयोग : - रासायनिक इंजीनियरी अनेकानेक प्रकार के उत्पादों के निर्माण में प्रयुक्त होती है। अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायनों का निर्माण करना, सिरैमिक्स, ईंधन,पेट्रोरसायन, कृषिरसायन (agrochemicals जैसे उर्वरक, कीटनाशक, घासफूसनाशक (herbicides)), प्लास्टिक एवं एलास्टोमर, विस्फोटक, डिटरजेंत एवं डिटरजेन्ट उत्पाद (जैसे साबुन, शैम्पू, सफाई में प्रयुक्त द्रव आदि]], इत्र, फ्लेवर, एवं औषधियों आदि का निर्माण रसायन इंजीनियरी के प्रमुख अनुप्रयोग हैं।
रसायन इंजीनियरी से सम्बन्धित विषय हैं - काष्ठ प्रसंस्करण (wood processing), खाद्य प्रसंस्करण (food processing), पर्यावरण तकनीकी(environmental technology), तथा पेट्रोलियम, काँच, पेंट, चिपकाने वाले पदार्थ (adhesives) आदि
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें