नारायण सुब्बाराव हार्डिक/Narayan Subbarao Hardikar, - Study Search Point

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नारायण सुब्बाराव हार्डिक/Narayan Subbarao Hardikar,

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नारायण सुब्बाराव हार्डिकर (Narayan Subbarao Hardikar ; जन्म- 7 मई1889धारवाड़ ज़िलाकर्नाटक मृत्यु- 26 अगस्त1975भारत के स्वतंत्रता सेनानी और कांग्रेस के प्रसिद्ध राजनेता थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में प्रसिद्ध 'हिन्दुस्तान सेवादल' की स्थापना की थी।
'बंगाल विभाजन' के विरोध में नारायण सुब्बाराव ने 'आर्य बाल सभा' का गठन किया था। आज़ादी के बाद वर्ष 1952 में उन्हें राज्य सभा का सदस्य चुना गया था। पुणे में प्रसिद्ध क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के समाचार पत्रों में अनेक विचार पढ़कर नारायण सुब्बाराव हार्डिकर के अंदर भी राष्ट्रीय भावना का उदय हुआ। देशभक्ति की भावना मन में जागृत होते ही वे विद्यार्थी जीवन से ही सार्वजनिक कार्यों में रुचि लेने लगे। इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे उच्च शिक्षा के अध्ययन के लिए नारायण सुब्बाराव 1913 में अमरीका चले गए। वहाँ उन्होंने 'मैचिंगन यूनिवर्सिटी' में अपना अध्ययन पूरा किया। प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता लाला लाजपत राय भी उन दिनों अमरीका में ही थे। भारतीय स्वतंत्रता के पक्ष में वातावरण बनाने के लिए 'हिन्दुस्तान एसोसिएशन ऑफ़ अमरीका' नाम की संस्था काम कर रही थी। भारत लौटने पर नारायण सुब्बाराव ने कर्नाटक में राष्ट्रीय भावनाओं के प्रचार के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना की। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण काम 1923 में 'हिन्दुस्तान सेवादल' की स्थापना था। देश-भर में घूमकर हार्डिकर ने इस संस्था का विस्तार किया। 'हिन्दुस्तान सेवादल' का देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा था। इसके स्वयं सेवक हर संघर्ष में भाग लेते रहे। 
भारत की स्वतंत्रता के बाद नारायण सुब्बाराव हार्डिकर को 1952 में राज्य सभा का सदस्य चुना गया। 1962 तक वे इस पद पर बने रहे। देश और उनकी सेवाओं को देखते हुए 'भारत सरकार' ने उन्हें 'पद्मभूषण' के मानद सम्मान से सम्मानित किया था।

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