Hindi Shayari : वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी, - Study Search Point

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Hindi Shayari : वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी,

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क़दमों की दूरी से दिलों के फांसले नहीं बढ़ते;
दूर होने से एहसास नहीं मरते;
कुछ क़दमों का फांसला ही सही हमारे बीच;
लेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हमको याद नहीं करते।


कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं;
अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं;
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का;
आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं।

वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी;
पास होकर भी कुछ दूरी सी लगी;
होंठों पे हँसी आँखों में नमी;
पहली बार किसी की चाहत ज़रूरी सी लगी।


आँखों में बस बसी है सूरत आपकी;
दिल में छुपी है मूरत आपकी;
महसूस होता है जीने के लिए;
हमें तो बस है ज़रूरत आपकी।


दो कदम चलने के लिए साथ माँगा है;
बस पल दो पल के लिए प्यार माँगा है;
हम समझते हैं उसकी मज़बूरियों को;
इसलिए उसे उसकी मज़बूरियों के साथ माँगा है।



मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती;
मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती;
सब जानते है मैं शरब नहीं पीता;
मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती।



मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन;
आवाजों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन;
सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज;
लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन।


दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया;
लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया;
बेकरार आँखों से सिर्फ हँस के रह गए;
ये भी ना कह सके कि हमें प्यार हो गया।

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