मक्का पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में सहायक, - Study Search Point

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मक्का पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में सहायक,

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स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी
क्या आप जानते हैं?
➤ भुट्टा या मक्का पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
➤ अधिक रेशेवाला भोजन होने के कारण यह वज़न घटाने में अत्यंत उपयोगी है।
➤ यह कमज़ोरी में बेहतर ऊर्जा प्रदान करता है।
➤ कार्न फ्लेक के रूप में लेने पर यह हृदयरोग की रोकथाम में सहायक होता है।
➤ भुट्टा विश्व के सबसे अधिक लोकप्रिय खाद्यपदार्थों में से एक है।
➤ दुनिया के हर कोने में बिकने वाला पॉप कार्न मक्के के दानों से बनाया जाता है।
प्रोटीन और विटामिनों से भरपूर मक्का जहाँ शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, वहीं यह बेहद सुपाच्य भी है। इसकी ख़ासियत यह है कि हर रूप में इसमें पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं। कच्चे और पके रूप में तो यह फ़ायदेमंद होता ही है। जब इसमें विद्यमान तेल निकाल लिया जाता है और यह सूखे रूप में रह जाता है तब भी इसके अवशिष्ट में वसा को छोड़कर शेष पोषक तत्व विटामिन, प्रोटीन इत्यादि विद्यमान रहते हैं। बच्चों के सर्वांगीण विकास में मक्के का प्रयोग सहायक होता है।
ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि आज से दस हज़ार वर्षों पूर्व सर्वप्रथम, मैक्सिको में भारतीयों द्वारा ही इसकी उपज पैदा की गई थी। भारत में गेहूँ के बाद मक्के का उत्पादन सर्वाधिक होता है। अमेरिका इसका सर्वाधिक निर्यात करने वाला देश है। मक्का विभिन्न रूपों में प्रयोग में लाया जाता है। सर्दियों में मक्के के आटे से रोटी बनाई जाती है। पंजाब की मक्के की रोटी और सरसों का साग केवल उत्तर भारतीयों द्वारा ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवासियों द्वारा शौक से खाया जाता है। बड़े-बड़े होटलों और रेस्तरां में यह सर्दियों की ख़ास डिश बन जाती है। मक्के के आटे में मूली या मेथी गूँधकर बनाई गई रोटी मक्खन और दही के साथ अत्यंत स्वादिष्ट लगती है। मक्के के आटे से पावरोटी, बिस्कुट तथा टोस्ट भी बनाए जाते हैं। बरसात के मौसम में भूना हुआ भुट्टा छोटे-बड़े सभी के मन को भाता है। लोग भुट्टे के अलावा पॉपकार्न, भुने हुए मकई के पक्के दाने के भी दीवाने होते हैं, जो साधारण से भड़भूजे से लेकर बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा बेचे जाते हैं। मक्के का गरम-गरम सूप पीना हर मौसम में स्वास्थ्यवर्धक होता है और स्वीट कार्न सूप का तो जवाब नहीं! मक्का शर्बत, मुरब्बा मिठाइयों और बनावटी मक्खन बनाने में प्रयुक्त होता है और इसके रेशे मिट्टी के बर्तन, दवाइयाँ, रंगरोगन, काग़ज़ की चीज़ें और कपड़े बनाने के काम आते हैं। हृदयरोग विशेषज्ञ मक्के के तेल को खाद्य-पदार्थों में प्रयुक्त करने की सलाह देते हैं। एक किस्म की शराब और बीयर बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। मक्के में विटामिन 'ए', 'बी-२', 'ई' फास्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, आग्जैनिक आम्ल, नारसिन, फैट और प्रोटीन पाया जाता है। यह पेट के अल्सर और गैस्ट्रिक अल्सर के छुटकारा दिलाने में सहायक है साथ ही यह वज़न घटाने में भी सहायक होता है। कमज़ोरी में यह बेहतर ऊर्जा प्रदान करता है और बच्चों के सूखे के रोग में अत्यंत फायदेमंद है। यह मूत्र प्रणाली पर नियंत्रण रखता है, दाँत मजबूत रखता है और कार्नफ्लेक्स के रूप में लेने से हृदयरोग में भी लाभदायक होता है।

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