1881- कोलकाता में भारत के पहले होमयोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना।
1899- अमेरिकी कांग्रेस ने संघीय चुनाव में वोटिंग मशीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी।
1905- उर्दू के प्रख्यत कवि दाग़ देहलवी का निधन हुआ। वे 25 मई सन 1831 ईसवी को दिल्ली में पैदा हुए। उन्होंने फ़ारसी की शिक्षा ग़ेयासुल्लोग़ात नामक शब्दकोष के लेखक ग़ेयासुद्दीन से प्राप्त की। शायरी में उन्होंने जौक़ को अपना उस्ताद बनाया। दाग़ वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद दिल्ली से निकल कर रामपुर पहुंचे जहां नवाब यूसुफ़ अली ख़ां और नवाब कल्बे अली ख़ां के दरबार से जुड़ गए। सन 1891 में नवाब महबूब अली ख़ां के शिक्षक नियुक्त किए गए।
1938- पालमाख़ गुट के हथियारबंद ज़ायोनियों ने फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार को जारी रखते हुए अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के सासा गांव में अपना घिनौना अपराध आरंभ किया। अगले दिन तक जारी रहने वाली इस आपराधिक कार्यवाही में 20 घरों को ध्वस्त कर दिया गया जिसके कारण 60 फ़िलिस्तीनी जिनमें अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की थी मलबे के नीचे दबकर शहीद हो गए।
1945- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विश्व की सबसे भीषण ग़ैर परमाणु बम्बारी आरंभ हुई। ब्रिटेन और अमरीका के 1773 विमानों ने जर्मनी के ठिकानों को निशाना बनाया।
1959- क्यूबा पर प्रसिद्ध क्रान्तिकारी फ़ीडल कास्त्रो का शासनकाल आरंभ हुआ। क्यूबा के राजनैतिक इतिहास में कई सैनिक विद्रोह क्रान्ति तथा आंदोलन हुए जिनमें अंतिम आंदोलन फीडल कास्त्रो का था। यह आंदोलन जिसने जनक्रान्ति का रूप ले लिया, कारण बना कि फ़ीडल कास्त्रो, बैटिस्टा की सरकार गिराने में सफल हो गए और उन्होंने क्यूबा की बागडोर संभाल ली।
1963- ब्रिटेन के शल्य चिकित्सक मार्टिन स्काट मनुष्य के गुर्दे का प्रतिरोपण करने में सफल हुए। आज के दिन ब्रिटेन के लीड्ज़ नगर के अस्पताल में प्रोफ़ेसर स्काट ने एक व्यक्ति के गुर्दे को जिसकी कुछ ही देर पहले मृत्यु हो गई थी अपने एक रोगी के शरीर में लगा दिया। यह प्रतिरोपण सफल रहा।
1989- ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम पर आधारित पहला उपग्रह अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किया गया।
2005- वीडियो- शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब की शुरूआत हुयी।
2005- लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक़ हरीरी राजधानी बैरूत मे एक कार बम के धमाके में मारे गए। लेबनान के बड़े उद्यमी माने जाने वाले रफ़ीक़ हरीरी की आयु उस समय 61 वर्ष थी। हरीरी लेबनान के गृह युद्ध की समाप्ति के कुछ ही समय बाद वर्ष 1992 से वर्ष 1998 तक तथा वर्ष 2000 से 2004 चार तक लेबनान के प्रधान मंत्री रहे। रफ़ीक़ हरीरी लेबनान में सीरिया की सेनाओं की उपस्थिति के विरोधी थे इसी लिए उनकी हत्या के बाद अमरीका और फ़्रान्स ने दावा किया कि उन्हें सीरिया के एजेंटों ने मारा है।
1899- अमेरिकी कांग्रेस ने संघीय चुनाव में वोटिंग मशीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी।
1905- उर्दू के प्रख्यत कवि दाग़ देहलवी का निधन हुआ। वे 25 मई सन 1831 ईसवी को दिल्ली में पैदा हुए। उन्होंने फ़ारसी की शिक्षा ग़ेयासुल्लोग़ात नामक शब्दकोष के लेखक ग़ेयासुद्दीन से प्राप्त की। शायरी में उन्होंने जौक़ को अपना उस्ताद बनाया। दाग़ वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद दिल्ली से निकल कर रामपुर पहुंचे जहां नवाब यूसुफ़ अली ख़ां और नवाब कल्बे अली ख़ां के दरबार से जुड़ गए। सन 1891 में नवाब महबूब अली ख़ां के शिक्षक नियुक्त किए गए।
1945- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विश्व की सबसे भीषण ग़ैर परमाणु बम्बारी आरंभ हुई। ब्रिटेन और अमरीका के 1773 विमानों ने जर्मनी के ठिकानों को निशाना बनाया।
1959- क्यूबा पर प्रसिद्ध क्रान्तिकारी फ़ीडल कास्त्रो का शासनकाल आरंभ हुआ। क्यूबा के राजनैतिक इतिहास में कई सैनिक विद्रोह क्रान्ति तथा आंदोलन हुए जिनमें अंतिम आंदोलन फीडल कास्त्रो का था। यह आंदोलन जिसने जनक्रान्ति का रूप ले लिया, कारण बना कि फ़ीडल कास्त्रो, बैटिस्टा की सरकार गिराने में सफल हो गए और उन्होंने क्यूबा की बागडोर संभाल ली।
1963- ब्रिटेन के शल्य चिकित्सक मार्टिन स्काट मनुष्य के गुर्दे का प्रतिरोपण करने में सफल हुए। आज के दिन ब्रिटेन के लीड्ज़ नगर के अस्पताल में प्रोफ़ेसर स्काट ने एक व्यक्ति के गुर्दे को जिसकी कुछ ही देर पहले मृत्यु हो गई थी अपने एक रोगी के शरीर में लगा दिया। यह प्रतिरोपण सफल रहा।
1989- ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम पर आधारित पहला उपग्रह अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा के पास स्थापित किया गया।
2005- वीडियो- शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब की शुरूआत हुयी।
2005- लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक़ हरीरी राजधानी बैरूत मे एक कार बम के धमाके में मारे गए। लेबनान के बड़े उद्यमी माने जाने वाले रफ़ीक़ हरीरी की आयु उस समय 61 वर्ष थी। हरीरी लेबनान के गृह युद्ध की समाप्ति के कुछ ही समय बाद वर्ष 1992 से वर्ष 1998 तक तथा वर्ष 2000 से 2004 चार तक लेबनान के प्रधान मंत्री रहे। रफ़ीक़ हरीरी लेबनान में सीरिया की सेनाओं की उपस्थिति के विरोधी थे इसी लिए उनकी हत्या के बाद अमरीका और फ़्रान्स ने दावा किया कि उन्हें सीरिया के एजेंटों ने मारा है।