राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के दिन मनाया जाता है। दुनिया भर में 'हॉकी के जादूगर' के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान व कालजयी हॉकी खिलाड़ी 'मेजर ध्यानचंद सिंह' जिन्होंने भारत को ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलवाया, उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उनके जन्मदिन 29 अगस्त को हर वर्ष भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हॉकी में जहां हॉकी के जादूगर ध्यानचंद , जिनकी स्मृति में ही , आज यानि 29अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में याद किया और मनाया जाता है , ने जहां वैश्विक प्रतियोगिताओं में रिकॉर्ड 400 से अधिक गोल दाग कर ओलंपिक खेलों सहित पूरे विश्व में भारतीय हॉकी का परचम लहरा दिया वहीं कपिल देव की अजेय क्रिकेट टीम ने 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीत कर देश को क्रिकेट से जोड कर देशवासियों को एक नए जुनून की ओर मोड दिया बाद में इस विरासत को सचिन तेंदुलकर सरीखे युगों में पैदा होने वाले खिलाडी की अदभुत उपलब्धियों ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया और भारतीय टीम दूसरी बार भी विश्व कप जीतने में सफ़ल रही ।
क्रिकेट के प्रति इस देश की दीवानगी तो जग-जाहिर रही है । स्थिति तो ऐसी बन गई कि क्रिकेट पर ये आरोप लगने लगे कि उसने अन्य खेलों के विकास/ प्रसार में बहुत बाधा डाली । हॉकी में जहां हॉकी के जादूगर ध्यानचंद , जिनकी स्मृति में ही , आज यानि 29अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में याद किया और मनाया जाता है , ने जहां वैश्विक प्रतियोगिताओं में रिकॉर्ड 400 से अधिक गोल दाग कर ओलंपिक खेलों सहित पूरे विश्व में भारतीय हॉकी का परचम लहरा दिया वहीं कपिल देव की अजेय क्रिकेट टीम ने 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीत कर देश को क्रिकेट से जोड कर देशवासियों को एक नए जुनून की ओर मोड दिया बाद में इस विरासत को सचिन तेंदुलकर सरीखे युगों में पैदा होने वाले खिलाडी की अदभुत उपलब्धियों ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया और भारतीय टीम दूसरी बार भी विश्व कप जीतने में सफ़ल रही । क्रिकेट के प्रति इस देश की दीवानगी तो जग-जाहिर रही है । स्थिति तो ऐसी बन गई कि क्रिकेट पर ये आरोप लगने लगे कि उसने अन्य खेलों के विकास/ प्रसार में बहुत बाधा डाली ।
क्रिकेट के प्रति इस देश की दीवानगी तो जग-जाहिर रही है । स्थिति तो ऐसी बन गई कि क्रिकेट पर ये आरोप लगने लगे कि उसने अन्य खेलों के विकास/ प्रसार में बहुत बाधा डाली । हॉकी में जहां हॉकी के जादूगर ध्यानचंद , जिनकी स्मृति में ही , आज यानि 29अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में याद किया और मनाया जाता है , ने जहां वैश्विक प्रतियोगिताओं में रिकॉर्ड 400 से अधिक गोल दाग कर ओलंपिक खेलों सहित पूरे विश्व में भारतीय हॉकी का परचम लहरा दिया वहीं कपिल देव की अजेय क्रिकेट टीम ने 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीत कर देश को क्रिकेट से जोड कर देशवासियों को एक नए जुनून की ओर मोड दिया बाद में इस विरासत को सचिन तेंदुलकर सरीखे युगों में पैदा होने वाले खिलाडी की अदभुत उपलब्धियों ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया और भारतीय टीम दूसरी बार भी विश्व कप जीतने में सफ़ल रही । क्रिकेट के प्रति इस देश की दीवानगी तो जग-जाहिर रही है । स्थिति तो ऐसी बन गई कि क्रिकेट पर ये आरोप लगने लगे कि उसने अन्य खेलों के विकास/ प्रसार में बहुत बाधा डाली ।