पोस्टमॉर्टम हाउस से तांत्रिकों को बेच रहे मानव अंग.., - Study Search Point

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पोस्टमॉर्टम हाउस से तांत्रिकों को बेच रहे मानव अंग..,

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उत्तर प्रदेश के मेरठ मेडिकल कॉलेज के पोस्टमॉर्टम हाउस में लाशों से मानव अंगों को निकाल उनको बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुर्दों के शरीर से इन अंगों को निकाल कर तांत्रिकों को बेचने की बात भी कही गई है। हैरान कर देने वाला यह वाकया स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है। स्टिंग में पोस्टमॉर्टम हाउस का एक कर्मचारी मानव अंगों का सौदा करते हुए दिखता है। मामला सामने आने के बाद मेरठ के डीएम पंकज यादव ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं की एक टीम के प्रयास से इस घिनौने काम से पर्दा उठ पाया। उन्हें जानकारी मिली थी कि पोस्टमॉर्टम करते समय डॉक्टरों का साथ देने वाले कर्मचारी लाशों से मानव अंग निकाल लेते हैं और उन्हें तांत्रिकों को बेचते हैं। इस सूचना के आधार पर ही टीम ने पूरे स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया जिसमें पूरा वाकया सामने आ गया। लाशों से निकाले गए लिवर व हृदय की कीमत क्रमशः 5 हजार और 20 हजार रुपये तक होती है। कई तांत्रिक मानव अंगों को खरीदते हैं और उसके साथ वे काला जादू करने का दावा करते हैं। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मेरठ डीएम पंकज यादव ने कहा कि उन्होंने मामले से संबंधित एक रिपोर्ट सरकार को भेजकर जांच की मांग की है। वहीं, जिले से मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएमओ) रमेश चंद्र ने कहा कि पुलिस की गैर-मौजूदगी में किसी भी लाश की ना ही चीर-फाड़ किए जाने और ना ही टांका लगाए जाने का निर्देश दिया जा चुका है। स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में पोस्टमॉर्टम हाउस के एक कर्मचारी को खरीददार के सामने अंगों की कीमत के बारे में बताते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है। वह संभावित ग्राहक से बोल रहा है, 'ताजी लाश से निकाले गए लिवर के लिए कम से कम 5,100 रुपये चुकाने होंगे जबकि कुछ दिन पुरानी लाशों के लीवर 2-2 हजार रुपये में मिल जाएंगे।' आगे वह दावा कर रहा है कि उसने 22 जून को मेरठ में ही हुए एक हादसे में मारे गए एक पुलिस अधिकारी के अंग को अभी ही 5,100 रुपये में बेचा है। पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी के अनुसार, ज्यादातर अंग तांत्रिक खरीदकर ले जाते हैं और उससे काला जादू करते हैं। स्टिंग ऑपरेशन करने वाली टीम के सदस्य कपिल पटियाली ने बताया, 'वैसे तो लिवर की मांग ज्यादा होती है, लेकिन कुछ तांत्रिक दिल जैसे दूसरे मानव अंगों की भी मांग करते हैं।' बहरहाल, जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इसका कोई आइडिया नहीं है कि यह सब कब से चल रहा है। 

साभार : Jagran

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