केन्द्र शासित प्रदेश : अंडमान एवं निकोबार - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

केन्द्र शासित प्रदेश : अंडमान एवं निकोबार

Share This
इतिहास
अण्डमान शब्द मलय भाषा के शब्द हांदुमन से आया है जो हिन्दू देवता हनुमान के नाम का परिवर्तित रूप है। निकोबार शब्द भी इसी भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है नग्न लोगों की भूमि। हिन्द महासागरमें बसा निर्मल और शांत अण्डमान पर्यटकों के मन को असीम आनंद की अनुभूति कराता भारत का एक लोकप्रिय द्वीप समूह है। अण्डमान अपने आंचल में मूंगा भित्ति, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी स्मृतियों से जुड़े खण्डहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां संजोए है। सुन्दरता में एक से बढ़कर एक यहां कुल 572द्वीप हैं। अण्डमान का लगभग 86 प्रतिशत क्षेत्रफल जंगलों से ढका हुआ है। समुद्री जीवन, इतिहास और जलक्रीड़ाओं में रूचि रखने वाले पर्यटकों को यह द्वीप बहुत रास आता है। अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, (Andaman and Nicobar Islands) भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण मेंहिन्द महासागर में स्थित है। अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह लगभग 572 छोटे बड़े द्वीपों से मिलकर बना है जिनमें से सिर्फ कुछ ही द्वीपों पर लोग रहते हैं। यहाँ की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। भारत का यह केन्द्र शासित प्रदेश हिंद महासागर में स्थित है और भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है।

यह इंडोनेशिया के आचे के उत्तर में 150 किमी पर स्थित है तथा अंडमान सागर इसे थाईलैंड और म्यांमार से अलग करता है। दो प्रमुख द्वीपसमूहों से मिलकर बने इस द्वीपसमूह को 10° उ अक्षांश पृथक करती है, जिसके उत्तर में अंडमान द्वीप समूह और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। इस द्वीपसमूह के पूर्व में अंडमान सागर और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी स्थित है। द्वीपसमूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर एक अंडमानी शहर है। 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 356152 है। पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 6496 किमी² या 2508 वर्ग मील है। भारतीय भाषाओं में नाम : -
  1. बांग्ला:আন্দামান ও নিকোবর দ্বীপপুঞ্জ,
  2. तमिल: அந்தமான் நிக்கோபார் தீவுகள்,
  3. तेलुगु:అండమాన్ నికోబార్ దీవులు,
  4. मलयालम: ആന്തമാന്‍ നിക്കോബാര്‍ ദ്വീപുകള്‍
इस द्वीप समूह पर 17 वीं सदी में मराठों द्वारा अधिकार किया गया था। इसके बाद इस पर अंग्रेजों का शासन हो गया और बाद में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरानजापान द्वारा इस पर अधिकार कर लिया गया। कुछ समय के लिये यह द्वीप नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज के अधीन भी रहा था। और जनरल लोकनाथन यहाँ के गवर्नर रहे थे। १९४७ में ब्रिटिश सरकार से मुक्ति के बाद यह भारत का केन्द्र शासित प्रदेश बना। ब्रिटिश शासन द्वारा इस स्थान का उपयोग स्वाधीनता आंदोलन में दमनकारी नीतियों के तहत क्रांतिकारियों को भारत से अलग रखने के लिये किया जाता था। इसी कारण यह स्थान आंदोलनकारियों के बीच काला पानी के नाम से कुख्यात था। कैद के लिये पोर्ट ब्लेयर में एक अलग कारागार, सेल्यूलर जेल का निर्माण किया गया था जो ब्रिटिश इंडिया के लिये साइबेरिया की समान था।
इस द्वीप समूह प्रदेश में कुल 51,694.35 हेक्‍टेयर भूमि में खेती की जाती है। जिसमें से 8,068.71 हेक्‍टेयर भूमि सुनामी/भूकंप से तबाह हो गई है। इसमें से 2,177.70 हेक्‍टेयर में धान व अन्‍य फ़सलें तथा 5,891.01 हेक्‍टेयर में पौधों की फ़सल नष्‍ट हो गई। 4206.64 हेक्‍टेयर खेती की भूमि स्‍थायी रूप से पानी में डूब गई है। धान यहाँ का प्रमुख खाद्यान्‍न और फ़सल है जो मुख्‍यत: अंडमान द्वीप समूह में उगाया जाता है। निकोबार द्वीप समूह की मुख्‍य नकदी फ़सलनारियल और सुपारी है। रबी की फ़सल में दालें, तिलहन और सब्जियां उगाई जाती हैं जिसके बाद धान की फ़सल बोई जाती है। यहाँ के किसान पहाडी ज़मीन पर विभिन्न प्रकार के फल- आम, सेपोटा, संतराकेलापपीता, अनान्‍नास और कंदमूल उगाते हैं।  इस द्वीप समूह प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7,171 वर्ग किलोमीटर भाग वनों से ढका हुआ है। इन द्वीपों पर लगभग सभी प्रकार के वन जैसे उष्‍णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन, उष्‍णकटिबंधीय अर्द्ध सदाबहार वन, आर्द्र पर्णपाती, गिरि शिखर पर होने वाले तथा तटवर्ती और दलदली वन पाए जाते हैं। अंडमान निकोबार में विभिन्‍न प्रकार की लकडियां पाई जाती हैं। इन द्वीपों में 96 वन्‍य जीव अभयारण्‍य, नौ राष्‍ट्रीय पार्क तथा एक जैव संरक्षित क्षेत्र (बायो रिजर्व केन्द्र) है।
स्‍तनपायी - अब तक अधिसूचित कुल 55 स्‍थलीय एवं 7 समुद्री स्‍तनपायी प्रजातियों में से 32 क्षेत्र विशेष में पाई जाती हैं।
पक्षी - इन द्वीपों में पक्षियों की 246 प्रजातियां एवं उपप्रजातियां मिलती हैं जिनमें से 99 प्रजातियां एवं उपप्रजातियां क्षेत्र विशेष में पाई जाती हैं।
सरीसृप - इस राज्‍य में सरीसृपों की 76 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें से 24 क्षेत्र विशेष तक सीमित हैं।
समुद्री जीव - इन द्वीपों के समुद्र में मछलियों की 1200 से अधिक प्रजातियां, इकाइनो डर्म की 350, घोंघा (मोलस्‍क) समूह की 1000 तथा अन्‍य सूक्ष्‍म प्रजातियां पाई जाती हैं। कशेरूकी प्राणियों में मुख्‍यत: ड्यूगॉग, डॉल्फिन, व्‍हेल, खारे पानी के घडियाल, समुद्री कछुए तथा समुद्री सर्प इत्‍यादि मिलते हैं।
मूंगा एवं प्रवाल - अभी तक 61 वर्गों के प्रवालों की 179 प्रजातियां ज्ञात हैं। पूर्वी तट पर मुख्‍यत: झब्‍बेदार (फ्रिजिंग) तथा पश्चिमी तट पर अवरोधी (बैरियर) प्रवाल पाए जाते हैं।
 प्रमुख आकर्षण
 सेलुलर जेल
अण्दमान और निकोबार द्वीपसमूह
अंग्रेजी सरकार द्वारा भारत के स्वतंत्रता सैनानियों पर किए गए अत्याचारों की मूक गवाह इस जेल की नींव 1897 में रखी गई थी। इस जेल के अंदर 694 कोठरियां हैं। इन कोठरियों को बनाने का उद्देश्य बंदियों के आपसी मेल जोल को रोकना था। आक्टोपस की तरह सात शाखाओं में फैली इस विशाल कारागार के अब केवल तीन अंश बचे हैं। कारागार की दीवारों पर वीर शहीदों के नाम लिखे हैं। यहां एक संग्रहालय भी है जहां उन अस्त्रों को देखा जा सकता है जिनसे स्वतंत्रता सैनानियों पर अत्याचार किए जाते थे।
कार्बिन कोव्स तट
हरे-भरे वृक्षों से घिरा यह समुद्रतट एक मनोरम स्थान है। यहां समुद्र में डुबकी लगाकर पानी के नीचे की दुनिया का अवलोकन किया जा सकता है। यहां से सूर्यास्त का अद्भुत नजारा काफी आकर्षक प्रतीत होता है। यह बीच अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए लोकप्रिय है।
रॉस द्वीप
यह द्वीप ब्रिटिश वास्तुशिल्प के खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है। रॉस द्वीप 200 एकड़ में फैला हुआ है। फीनिक्स उपसागर से नाव के माध्यम से चंद मिनटों में रॉस द्वीप पहुंचा जा सकता है। सुबह के समय यह द्वीप पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है।
पिपोघाट फार्म
80 एकड में फैला पिपोघाट फार्म दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव- जन्तुओं के लिए जाना जाता है। यहां एशिया का सबसे प्राचीन लकड़ी चिराई की मशीन छातास सा मिल है।
 बैरन द्वीप
यहां भारत का एकमात्र सक्रिय है ज्वालामुखी है। यह द्वीप लगभग 3 किमी. में फैला है। यहां का ज्वालामुखी 28 मई 2005 में फटा था। तब से अब तक इससे लावा निकल रहा है।

