केंद्रीय बजट (आम बजट) 2020-2021., - Study Search Point

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केंद्रीय बजट (आम बजट) 2020-2021.,

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केंद्रीय बजट 2020 -2021 केंद्रीय बजट में सार -

तीन विषय पर आधारित - आकांक्षी भारत, सभी के लिए आर्थिक विकास, अंत्योदय पर आधारित एक ज़िमेदार समाज,

राजकोषीय घाटे पर जोर दिया गया है, वित्त वर्ष 2020-21 में लिए राजकोषीय घाटा 3.5% रहने का अनुमानवित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा 3.8% रहा है।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30.42 लाख करोड रुपए खर्च किए जाने अनुमान, राजस्व प्राप्तियों 22.46 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान।

पूंजीगत व्यय में 21% की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विकास दर 10% अनुमानित की गई है।

कृषि ग्रामीण विकास पर 2.83 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान, जिसमें 15 लाख करोड रुपए कृषि ऋण के लिए अनुमोदित।

 स्वास्थ्य के लिए 69 हजार करोड रुपए का प्रावधान, जिसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य के लिए 6 हजार चार सौ करोड रुपए प्रस्तावित।

स्वच्छ भारत के लिए 12 हजार तीन सौ करोड रुपए आबंटित किये है।

जल जीवन के अंतर्गत 3.60 लाख करोड़ रुपए अनुमोदित, वित्त वर्ष 2020-21 मे 11 हजार 500 करोड रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।

शिक्षा क्षेत्र के लिए 99 हजार तीन सौ करोड रुपएजिसमें कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ रुपए देने का प्रावधान।

उद्योग वाणिज्य संवर्धन के लिए 27 हजार तीन सौ करोड रुपए।

राज्यों के साथ मिलकर 5 नए स्मार्ट सिटी बनाने का प्रावधान।

परिवहन के ढांचागत विकास के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान।

विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा के लिए 22 हजार करोड रुपए।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड एरिया को बढ़ाए जाने की बात की गई है।

भारत नेट नेट के तहत 1 लाख ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ने का लक्ष्य इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए प्रस्तावित।

 पोषण के लिए 35 हजार छ सौ करोड रुपए, इसी के अंतर्गत महिला विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 28 हजार छ सौ करोड रुपए अनुमोदित।

अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 85 हजार करोड़ रुपए।

जनजाति के कल्याण के लिए 53 हजार सात सौ करोड रुपए।

वरिष्ठ नागरिकों दिव्यांगों के लिए 9 हजार पांच सौ करोड रुपए।

व्यक्तिगत कर दाताओं के लिए नए और सरल आयकर व्यवस्था को बनाने का प्रस्ताव।

आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निगम -IPO) एलआईसी (LIC) में अपनी कुछ हिस्सेदारी को सरकार के द्वारा बेचे जाने का ऐलान।

जीएसटी तथा पैन कार्ड के लिए एक आसान प्रक्रिया उपलब्ध कराया जाना।

कृषि (किसान) के लिए बजट में -

कृषि के लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

कृषि से जुड़े क्षेत्र सिंचाई / कृषि आदि के लिए 1लाख 60 हजार करोड़ रुपए।

ग्रामीण विकास पंचायती राज के लिए 1 लाख 23 हजार करोड रुपए।

किसानों की बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का प्रावधान

किसानों के लिए कुसुम योजना लॉन्च किया जाना।

सभी किसानों को के.सी.सी. (किसान क्रेडिट स्कीम) के दायरे में लाया जाएगा।

भारतीय रेल पी.पी.पी मॉडल पर किसान रेल चलाई जाएगी ताकि जल्दी खराब होने वाली खाद्य सामग्रियों, दूध, मांस और मछली आदि के परिचालन में कोई बाधा ना आ सके।

वर्ष 2023 तक दूध का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

पूर्वोत्तर भारत के साथ साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि उड़ान योजना शुरू कराई जाएगी। जिसे  नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा।

सागर मित्र योजना के तहत मछली पालन को बढ़ावा दिया जाना।

वर्ष 2025 तक मवेशियों में एफएमडी और ब्रूसेलोसिस, तथा भेड़ बकरियों में होने वाले पी.पी.आर (प्रेस्टो प्रीमेंट) रोगों को पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य।

स्वास्थ्य के लिए बजट में -

स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवाओं के लिए 69 हजार करोड़ रूपए आवंटित, जिसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य के लिए 6 हजार चार सौ करोड़ रुपए भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य में वर्तमान समय में 20 हजार से ज्यादा।

 अस्पताल शामिल है,और इसे दूसरी - तीसरी श्रेणी  के शहरों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्ष 2025 तक टी.बी रोग के उन्मूलन के लिए सशक्त प्रयासों को किए जाने का प्रावधान।

