आखिर कौन झोक रहा है छात्रों का भविष्य अंधकार में, - Study Search Point

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आखिर कौन झोक रहा है छात्रों का भविष्य अंधकार में,

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#लोकतंत्र की एक प्रमुख विशेषता है कि सभी के लिए मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों को बनाया गया है। प्रत्येक नागरिक को अपने #मौलिकअधिकारों का हक मिलना चाहिए किसी भी देश के युवा उस देश की राष्ट्र शक्ति के रूप में सामने उभर कर आते हैं। किसी भी देश के विकास का नजरिया हमें तब पता चलता है जब उस देश में #बेरोजगारी का स्तर और प्रति व्यक्ति आय को हम देखते हैं अधिक से अधिक रोजगार किसी भी देश के विकास के महत्वपूर्ण माना जाता है। जब किसी देश में रोजगार ही नहीं होगा तो उस देश की आय और देश का विकास आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योग्य और #शैक्षिक युवाओं के चयन के लिए चयन आयोग के द्वारा परीक्षाएं संपन्न कराई जाती हैं वर्तमान समय में किसी भी राज्य के चयन आयोग द्वारा सही तरीके से परीक्षाएं न कराए जाने के मामले सामने आए हैं। देश का सबसे बड़ा चयन आयोग #कर्मचारीचयनआयोग में बड़ी धांधलियों और खार्मियों का मामला सामने आया है जिसमें एसएससी संयुक्त स्तर की परीक्षा और सीएचएसएल की परीक्षाएं पर सवालिया निशान उठ गया है। जिसमें छात्रों द्वारा आरोप लगाया गया है कि चयन आयोग अब रुपए लेकर के छात्रों का चयन कर रहा है और पेपर को लीक कराया जा रहा है। ये ही नहीं प्रत्येक राज्य में चयन आयोग की यही स्थित है ना सही से परीक्षा को कराना बल्कि परीक्षा कराने की टाइम लिमिट का भी कोई #प्रावधान नहीं है। परीक्षा का फॉर्म भरने के बाद परीक्षा को कब कराया जाएगा या उसकी परीक्षा में कितना समय लगेगा यह चयन आयोग के द्वारा स्पष्ट नहीं किया जाता। अब पिछले महीने 17 फरवरी से #SSCCGL Tier-2 की परीक्षा में हुई धांधली और सीएचएसएल में पेपर लीक और रुपए लेकर चयन को लेकर के परीक्षार्थियों के द्वारा दिल्ली में किए गए SSC के खिलाफ #प्रोटेस्ट पर किसी भी पार्टी के नेता ने उनके हक के लिए आवाज नहीं उठाई चाहे वह दल सत्ताधारी रहा हो या फिर सत्ता से परे। इसका एक कारण यह भी है कि यहां पर किसी भी राजनीतिक दल या राजनेता को अपनी राजनीति चमकाने का मौका नहीं मिला। परीक्षार्थियों द्वारा किए जा रही है इस #प्रोटेस्टआंदोलन की कवरेज तो मीडिया ने भले ही कि हो लेकिन उसको ज्यादातर अहमियत नहीं दी है, इसका एक कारण यह भी है कि #मीडिया ने अपनी टीआरपी को बढ़ाने के लिए हिंदू मुस्लिम तुष्टीकरण और 2019 का चुनाव कौन जीतेगा इस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया हुआ है, कुछ मीडिया चैनलों के द्वारा छात्रों के साथ हो रहे अन्याय को बार बार दिखाया गया है। वहीं परीक्षार्थियों के द्वारा यह आंदोलन 1 महीने से चलाया जा रहा है। 
आंदोलन कर रहे परीक्षार्थियों की मांग है कि SSC के द्वारा जो भी परीक्षाएं की गई है उन्हें रद्द किया जाए और इन परीक्षाओं की #सीबीआईजांच उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में हो। साथ ही जांच के लिए एक समय सीमा तय की जाए और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक SSC के द्वारा कराए जाने वाली परीक्षाओं पर रोक लगा दी जाए। अब बीते कल(31 मार्च) की ही बात देख लीजिए जब SSC की परीक्षा दे रहे छात्रों के द्वारा #पार्लियामेंटभवन की ओर मार्च निकाला था, तो पुलिस के द्वारा उन पर लाठी चार्ज किए जाने के बाद सैकड़ों छात्र घायल हुए, और जो छात्राएं इस मार्च में शामिल हुई थी उन्हें पकड़कर बसों में बंद कर दिया गया लिहाजा ऐसा करने का कारण पुलिस ने उनके सुरक्षा का हवाला दिया। जिन छात्रों के हाथों में किताबें और पेन होनी चाहिए क्या वह #पुलिसकीलाठियां और गोलियां खाने तक ही सीमित रह जाएंगे? या फिर किसी दंगों में अपना भविष्य को जलाकर राख कर देंगे? सरकार ने इस पर अभी तक अपनी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया को नहीं दिया है। अब आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि देश का सबसे बड़ा कर्मचारी चयन आयोग में अगर #धांधलियां और #गड़बड़ियां पाई जाएं तो देश का विकास क्या होगा। बात SSC तक ही सीमित नहीं रह पाई है 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा करा रहे सीबीएसई की परीक्षाओं में भी पेपर लीक होने का मामला सामने आया है, जिसमें #अर्थशास्त्र और #गणित के पेपर लीक हुए हैं। पेपर लीक होने के बाद छात्रों के भविष्य पर भी सवालिया निशान लग गया है, जिसमें 12वीं के छात्रों के द्वारा अपने आगे के भविष्य के बारे में जो भी प्लान तैयार किए होंगे वह धरे के धरे रह जाएंगे। और वही दसवीं की छात्रों की भी मनोदशा कुछ कम नहीं है। आखिर चयन आयोग के द्वारा और बोर्ड परीक्षाएं कराने वाले बोर्ड के द्वारा कराए गए परीक्षाओं में पेपर लीक हो कैसे जाते हैं इसका सवाल किसी भी राजनीतिक दल ने खोजने की कोशिश नहीं की है, और ना ही शायद कोई करेगा। #पेपरकालीक होने का एक प्रमुख तथ्य हमारा मानना यह है कि जब तक कोई आंतरिक कर्मचारी इस घटना में लिप्त नहीं होता तब तक किसी भी पेपर को लीक कराना या पेपर का लीक हो जाना संभव नहीं है। लिहाजा अब सरकार को इस चयन आयोगों और बोर्डों की खामियों को दूर कर के सभी परीक्षार्थियों के साथ न्याय करना चाहिए, और उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए, साथी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देकर उनको उनके पद से निलंबित किया जाना चाहिए। अगर सरकार को देश के युवाओं और देश के विकास की थोड़ी सी भी चिंता हो तो वह छात्रों के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अवश्य ध्यान दें, और त्वरित कार्रवाई करें। अन्यथा वर्तमान सरकार द्वारा दिया गया नारा "सबका साथ सबका विकास"  डिजिटल इंडिया और #भ्रष्टाचारमुक्तभारत, युवा राष्ट्र शक्ति का सपना धरा का धरा, केवल पेपर तक और एक खोखली बातों तक ही सीमित रह जाएगा।
लेख एक स्वतंत्र #टिप्पणीकार है।

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