डिगलीपुर

उत्तरी अंडमान द्वीप में स्थित प्रकृति प्रेमियों को बहुत पसंद आता है। यह स्थान अपने संतरों, चावलों और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहां की सेडल पीक आसपास के द्वीपों से सबसे ऊंचा प्वाइंट है जो 732 मीटर ऊंचा है। अंडमान की एकमात्र नदी कलपोंग यहां से बहती है।

वाइपर द्वीप

यहां किसी जमाने में गुलाम भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप पर उतारा जाता था। अब यह द्वीप एक पिकनिक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। यहां के टूटे-फूटे फांसी के फंदे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं। यहीं पर शेर अली को भी फांसी दी गई थी, जिसने 1872 में भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयोकी हत्या की थी।

सिंक व रेडस्किन द्वीप

यहां के स्वच्छ निर्मल पानी का सौंदर्य सैलानियों का मन मोह लेता है। इन द्वीपों में कई बार तैरती हुई डाल्फिन मछलियों के झुंड देखे जा सकते हैं। शीशे की तरह साफ पानी के नीचे जलीय पौधे व रंगीन मछलियों को तैरते देखकर पर्यटक अपनी बाहरी दुनिया को अक्सर भूल जाते हैं।
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र 'बैरन द्वीप' है। यह द्वीप लगभग 3 किमी. में फैला है। यह अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 500 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 'बंगाल की खाड़ी' में स्थित है| यहाँ ज्वालामुखी में विस्फोट क़रीब 180 साल शान्त रहने के बाद हुए थे। ये विस्फोट 1991, 1994-95 और 2005 में हुए। इस विस्फोट के दौरान इसमें से 2006 तक लगातार लावा निकलता रहा। इसे वन विभाग की आज्ञा लेने के बाद ही देखा जा सकता है।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Pages