अंगूर (संस्कृत/शुद्ध हिन्दी : द्राक्षा) एक फल है। अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। अंगूर फल मां के दूघ के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। ये अंगूर की बेलों पर बड़े-बड़े गुच्छों में उगता है। अंगूर सीधे खाया भी जा सकता है, या फिर उससे अंगूरी शराब भी बनायी जा सकती है, जिसे अंग्रेज़ी में enwine कहते हैं, यह अंगूर के रस का ख़मीरीकरण करके बनायी जाती है। अंगूर का फलों में बहुत महत्व है क्यों कि इसमें शक्कर की मात्रा अधिक और ग्लूकोज़ के रूप में होती है।
ग्लूकोज़ रासायनिक प्रक्रिया का नतीजा होने के कारण शरीर में तुरन्त सोख लिया जाता है। इसलिए अंगूर खाने के बाद आप तुरंत स्फूर्ति अनुभव करते हैं। अंगूर विटामिनों का भी सर्वोत्तम स्रोत हैं। विटामिन का सेवन खाली पेट ज़्यादा लाभदायक होता है इसलिए अंगूर का सेवन प्रात: काल श्रेयस्कर है। लाल और काले रंग के अंगूर शाम के समय खाए जा सकते हैं।
- काले की अपेक्षा सफेद अंगूर में ज़्यादा विटामिन होते हैं।
- किशमिश और मुनक्के अंगूर को सुखा कर बनाए जाते हैं।
- अंगूरों से बनने वाली मदिरा सर्वोत्तम समझी जाती है।
- अंग्रेज़ी में ग्रेप और ग्रेप फ्रूट दो अलग-अलग जातियों के फल हैं। ग्रेप अंगूर को कहते हैं जबकि ग्रेप फ्रूट संतरे की जाति का फल है।
- अंगूर हरे और काले के साथ ही लाल, गुलाबी, नीले, बैंगनी, सुनहरे, सफ़ेद रंगों के भी होते हैं।
- अंगूरों की जंगली जातियों की 60 से अधिक क़िस्में होती हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें