लातूर जिले का सूखा पूरे देश के लिए चिंता का विषय, - Study Search Point

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लातूर जिले का सूखा पूरे देश के लिए चिंता का विषय,

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महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में भयंकर सूखे के कहर की वजह से किसान #आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। पूरी ग्रामीण #अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और राज्य में सूखे से सबसे अधिक प्रभावित लातूर जिले में पांच लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो गया है। जिले को पानी की सप्लाई करने वाले मंजरा डैम और धानेगांव नदी के सूख जाने से पानी की भारी कमी हो गई है और मराठवाड़ा में केवल टैंकर के पानी के सहारे मरीजों का उपचार करने में डॉक्टरों को काफी मुश्किल हो रही है। स्थिति इतनी खराब है कि लातूर में लगभग 160 क्लिनिक्स और हॉस्पिटल्स ने पहले से तय सर्जरी में काफी कमी कर दी है और वे केवल इमरजेंसी ऑपरेशन ही कर रहे हैं। #लातूर में इंडियन मेडिकल असोसिएशन के प्रेजिडेंट दीपक गुगाले ने बताया, 'स्थिति ऐसी हो गई है कि प्रत्येक व्यक्ति केवल टैंकर के पानी पर निर्भर है जिसकी सप्लाई भी अब काफी कम है। अगर हम आज एक टैंकर का ऑर्डर करें तो वह दो से तीन दिन में काफी पूछताछ करने के बाद आएगा।
टैंकरों के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा क्योंकि उन्हें दूरदराज के इलाकों में मौजूद बोरवेल्स से पानी की सप्लाई मिलती है और उन बोरवेल्स में भी पानी नीचे जा रहा है। हम 15 दिनों के बाद #इमरजेंसी केस भी नहीं देख सकेंगे। तब लातूर के लोगों को केवल ईश्वर और सरकार ही बचा सकती है।' पानी की कमी से निपटने के लिए हॉस्पिटल्स अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। बेडशीट्स और अन्य लीनेन को धोने के लिए पानी न होने के चलते डिस्पोजेबल आइटम्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रत्येक सर्जरी के लिए सर्जन और उनके सहायकों को चलते पानी में 10 मिनट तक हाथ धोने पड़ते हैं। लेकिन इसके बजाय वे अब केवल एक या दो मिनट ही हाथ धो रहे हैं और इसके बाद वे सर्जरी से पहले अपने हाथों को साफ करने के लिए बीटाडाइन और अन्य #डिसइंफेक्टेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जिनके लिए अपना काम रोकना बहुत मुश्किल है। डॉ. स्नेहल देशमुख एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं और वह लातूर में मैटरनिटी हॉस्पिटल चलाती हैं। उन्होंने बताया, 'हम डिलीवरीज को टाल नहीं सकते और मैटरनिटी #हॉस्पिटल्स में पानी की काफी जरूरत होती है। अगर डिलीवरी नॉर्मल होती है तो महिला को जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाता है। आमतौर पर सिजेरियन डिलीवरी के बाद हमें महिला को पांच से सात दिन तक हॉस्पिटल में रखना होता है, लेकिन अब हम उन्हें चौथे दिन ही घर भेज रहे हैं। इस बीच खबर आई कि लातूर में अगले 15 दिनों के भीतर ट्रेन से पानी मुहैया कराया जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को #महाराष्ट्रविधानसभा में दी गई। लातूर में पानी की भारी किल्लत पर निचले सदन में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा, 'हमने ट्रेन के जरिए लातूर में पानी आपूर्ति करने की व्यवस्था की है। इस तरह की पहली ट्रेन अगले पखवाड़े तक पहुंच जाएगी।' खड़से ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के लातूर और #मराठवाड़ा के दूसरे हिस्सों में #जलसंकट की समस्या को दूर करने में महाराष्ट्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के पास 'राजनीतिक इच्छा शक्ति' की कमी के दावों को खारिज कर दिया। चव्हाण ने कहा, 'हम लंबा भाषण नहीं, बल्कि समाधान चाहते हैं। आज, इससे बड़ा कोई दूसरा अहम मुद्दा नहीं है।

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