1 जनवरी 2016 से राजधानी में नंबर प्लेट के आधार पर चलेंगी गाड़ियां., - Study Search Point

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1 जनवरी 2016 से राजधानी में नंबर प्लेट के आधार पर चलेंगी गाड़ियां.,

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दिल्ली में एक जनवरी 2016 से सम और विषम संख्या वाली गाडि़यों को अलग-अलग दिन चलाने के फैसले से केजरीवाल सरकार पर दोहरी प्रतिक्रिया हो रही है। कुछ जानकार इसे दुनिया के तमाम देशों की तरह सफल कदम बताया है तो सोशल मीडिया पर इस फैसले की कड़ी प्रतिक्रिया के साथ साथ कई जोक्स भी शेयर किए जा रहे हैं। आज सुबह से ही #DelhiOddEvenLogic नंबर एक का हैशटैग बना हुआ है और लोग इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
गौरतलब हो कि एनजीटी और हाईकोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने वाहनों के संचालन के लिए एक कड़ा फैसला लिया। 1 जनवरी 2016 से राजधानी में नंबर प्लेट के आधार पर गाड़ियां चलेंगी। यानी 2,4,6,8,0 के नंबर वाली गाड़ियां पहले दिन और 1,3,5,7,9 की नंबर वाली दूसरे दिन चलेंगी। यानी पहले दिन सम संख्या वाली और दूसरे दिन विषम संख्या वाली गाड़ियां चलेंगी। यह नियम सार्वजनिक परिवहन पर लागू नहीं होगा। सम और विषय नंबर का फॉर्मूला नया नहीं है। यह एक सिद्धांत है। जिसके जरिए सीमित संसाधनों को साझा किया जाता है। मेक्सिको सिटी, सेंटियागो, चिली,साओ-पालो में यह फॉर्मूला खूब हिट है। 2008 में समर ओलंपिक खेलों में बीजिंग में वायु प्रदूषण को घटाने के लिए इस फॉर्मूले का प्रयोग किया गया था। इस दौरान प्रदूषण घटने और वायु की गुणवत्ता अच्छी होने पर बीजिंग में अब इस फॉर्मूले को कुछ अलग तरह से लागू कर दिया गया है। इसमें वींकेड पर 20 फीसदी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया जाता है।

पेरिस ने इस फैसले के साथ लिए थे कई फैसले
* सार्वजनिक परिवहन को सोमवार को निशुल्क किया गया
* कार और बाइक शेयरिंग को बढ़ावा दिया गया
* इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों पर विशेष छूट दी गई
* 750 पुलिस अधिकारी तैनात किए गए निगरानी के लिए

दुनियाभर में और क्या कदम उठाए गए
* 50 देशों के 700 शहरों में बाइक शेयरिंग कार्यक्रम चल रहे हैं
* साइकिल चलाने वालों के लिए तमाम देशों में अलग लेन बनाई गई
* 100 से अधिक शहरों में वीकएंड पर कार चालकों के लिए कई रोड प्रतिबंधित रहते हैं
* कार ड्राइविंग को बोरिंग बनाने के लिए तमाम जगहों पर स्पीड प्रतिबंध लगाया गया
* लंदन में 2002 से कार चालकों से कंजेशन चार्ज लेने से संख्या में एक तिहाई कमी आई है
* पेरिस में ऑटो की संख्या में 1/5 की कमी हो गई
* अमेरिका में चौराहा पार करने के लिए साइकिल सवारों और पैदल वालों के लिए विशेष बटन दिया गया है

किन देशों में क्या क्या प्रतिबंध
* लाइसेंस नंबर के आधार पर कार चलाने की योजना दुनिया के तमाम देशों में लागू की गई है। एथेंस, सेंटियागो, चिली, मैक्सिको सिटी, मेट्रो मनीला, साओ पाउलो, बोगोटा, कोलंबिया, ला पाज, बोलिविया, सैन जोस, कोस्टा रिका, होंडूरास में पूरे देश में, इक्वाडोर में इस तरह का प्रतिबंध लागू है।
* इन सभी शहरों में कुछ प्रतिशत वाहनों की वीक डेज में पीक आवर्स या कुछ घंटों के लिए प्रतिबंधित है। दिल्ली में अभी आपकी नंबर प्लेट के आखिर अंक को देखते हुए कार चलाने का प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन कई ऐसे शहर और देश भी हैं जहां ज्यादा प्रदूषण को देखते हुए कई अंकों को मानक बनाकर प्रतिबंध लगाया गया है।

कुछ सवाल जो सोशल मीडिया ने खड़े किए
* मेडिकल इमरजेंसी में क्या नियम लागू होंगे
* कंपनियां क्या निजी कार चालकों को ऑफिस समय पर आने के लिए कोई छूट देंगी
* प्रतिबंधित दिनों में क्या घर से 5 किमी तक की दूरी भी नहीं तय कर सकते
* जब कार वाले अपराधियों पर नजर नहीं रख पा रहे तो नियम तोड़ने वालों पर कैसे होगी
* क्या सार्वजनिक वाहनों पर विशेष छूट नहीं दिया जाना चाहिए
* क्या इस नियम से लोग सम और विषम दोनों नंबर की कार नहीं खरीदने लगेंगे



दूसरे राज्यों के वाहन भी दायरे में
दिल्ली के मुख्य सचिव के.के शर्मा ने बताया कि दूसरे राज्यों की नंबर प्लेट वाले वाहनों पर भी यह नियम लागू होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने दिल्ली पर फैली कोहरे, धुंध व प्रदूषण की चादर को समटने के लिए यह नया फॉर्मूला तैयार किया है। दिल्ली के निजी वाहनों की व्यवस्था लागू होने के बाद इसे आसपास के राज्यों के वाहनों के लिए लागू किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि सर्दियों में प्रदूषण की वजह से स्थिति और खराब हो रही है। सिंगापुर की तर्ज पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है।

कैसे तय होगा गाड़ी का नंबर
* अगर आपकी गाड़ी का आखिरी नंबर 2,4,6,8,0 है तो सप्ताह के पहले दिन इनके चलने पर रोक
* दूसरे दिन 1,3,5,7 या 9 नंबर की गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल पाएंगी

नंबर प्लेट देखकर वाहन को रोकना आसान नहीं
ट्रैफिक पुलिस के पास न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही तकनीकी संसाधन। अगर जुर्माना 100 रुपये रहता है तो योजना को लागू करने में दिक्कत होगी। सरकारी, कॉमर्शियल और दूसरे हल्के-भारी वाहनों के बीच से सम-विषम नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को छांटना दुश्कर काम है। दिल्ली में ही 84 लाख से ज्यादा निजी वाहन हैं। जबकि एनसीआर से भी रोज करीब पांच लाख वाहनों की आवाजाही होती है।

सम-विषम नंबर वाली योजना के लिए ये सब करना होगा
* हर छोटी-बड़ी सड़क पर सीसीटीवी और रेड स्पीड कैमरे लगाने होंगे
* ये कैमरे वाहन की नंबर प्लेट का फोटो ले सकते हैं
* इसके बाद उल्लंघनकर्ता के घर पर नोटिस भेजना आसान होगा
* प्रत्येक सीमा पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती से काम नहीं चलेगा
* यहां पर उच्च क्वालिटी वाले डिजिटल एवं वीडियो कैमरे लगाने होंगे
* चालान नोटिस के लिए अलग सेंट्रल सर्वर और कंट्रोल रूम तैयार करना होगा
* यदि किसी जगह पर वाहनों को रोक कर उनका चालान करना शुरू हुआ तो जाम हो जाएगी दिल्ली
* सड़क पर अलग-अलग लेन बनानी होंगी और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी
* जब सभी वाहन अपनी लेन में चलेंगे तो उल्लंघनकर्ताओं को पहचानना आसान होगा
* अगर सभी वाहन मनमर्जी से चलेंगे तो सम-विषम नंबर वाली गाड़ियों को पहचानना और उन्हें रोक पाना संभव नहीं होगा

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