कहा जाता है कि गाजरें आंखों की रोशनी को सही रखने में सहायक सिद्ध होती हैं और अब चिकित्सा विज्ञान ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। यह बात अमरीका में होने वाले एक नये वैज्ञानिक शोध में सामने आई है। हाडवर्ड विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार विभिन्न सब्ज़ियों को रंग दने वाला अंश जैसे गाजरों, मिर्चों और पालक इत्यादि में पाया जाने वाला भाग कैरोटीन्ज़ उम्र बढ़ने से पुट्ठों में आने वाले झुकाव की रफ़्तार को सुस्त कर देता है।
पुट्ठों में झुकाव के परिणाम में उम्र बढ़ने से नज़र कमज़ोर होती है और दुनिया भर में इसकी संख्या 2020 तक 196 मिलियन तक पहुंच जाने की आशंका है। इस शोध के दौरान पचास वर्ष से अधिक आयु के लोगों की 25 वर्ष तक समीक्षा की गयी और यह पता चला कि जिन लोगों ने कैरोटीन और ज़ियाक्सनतीन से भरपूर सब्ज़ियों का प्रयोग किया उनमें नज़र की कमज़ोरी का ख़तरा 40 प्रतिशत तक कम हो गया। यह दोनों भाग नज़र की कमज़ोरी दूर करने के संबंध में बेहतरीन माने जाते हैं। आंख की रोशनी को कोशिकाओं को होने वाले नुक़सान से सुरक्षित रखती हैं। इसी प्रकार गाजर में पाये जाने वाले अल्फ़ा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन से भी आंख की रोशनी कमज़ोर होने का ख़तरा बहुत सीमा तक कम होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि गाजर के प्रयोग से यदि नज़र कमज़ोर हो जाए तो नज़र कमज़ोर होने की रफ़्तार सुस्त हो जाती है। यह शोध चिकित्सकीय पत्रिका जामा ओपथोलोमोलोजी में प्रकाशित हुआ है।