आज का इतिहास 16 फ़रवरी, - Study Search Point

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आज का इतिहास 16 फ़रवरी,

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1769- कलकत्ता (अब कोलकाता) के अकरा में पहली बार सुनियोजित घुड़दौड़ का आयोजन किया गया।


1901- भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी, समाज सुधारक, विद्वान और न्यायविद् महादेव गोविन्द रानाडे का निधन।
1918- प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने और 1917 में क्रान्ति का सामना करने के कारण रुस के कमज़ोर हो जाने के बाद लिथवानिया ने अपनी स्वाधीनता की घोषणा की किंतु मॉस्को इसके बाद भी लिथवानिया को दोबारा अपने अधीन करने की चेष्ट में रहा। यहॉ तक कि सन 1940 में उसने यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया। बाद में जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तीन वर्ष तक लिथवानिया को अपने अधिकार में रखा किंतु युद्ध के समापन के बाद लिथवानिया की जनता के प्रतिरोध के बावजूद मास्को ने इस देश पर पुन: क़ब्ज़ा कर लिया।

1938- प्रख्यात बंगाली साहित्यकार शरतचंद्र चटोपाध्याय का निधन।

1946- पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ में सोविय संघ के प्रतिनिधि ने वीटो अधिकार का प्रयोग किया। आज के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ में रूस के प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव को वीटो किया और इस प्रकार पहली बार वीटो अधिकार का सुरक्षा परिषद में प्रयोग हुआ। वीटो पावर सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के पास है। वीटो पावर का प्रस्ताव 1945 में याल्ट सम्मेलन में अमरीका ब्रिटेन और रूस द्वारा पारित किया गया फिर इसे संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र में स्थान मिल गया।

1966- भारत के शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी साधु वासवानी का निधन।

1984- दक्षिणी लेबनान में जेबशीत कालोनी के इमाम जुमा और इस क्षेत्र में अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के विरुद्ध इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन आरंभ करने वाले शैख़ राग़िब हर्ब को शहीद कर दिया गया। उनकी हत्या ज़ायानी शासन ने करवाई। शैख़ राग़िब हर्ब संघर्षकर्ता धर्मगुरू थे।
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