भारत के पूर्वी भाग में स्थित : पश्चिम बंगाल - Study Search Point

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भारत के पूर्वी भाग में स्थित : पश्चिम बंगाल

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पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बांग्ला: পশ্চিমবঙ্গ, नेपाली: पश्चिम बङ्गाल) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपालसिक्किमभूटान,असमबांग्लादेशउड़ीसाझारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 20 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। बंगाल पर इस्लामी शासन 13 वीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ तथा 16 वीं शताब्दी में मुग़ल शासन में व्यापार तथा उद्योग का एक समृद्ध केन्द्र में विकसित हुआ।

15 वीं शताब्दी के अन्त तक यहाँ यूरोपीय व्यापारियों का आगमन हो चुका था तथा 18 वीं शताब्दी के अन्त तक यह क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियन्त्रण में आ गया था। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का उद्गम यहीं से हुआ। 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ और इस्के साथ ही बंगाल, मुस्लिम प्रघान पूर्व बंगाल (जो बाद में बांग्लादेश बना) तथा हिंदू प्रघान पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में विभाजित हुआ।  क्रिकेट तथा फुटबॉल यहाँ के लोकप्रियतम खेलों में से हैं। मोहन बगान एवं ईस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। नृत्य, संगीत तथा चलचित्रों की यहाँ लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है। बंकिम चंद्र, भूदेव मुखोपाध्याय और स्वामी विवेकानंद जैसे मौलिक सामाजिक चिंतकों की भूमि है। पश्चिम बंगाल में भादू बाग्दी नाम की एक वनवासी जाति पायी जाती है। भारत के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में बंगाल का विशिष्‍ट स्‍थान है। सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में 'गंगारिदयी' नामक साम्राज्‍य था। गुप्‍त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पडा। बाद में 'शशांक' बंगाल प्रदेश का नरेश बना। ऐसा कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्‍दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद 'गोपाल' ने सत्‍ता संभाली और पाल राजवंश की स्‍थापना की। पाल शासकों ने विशाल साम्राज्‍य का निर्माण किया और लगभग चार शताब्दियों तक राज्‍य किया। पाल शासकों के बाद बंगाल पर सेन राजवंशका अधिकार हुआ, जिन्हें बाद में दिल्ली के मुस्लिम शासकों ने परास्‍त किया। 

भौगोलिक स्थिति

पश्चिम बंगाल राज्‍य के पूर्व में बांग्लादेश, पश्चिम में नेपाल, उत्तर-पूर्व में भूटान, उत्तर में सिक्किम, पश्चिम में बिहारझारखंड, दक्षिण-पश्चिम में उड़ीसा तथा दक्षिण में बंगाल की खाड़ी है। पश्चिम बंगाल राज्य में भारत के हुगली नदी पर कोलकाता से 22 मील उत्तर चौबीस परगना ज़िले में नईहाटी नगर स्थित है। पश्चिम बंगाल में उष्णकटिबंधीय आर्द्र शुष्क जलवायु रहती है। वार्षिक औसत तापमान 26.8° से. रहता है। ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान 30° लगभग रहता है। मई और जून माह में यह 40° को भी पार कर जाता है। शीत ऋतु में न्यूनतम तापमान12° से. तक हो जाता है। दिसंबर से फ़रवरी के बीच यह तापमान रहता है। ग्रीष्मकाल के आरंभ में धूल भरी आंधियां आती हैं और उसके बाद बारिश होती है जो भीषण गरमी से राहत दिलाती है। राज्‍य की आर्थिक व्यवस्था में कृषि की महत्‍वपूर्ण भूमिका है। राज्‍य के चार में से तीन व्‍यक्ति प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से कृषि कार्यों में लगे हैं।  सुंदरवनभारत तथा बांग्लादेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है । यहाँ के नरभक्षी बाघ 'बंगाल टाइगर' के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं पूर्ण सुन्दरवन 102 द्वीपों का समूह हैं जिसमें 48 द्वीपों पर बस्ती है। यह लगभग 9630 वर्ग किलो मीटर क्षेत्रफल तक फैला हुआ हैं । लगभग 40 लाख लोग सुन्दरवन में रहते हैं । यहाँ अधिकतर लोग 60 से 120 वर्ष पहले आ कर बसे हैं । यह लोग पूर्णतयः वनों से मिलने वाले साधनों पर आश्रित हैं । इन लोगों की जीविका- खेती बाडी, मत्स्य पालन, लकड़ी और शहद संग्रहण है।
     

