पृथ्वी पर जल चक्र - Study Search Point

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पृथ्वी पर जल चक्र

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जल चक्र पृथ्वी पर उपलब्ध जल के एक रूप से दूसरे में परिवार्तित होने और एक भण्डार से दूसरे भण्डार या एक स्थान से दूसरे स्थान को गति करने की चक्रीय प्रक्रिया है जिसमें कुल जल की मात्रा का क्षय नहीं होता बस रूप परिवर्तन और स्थान परिवर्तन होता है। अतः यह प्रकृति में जल संरक्षण के सिद्धांत की व्याख्या है।
इसके मुख्य चक्र में सर्वाधिक उपयोग में लाए जाने वाला जल रूप - पानी (द्रव) है जो वाष्प बनकर वायुमण्डल में जाता है फिर संघनित होकर बादल बनता है और फिर बादल बनकर ठोस (हिमपात) या द्रव रूप में वर्षा के रूप में बरसता है। हिम पिघलकर पुनः द्रव में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह जल की कुल मात्रा स्थिर रहती है। यह पृथ्वी के सम्पूर्ण पर्यावरण रुपी पारिस्थितिक तंत्र में एक भूजैवरसायन चक्र (Geobiochemical cycle) का उदाहरण है।

पृथ्वी पर जल का वितरण
धरातलीय
वायुमण्डलीय
समुद्री
भूगर्भिक

जल की अवस्थाएँ
हिम (ठोस)
द्रव (पानी)
वाष्प (गैस)
अतिशीतित जल (सुपरकुल्ड वाटर)

वर्षावन जल चक्र को बनाए रखने में मदद करते हैं।

वर्षावन जल चक्र को बनाए रखने में मदद करते हैं। अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, "जल चक्र जो हाइड्रोलोजिक साइकल के नाम से भी जाना जाता है, पृथ्वी की सतह पर, इसके ऊपर, और इसके नीचे जल की निरंतर गतियों का वर्णन करता है।"  जल चक्र में वर्षावन की भूमिका है, वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया के माध्यम से वातावरण में जल को मुक्त करना। (जहां वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान अपनी पत्तियों से पानी को मुक्त करते हैं)। यह नमी वर्षा के बादलों के निर्माण में योगदान देती है जो वर्षावन में जल को फिर से मुक्त कर देते हैं। अमेज़न (Amazon) में, पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का जल चक्र 50-80% नमी को बरकरार रखता है।  जब जंगलों को काट दिया जाता है, वातावरण में जाने वाली नमी की मात्रा कम हो जाती है, और इससे वर्षा में कमी आती है और कभी कभी सूखा पड़ जाता है। वर्षावन के पेड़ों और वनस्पति की जड़ें मिटटी को बांधने में मदद करती हैं। जब पेड़ों को काट दिया जाता है, तो भूमि की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं रह जाता है, और वर्षा के साथ मिट्टी का क्षरण होने लगता है। मिट्टी के क्षरण की यह प्रक्रिया अपरदन या कटाव कहलाती है।  यह मिट्टी पानी के साथ बह कर नदियों में चली जाती है और मछलियों व लोगों के लिए समस्या का कारण बनती है। पानी गंदला हो जाने के कारण मछलियों को परेशानी होती है, उथले जलमार्ग से होकर जाने वाले लोगों को भी नाव चलने में समस्या का सामना करना पड़ता है,क्योंकि पानी में धूल की मात्रा के बढ़ जाने के कारण पानी धुंधला हो जाता है। साथ ही किसान शीर्ष मृदा को गवां देते हैं जो फसलों को उगने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वर्षावन में बड़ी संख्या में दुनिया के पौधे और जानवरों की प्रजातियां पायी जाती हैं, ये कई लुप्तप्राय प्रजातियों के भी आवास स्थान हैं। क्योंकि वनों को काटा जा रहा है, कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गयी हैं। कुछ वर्षावन प्रजातियां केवल उनके प्राकृतिक आवास में ही जीवित रह सकती हैं। चिड़ियाघर सभी जानवरों को नहीं बचा सकते हैं। 

1 टिप्पणी:

  1. लिया
    2020 के पानी के चक्र पर अविश्वसनीय खोज देखें
    1- अलविदा "वाष्पीकरण-संघनन-बारिश" 👎 सर्वव्यापी सार्वभौमिक सिद्धांत।
    2- एक मिनट 30 सेकंड में नए सिद्धांत 2020👍 में आपका स्वागत है।
    https://youtu.be/oQ7jpMo4LUU
    धन्यवाद

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