देश के सभी जिलों में 2024 तक दो हजार दवाएं 300 सर्जिकल उपकरणों को उपलब्ध कराने वाले जन आरोग्य जन औषधि केंद्रों का विस्तार करना शामिल।
एक मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले शहरी वाले राज्यों को स्वच्छ गुणवत्ता गुणवत्ता के उपायों का उपाय किए जाने पर प्रोत्साहित किया जाना प्रोत्साहन किया जाना।

शिक्षा क्षेत्र पर बजट -

शिक्षा के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 993 हजार तीन सौ करोड रुपए आवंटित, जिसमें कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

मार्च 2021 तक 150 उच्चतर शिक्षण संस्थानों में अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री / डिप्लोमा शुरू किया जाएगा।

नए इंजीनियरों को अधिकतम 1 वर्ष की अवधि के लिए इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी।

नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही जल्द ऑनलाइन सुव्यवस्थित शिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत भी की जाएगी।

प्रत्येक जिला अस्पतालों में एक मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा जो सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी पर आधारित होगा।

राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के तहत रेजीडेंट डॉक्टरों की DNB / FNB पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाने के लिए पर्याप्त क्षमता वाले बड़े अस्पतालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

पुलिस संबंधी विज्ञान, न्यायिक विज्ञान, साइबर न्यायिक विज्ञान, के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय तथा एक राष्ट्रीय न्यायिक विश्वविद्यालय की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया है।

महिला एवं बाल कल्याण पर बजट -

पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35 हजार छ सौ करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

10 करोड़ से अधिक परिवारों की पोषणात्मक स्थिति ज्ञात करने के लिए 6 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए गए।

मातृत्व मृत्यु दर में कमी तथा पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए एक कार्य दल का भी गठन किया जाना जाना है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत लड़कियों का औसत नामांकन अनुपात शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कों की तुलना में बढ़ा है।

जल जीवन मिशन पर बजट -

जल जीवन मिशन के लिए 3 लाख 60 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

स्थानीय जल स्रोतों को पुनः पोषित कर करना और जल संचयन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

संस्कृति पर बजट -

एक भारतीय विरासत एवं संरक्षण संस्थान की स्थापना करने का भी प्रावधान किया गया है, इससे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा।
विरासत स्थल के तहत राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) का विकास किया जाएगा।
कोलकाता में भारतीय संग्रहालय का पुनरुद्धार किया जाना भी बजट में शामिल है।
रांची में एक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
लोथल में पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा एक पोत संग्रहालय की स्थापना भी की जाएगी।

आयकर पर बजट -

 प्रत्यक्ष कर 5 लाख तक की आय पर किसी भी तरह का कर नहीं लिए जाने का प्रावधान
5 लाख से 7.5 लाख तक 10% कर,
7.5 लाख से 10 लाख तक 15% कर,
10 लाख से 12.5 लाख तक 20% कर,
12.5 लाख से 15 लाख तक 25% कर,
15 लाख से ऊपर 30% कर का प्रावधान किया गया है।
NOTE -
साथ ही उपभोक्ता इस नई कर व्यवस्था की साथ-साथ पुरानी कर व्यवस्था के तहत भी आयकर अपनी सुविधा अनुसार दे सकता है।
सस्ता -
बजट के बाद सोया प्रोटीन, रॉ शुगर, प्लास्टिक-केमिकल सस्ती होंगी, साथ ही - स्किम्ड मिल्क, टीवी, सोलर बैट्री सस्ती हुई। न्यूज प्रिंट, प्लैटिनम, प्लास्टिक सीट और इलेक्ट्रिक कारें भी सस्ती हुई।
महँगा -
बजट के बाद ऑटो पार्टस, मेडिकल इक्विपमेंट, फर्नीचर महंगे, साथ ही - तम्बाकू-सिगरेट, फुटवियर, मोबाइल, जूते-चप्पल भी महंगे। इसके अलावा पानी का फिल्टर, ग्लास (कांच) का सामान, पंखे और मिक्सर भी महंगे।

कार्पोरेट कर –

नई बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए 15% कर देना निर्धारित किया गया है।
होल्डिंग्स कंपनी को उसकी सहायक कंपनी से प्राप्त लाभांश के लिए छूट की अनुमति दी गई है।
100 करोड़ तक के कुल कारोबार वाले स्टार्टअप को 10 सालों में से लगातार तीन साल के लिए 100% छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
ई साप्स पर कर भुगतान में राहत दी गई है।
एमएसएमई के तहत कम नगदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कुल कारोबार की उच्चतम सीमा में 5 गुना बढ़ोतरी की गई है, यह वर्तमान में एक करोड़ है जिसे 5 करोड़ तक किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
सहकारी संस्थाओं पर छूट या कटौती के बिना 10% अधिभार, 4% उपकर, 22% कर भुगतान, का विकल्प दिया गया है।
विदेशी निवेश के लिए भी रियायत दी गई है।
सस्ते मकान की खरीद के लिए ऋण देय ब्याज में 1.5 लाख तक अतिरिक्त छूट को 31 मार्च 2021 तक जारी रखा गया है।


