1751- ईसवी को स्वेडन के रसायनशास्त्री और खदान विशेषज्ञ फ्रेडरिक क्रोन्स्टलर निकेल नामक धातु का पता लगाने में सफल हुए। लम्बे समय के निरंतर शोधकार्य और प्रयोग के बाद उन्होंने इस महत्वपूर्ण धातु का पता लगाया। यह धातु इस समय औद्योगिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
1760- मराठा सेना ने दिल्ली पर कब्जा किया।
1879- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बासुदेव बलवंत फड़के को गिरफ्तार कर लिया गया।
1883- ईसवी को चेक गणराज्य के विख्यात लेखक फ्रैन्टस कैफ़का पैदा हुए। उन्हें बड़े लेखों और रचानाओं का अध्ययन करने में बड़ी रुचि थी। बाद मेने स्वयं भी लिखने लगे। चूँकि उनका बचपन कठिनाइयों में बीता इस लिए वे संसार को बड़ी ही निराशा के साथ देखते थे। वे सारी वस्तुओं को निराशा करने वाली और व्यर्थ समझते थे।
1886- न्यूयॉर्क ट्रिब्यून छपाई मशीन का इस्तेमाल करने वाला पहला अखबार बना।
1890- इडाहो अमेरिका का 43वां प्रांत बना।
1904- ईसवी को अंतर्राष्ट्रीय ज़ायोनिज़्म के संस्थापक थ्योडोर हर्टज़ल का निधन हुआ। वे सन 1860 ईसवी में हंग्री की राजधानी बुडापेस्ट में जन्मे और कुछ समय के बाद ऑस्ट्रिया चले गये। यहॉ उनके मन में यहूदियों को एक अलग देश में एकत्रित करने के विचार ने ज़ोर पकड़ा। इसी कारण उन्होंने 1895 में "यहूदी सरकार नामक" पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने वर्चस्ववाद और जातीय दृष्टि से स्वयं को श्रेष्ठ समझने के ज़ायोनी विचार को पेश किया।
1952- अमेरिकी कांग्रेस ने प्यूर्टो रिको के संविधान को मंजूरी दी।
1760- मराठा सेना ने दिल्ली पर कब्जा किया।
1879- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बासुदेव बलवंत फड़के को गिरफ्तार कर लिया गया।
1883- ईसवी को चेक गणराज्य के विख्यात लेखक फ्रैन्टस कैफ़का पैदा हुए। उन्हें बड़े लेखों और रचानाओं का अध्ययन करने में बड़ी रुचि थी। बाद मेने स्वयं भी लिखने लगे। चूँकि उनका बचपन कठिनाइयों में बीता इस लिए वे संसार को बड़ी ही निराशा के साथ देखते थे। वे सारी वस्तुओं को निराशा करने वाली और व्यर्थ समझते थे।
1890- इडाहो अमेरिका का 43वां प्रांत बना।
1904- ईसवी को अंतर्राष्ट्रीय ज़ायोनिज़्म के संस्थापक थ्योडोर हर्टज़ल का निधन हुआ। वे सन 1860 ईसवी में हंग्री की राजधानी बुडापेस्ट में जन्मे और कुछ समय के बाद ऑस्ट्रिया चले गये। यहॉ उनके मन में यहूदियों को एक अलग देश में एकत्रित करने के विचार ने ज़ोर पकड़ा। इसी कारण उन्होंने 1895 में "यहूदी सरकार नामक" पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने वर्चस्ववाद और जातीय दृष्टि से स्वयं को श्रेष्ठ समझने के ज़ायोनी विचार को पेश किया।
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