रसायन विज्ञान/केमिस्ट्री की शब्दोत्पत्ति - Study Search Point

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रसायन विज्ञान/केमिस्ट्री की शब्दोत्पत्ति

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भाषा विज्ञान की दृष्टि में केमिस्ट्री की मूल धातु Chemy की व्युत्पत्ति यूनानी भाषा के खीमिया (Khymeia) से हुई है जिसका तात्पर्य है - 'धातु निर्माण की यूनानी तकनीक'। अन्य मान्यतानुसार केमी का अर्थ - परस्पर एक दूसरे में मिलाना। केमिस्ट्री की मूल धातु Chemy की समानता चीनी शब्द Kim से है, अर्थात् धातुओं के रूपांतर की कला। इसका एक रूप चिन (Chin) है। अरबी और ग्रीक में Chemy शब्द वस्तुतः चीनी भाषा के Kim के रूपांतर है। चीनी (मेंडारिन भाषा) में Chimmi शब्द का अर्थ 'सोना गलाना' है। केमिस्ट्री के अन्तर्गत मोटे तौर पर तत्व और यौगिक के रूपांतरण, निर्माण और उनके गुणधर्मो का अध्ययन किया जाता है। अन्य मान्यतानुसार केमिस्ट्री स्पेनिश भाषा के अलकेमी (Alchemy) से आया माना जाता है जो अरबी के अल-कीमिया (al-kimia) से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ - रूपांतरण है। यद्यपि केमी शब्द की उत्पत्ति के विभिन्न मत है, परंतु इसके बाद भी यह निश्चित है कि इस शब्द का मूलाधार एक ही है। इससे मिलते-जुलते शब्द पूर्व मध्य एषिया और यूरोप की भाषाओं में मिलते हैं अतः इस तथ्य की पुष्टि होती है। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में भी 'रसायन' शब्द का बहुतायत से प्रयोग हुआ है। आयुर्वेद में पारा को 'रसराज' यानी रसों का राजा तथा पारे से निर्मित औषधियाँ 'रसायन' कहलाती थीं। रसायन से 'रसशास्त्र' बना है। रसायन विज्ञान, रसायनों के रहस्यों को समझने की कला है। इस विज्ञान से विदित होता है कि पदार्थ किन-किन चीजों से बने हैं, उनके क्या-क्या गुण हैं और उनमें क्या-क्या परिवर्तन होते हैं। सभी पदार्थ तत्वों से बने हुए हैं। भारतीय विद्वान दार्शनिकों ने उद्घोषित किया कि पदार्थ की रचना पंच महाभूतों, यथा- आकाश, वायु, जल, तेज तथा पृथ्वी से हुई है। वहीं यूनानी विचारकों के अनुसार पदार्थो की रचना चार प्रकार के तत्वों, यथा - पृथ्वी, वायु, जल तथा अग्नि से हुई है।

 यूरोप में रसायन विज्ञान का प्रारंभ 12वीं शताब्दी में थियोफिलस से हुआ। 15वीं-16वीं शताब्दी में पैरासेलस (1493-1541 ई.) ने औषधि रसायन के क्षेत्र में कार्य किया। 16वीं-17वीं शताब्दी में फ्रांसिस बैकन (1561-1636 ई.) ने आधुनिक रसायन विज्ञान की आधारशिला रखी। भारत में रसायन विज्ञान का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। भारतीयों को हड़प्पा-पूर्व काल (4000 ईसापूर्व) से ही रसायन विज्ञान और रसायन प्रौद्योगिकी का ज्ञान था। इतिहास में भारतीय इस्पात की श्रेष्ठता के कई उल्लेख मिलते है। दिल्ली का लौहस्तंभ तथा बिहार के भागलपुर जिले में स्थित बुद्ध की ताम्र प्रतिमा इसके ज्वंलत उदाहरण है।
रसायन विज्ञान के क्षेत्र
रसायन विज्ञान की भी कई शाखाएं हैं जिन्हें पदार्थों के अध्ययन के दौरान बांटा गया है। रसायन विज्ञान की शाखाओं में कार्बनिक रसायनअकार्बनिक रसायनजैव रसायनभौतिक रसायनविश्लेषणात्मक रसायनआदि प्रमुख हैं। कार्बनिक रसायन में कार्बनिक पदार्थों, अकार्बनिक रसायन में अकार्बनिक पदार्थों, जैव रसायन में सुक्ष्म जीवों में उपस्थित पदार्थों, भौतिक रसायन में पदार्थ की बनावट, संघटन और उसमें सन्निहित ऊर्जा, विश्लेषणात्मक रसायन में नमूने के विश्लेषण का अध्ययन किया जाता है ताकि उसकी बनावट और संचरना का पता चले। हाल के दिनों में न्यूरो-रसायन जैसी रसायन की कुछ और शाखाओं का उदय हुआ है। रसायन विज्ञान का क्षेत्र बहुत व्यापक है तथा दूसरे विज्ञानों के समन्वय से प्रतिदिन विस्तृत होता जा रहा है। फलत: आज हम भौतिक एवं रसायनभौतिकी, जीव रसायन, शरीर-क्रिया-रसायन, सामान्य रसायन, कृषि रसायन, आदि अनेक नवीन उपांगों में रसायन विज्ञान का अध्ययन देखते हैं।
अध्ययन की सुविधा के लिए हम रसायन विज्ञान कई शाखाओं में वर्गीकृत करते हैं : -
1. अकार्बनिक रसायन
2. कार्बनिक रसायन
3. भौतिक रसायन
3. वैश्लेषिक रसायन
4. जीव रसायन
5. औद्योगिक रसायन
6. औषधीय रसायन
7. नाभिकीय रसायन
8. कृषि रसायन (Green Chemistry)
9. पर्यावरणीय रसायन (Environmental Chemistry)
10. हरित रसायन (Green Chemistry)
इनके अलावा भूरसायन, खगोलरसायन, बहुलक रसायन, क्लस्टर रसायन, विद्युत् रसायन, पर्यावरण रसायन, आहार रसायन, सामान्य रसायन, नैनो रसायन, ठोस अवस्था रसायन, ऊष्मारसायन आदि अन्य शाखायें हैं।

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