सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो 1922 से 1991 तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से 1990 तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ 15 स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र ( Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। सोवियत संघ की स्थापना की प्रक्रिया 1917 की रूसी क्रान्ति के साथ शुरू हुई जिसमें रूसी साम्राज्य के ज़ार (सम्राट) को सत्ता से हटा दिया गया। व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन फ़ौरन ही वह बोल्शेविक-विरोधी श्वेत मोर्चे (White movement) के साथ गृह युद्ध में फँस गई। बोल्शेविकों की लाल सेना ने गृह युद्ध के दौरान ऐसे भी कई राज्यों पर क़ब्ज़ा कर लिया जिन्होनें त्सार के पतन का फ़ायदा उठाकर रूस से स्वतंत्रता घोषित कर दी थी।
1924 में लेनिन की मृत्यु हुई और जोसेफ़ स्टालिन सत्ता में आया। उसने सोवियत संघ में ज़बरदस्त औद्योगीकरण करवाया और केंद्रीय आर्थिक व्यवस्था बनाई। कृषि और अन्य व्यवसायों का सामूहिकीकरण किया गया, यानि खेत किसानों की निजी संपत्ति न होकर राष्ट्र की संपत्ति हो गए और उनपर किसानों के गुट सरकारी निर्देशों पर काम करने लगे। इसी केंद्रीकृत अर्थव्यवस्था कोद्वितीय विश्वयुद्ध में जंग लड़ने के लिए प्रयोग किया गया जिस से सोवियत संघ की जीत हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध में शुरू में तो जर्मनी और सोवियत संघ में एक संधि थी जिसके अंतर्गत उन्होंने पोलैंड को आपस में बाँट लिया था और क्रॅसि इलाक़ा सोवियत संघ को मिल गया। लेकिन 1941 में जर्मनी ने पलट कर सोवियत संघ पर हमला कर दिया। इस से सोवियत संघ मित्रपक्ष शक्तियों (ऐलाइड शक्तियों) के गुट में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन का साथ हो गया और जर्मनी के विरुद्ध लड़ा। जर्मनी-सोवियत युद्ध बहुत ही भयंकर था और इसमें 2.7 करोड़ सोवियत लोगों की मृत्यु हुई।
पूर्वी यूरोप में अपने नियंत्रण के अधीन देशों के साथ सोवियत संघ ने एक साम्यवादी सैन्य मित्रपक्ष बनाया, जिसे वारसॉ संधि गुट (Warsaw Pact) के नाम से जाना जाता है। इसके विपक्ष अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का गुट था। दोनों विपक्षियों के बीचशीत युद्ध जारी रहा जिसमें दोनों में सीधी लड़ाई तो कभी नहीं हुई, लेकिन दोनों परमाणु हथियारों और मिसाइलों से लैस हमेशा विध्वंसकारी परमाणु युद्ध छिड़ जाने की संभावना के साये में रहे।
स्टालिन की मृत्यु के बाद विभिन्न साम्यवादी नेताओं में सर्वोच्च नेता बनने की खींचातानी हुई और निकिता ख़्रुश्चेव सत्ता में आये। उन्होंने स्टालिन की सबसे सख़्त तानाशाही नीतियों को पलट दिया। सोवियत संघ अंतरिक्ष अनुसंधान में सबसे आगे निकल गया। 1957 में उसने विश्व का सबसे पहला कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक पृथ्वी के इर्द-गिर्द कक्षा में पहुँचाया। 1961 में सोवियत वायु-सैनिकयूरी गगारिन पृथ्वी से ऊपर अंतरिक्ष में पहुँचने वाला सबसे पहला मानव बना।
सोवियत संघ का अंत -
अफ़्ग़ानिस्तान में सोवियत नियंत्रण के खिलाफ़ उपद्रव और गृह युद्ध लगातार जारी रहे और आख़िरकर1981 में सोवियत फौजें वहाँ से बिना अपना ध्येय पूरा किये लौट आई। देश में आर्थिक कठिनाइयाँ बनी रहीं और विदेशी संबधों में भी पेचीदगियाँ रहीं। अंतिम सोवियत नेता मिख़ाइल गोरबाचोफ़ ने देश में ग्लास्नोस्त (glasnost) नामक राजनैतिक खुलेपन की नई नीति और पेरेस्त्रोइका (perestroika) नामक आर्थिक ढाँचे को बदलने की नीति के अंतर्गत सुधार करने की कोशिश की लेकिन विफल रहे। दिसम्बर 1991 में उनकी विचारधारा के विरुद्ध राज्यविप्लव (coup d'état) की कोशिश हुई लेकिन वह कुचली गई। इस घटना के बाद सोवियत संघ टूट गया और उसके 15 गणतंत्र सभी स्वतन्त्र देशों के रूप में उभरे। अंतर्राष्ट्रीय संधियों में रूस को सोवियत संघ के वारिस देश की मान्यता दी गई।
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