अप्रत्यक्ष कर पर बजट –
इनवॉइस मांगने वाले ग्राहकों को नगद व्यवस्था के तहत उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए जारी रखी गई है।
अप्रत्यक्ष कर के तहत फाइलिंग को सरल और आसान बनाया जाएगा।
फुटवियर पर सीमा शुल्क 25% से बढ़ाकर 33% किया गया है
फर्नीचर वस्तुओं में भी सीमा शुल्क 20% से बढ़ाकर 25% किया जाने का प्रावधान है।
बिजली से चलने वाले वाहनों तथा मोबाइल के पुर्जों पर सीमा शुल्क में बदलाव किए जाने का प्रावधान किया गया है।

बैंकिंग क्षेत्र के लिए बजट में -

सार्वजनिक बैंकों में सुधार के लिए 10 बैंकों का 4 बैंकों में बदलने (विलय करने) को एक बड़ा कदम बताया गया है।

3.50 लाख करोड़ रुपए की पूंजी को बैंकिंग क्षेत्र में देना देने को भी एक बड़ा कदम बताया गया है।

जमा बीमा तथा क्रेडिट गारंटी में प्रति व्यक्ति जमा कर्ता को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए जमा करने की अनुमति दी गई है।

बैंकिंग नियामक कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, जिससे व्यवसायवाद को बढ़ावा दिया जा सके तथा आरबीआई के माध्यम से इसकी निगरानी करने में सुधार हो।

आधारभूत संरचना पर बजट -
अवसंरचनात्मक क्षेत्र मे अगले पाँच सालों मे सौ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना।
अवसंरचनात्मक पाइप लाइन विकास के लिए लगभग 22 हजार करोड रुपए मंजूर पहले ही किए गए हैं। 31 दिसंबर 2019 को एक सौ तीन लाख करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय अवसंरचनात्मक पाइपलाइन का शुभारंभ किया गया था। इसमे समस्त सेक्टरों की छ हजार पाँच सौ से अधिक परियोजनाएं शामिल है।
राजमार्गों के त्वरित विकास पर जोर जिसमे 2500 किलोमीटर लंबे एक्सेस कंट्रोल राजमार्गों, 9000 किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर, 2000 किलोमीटर लंबी तटीय एवं भूमि बंदरगाह सड़कों, तथा 2000 किलोमीटर लंबे रणनीतिक राजमार्गों का विकास शामिल है।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को 2023 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
चेन्नई बेंगलुरु एक्सप्रेस वे का कार्य भी जल्द शुरू किए जाने का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2024 तक 6 हजार किलोमीटर से अधिक लंबे राजमार्गों के संयोजन की कम से कम 12 लौट का मुद्रीकरण करने का प्रस्ताव है।
रेलवे के तहत 27 हजार किलोमीटर लंबी पटरियों का विद्युतीकरण किए जाने का लक्ष्य।
पीपीपी मॉडल के जरिए चार स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं का काम तथा 150 यात्री रेलों का परिचालन सुनिश्चित करना भी शामिल किया गया है।
उड़ान योजना के तहत 2024 तक 100 नए हवाई अड्डों को विकसित किया जाना, तथा हवाई बेड़ों की संख्या 600 से बढ़ाकर 12 सौ करने का लक्ष्य रखा गया है।

बजट में और कुछ -
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर के लिए 22 हजार करोड़ रुपये आबंटित करने का प्रस्ताव है।

राष्ट्रीय गैस ग्रिड-एरिया को 16 हजार दो सौ किलोमीटर से बढ़ाकर 27 हजार किलोमीटर तक करना।
निजी डेटा सेंटरों की स्थापना के लिय एक नई योजना लाने का प्रस्ताव है।

  डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना की जाना।

विभिन्न प्रौद्योगिक सेक्टरों से नॉलेज ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए नॉलेज ट्रांसलेशन कलेक्टरों की स्थापना करना।

हार्बरिंग स्टेट बेड एवं छोटी विनिर्माण इकाइयों की स्थापना किया जाना।

राष्ट्रीय क्वांटम प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग मिशन के लिए 5 वर्षों के लिए 8 हजार करोड रुपए देने का प्रावधान किया गया है।

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