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) के जिलों की कुल संख्या 20 है। नीचे बायीं ओर दी गयी छवि के अनुसार जिलों के नाम सूचीबद्ध हैं।
  1. दार्जिलिंग
  2. जलपाईगुड़ी
  3. कूचबिहार
  4. उत्तर दिनाजपुर
  5. दक्षिण दिनाजपुर
  6. मालदा
  7. बीरभूम
  8. मुर्शिदाबाद
  9. बर्धमान
  10. नदिया
  1. पुरुलिया
  2. बांकुड़ा
  3. हुगली
  4. उत्तर 24 परगना
  5. पूर्व मेदिनीपुर
  6. हावड़ा
  7. कोलकाता
  8. दक्षिण २४ परगना
  9. पश्चिम मेदिनीपुर
  10. अलीपुरद्वार

पर्यटन स्‍थल

पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। पर्यटक स्थलों में हावड़ा ब्रिज पर्यटकों को आकर्षित करता है। हावड़ा ब्रिज के अतिरिक्त पर्यटक यहाँ पर हावड़ा स्टेशन, महान बरगद का पेड़, बेलूर मठ, गारचूमुक, पानीतरास-सम्ताबेर और विद्यासागर सेतु आदि देख सकते हैं, जो बहुत ख़ूबसूरत हैं। यह अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।
नदियों और पहाड़ियों से घिरा जलपाईगुडी पश्चिम बंगाल में है। यहाँ पर चाय के बागानों और जंगल बहुत सुंदर हैं। यहाँ रहने वाले निवासी बड़े मिलनसार और हंसमुख हैं। वह जलपाईगुड़ी में आने वाले पर्यटकों का स्वागत बड़े आदर और उत्साह के साथ करते हैं।

पुरूलिया पश्चिम बंगाल का आभूषण नाम से जाना जाता है। यहाँ पर प्राकृतिक सुन्‍दरता के साथ-साथ अटचला और चारचला शैली में बने मंदिर भी प्रसिद्ध हैं। इन मन्दिरों के अतिरिक्त बगमुंडी, बिरंचीनाथ, बुद्धपुर, चार्रा और गनपुर पर्यटक स्थल हैं।
पुरूलिया
वर्द्धमान पश्चिम बंगाल में स्थित है। धान के खेतों के अतिरिक्त यह विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थलों कर्ज़न गेट, कंचननगर, एक सौ आठ शिव मन्दिर, मंकर और कल्याणोश्वरी मन्दिर के लिए जाना जाता हैं।
इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के महत्‍वपूर्ण पर्यटन केन्‍द्र हैं - कोलकाता, दीघा, बाक्‍ख़ाली सी रिजॉर्ट, सागर द्वीप और सुंदरवन, बंदेल, ताराकेश्‍वर, हुगली, शांति निकेतन और दार्जिलिंग, कालीमपोंग आदि।

संस्कृति

नृत्यसंगीत तथा चलचित्रों की यहां लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है।दुर्गापूजा (बांग्ला: দুর্গাপূজা दुर्गापुजा) यहां अति उत्साह तथा व्यापक जन भागीदारी के साथ मनाई जाती है। क्रिकेट तथा फुटबॉल यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं। सौरभ गांगुली जैसे खिलाङी तथा मोहन बगान एवं इस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं। अगर आंकङों पर जांय तो नक्सलवाद जैसे शब्दों का जन्म यहीं हुआ, पर यहां के लोगों की शांतिप्रियता ही वो चीज है जो सर्वत्र दर्शास्पद (देखने लायक) है। परस्पर बातचीत में तूइ(बांग्ला - তুই) (हिन्दी के तू के लगभग समकक्ष), तूमि (बांग्ला - তুমি) (हिन्दी के तुम के लगभग समकक्ष), तथा आपनि (बांग्ला - আপনি) (हिन्दी के आप के समकक्ष), का प्रयोग द्वितीय पुरूष की वरिष्ठता के आधार पर किया जाता है। शहरों में लोग प्रायः छोटे परिवारों में रहते हैं। यहां के लोग मछली-भात (बांग्ला - মাছ ভাত (माछ-भात)) बहुत पसंद करते हैं। यह प्रदेश अपनी मिठाईयों के लिये काफी प्रसिद्ध है - रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था। बांग्ला भाषा में एकही साहित्य आंदोलन हुये हैं और वो है भुखी पीढी आंदोलन जो साठके दशक में शक्ति चट्टोपाध्यायमलय रायचौधुरीदेबी रायसुबिमल बसाकसमीर रायचौधुरी प्रमुख कविगण बिहार के पटनाशहर से शुरु किये थे एवम जो पुरे बंगाल में तहलका मचा दिया था; यंहा तक की आंदोलनकारईयों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था।

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