क्या होता है सेक्शन 188 ? - Study Search Point

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क्या होता है सेक्शन 188 ?

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इंडियन पीनल कोड का Section 188 कहता है कि यदि लोग, सरकार या किसी पब्लिक सर्वेंट द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, जिससे कानून व्यवस्था में लगे अधिकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचता है, दंगा होने की संभावना हो। तो ऐसे उल्लंघनकर्ता को जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
  कोरोना वायरस के कारण दुनिया में दिसम्बर 2019 से लेकर अब तक 20 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और सवा लाख लोगों की जान जा चुकी है, ऐसे माहौल में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि इस बीमारी को कम से कम क्षेत्र में फैलने दिया जाए।
  चूंकि इस बीमारी का अभी कोई पक्का इलाज नहीं है इसलिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग’ और लॉकडाउन के माध्यम से इस पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
भारत में 21 दिन के पहले लॉकडाउन की घोषणा महामारी कानून (Epidemic Diseases Act, 1897) के तहत की गयी थी और अब इसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है, इस कानून में कई सख्त प्रावधान हैं। जैसे- 
  अगर सरकार ने Epidemic Diseases Act, 1897 का सेक्शन 3 लागू कर दिया तो महामारी के संबंध में सरकारी आदेश या किसी पब्लिक सर्वेंट का आदेश न मानना अपराध होगा और इस अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता यानी इंडियन पीनल कोड की धारा 188 के तहत सज़ा मिल सकती है।
आइये जानते हैं कि सेक्शन 188 क्या है? 
  भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तब लागू की जाती है जब जिले के लोक सेवक (Public Servant) जो कि एक आईएएस अफसर होता है, के द्वारा किसी असामान्य स्थिति से निपटने के लिए लोगों को किसी विशेष आदेश को, (जैसे एक जगह पर इकठ्ठा ना होने, जुलूस ना निकालने, किसी अन्य कार्य से बचने या प्रबंधाधीन किसी संपत्ति के बारे में कोई विशेष व्यवस्था करने के लिये निर्दिष्ट किया गया है) जारी किया जाता है। 
  यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ IPC के सेक्शन 188 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाती है।

सेक्शन 188 में क्या सजा का प्रावधान है?
पहला प्रावधान : - यदि लोगसरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या कानून व्यवस्था में लगे अधिकारी कर्मचारी को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है।
दूसरा प्रावधान : - लोगों द्वारा सरकार या पब्लिक सर्वेंट के आदेश का उल्लंघन किए जाने से सुरक्षा व्यवस्था, मानव जीवन, स्वास्थ्य, आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों, हालाँकि दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है।
इस सेक्शन के तहत अपराध की व्याख्या -
  यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो। अर्थात इस सेक्शन के तहत किसी के खिलाफ तब भी कार्रवाई हो सकती है जब वह यह जनता हो कि उसके द्वारा इस नियम को तोड़ने से फलां नुकसान हो सकता है।
 यदि एक लोक सेवक द्वारा यह आदेश दिया गया है कि एक धार्मिक जुलूस एक निश्चित सड़क से नहीं गुजरेगा। यदि फिर भी कोई व्यक्ति जानबूझकर आदेश की अवज्ञा करता है, और जिससे दंगे का खतरा होता है या कोई बीमारी फ़ैल सकती है, तो ऐसा व्यक्ति इस सेक्शन के तहत दंड का भागी होगा।

साभार - जागरण जोश,

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