भारतीय मूल के एक शोधकर्ता ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो सर्विलांस कैमरा जैसे दूरवर्ती उपकरणों को चार्ज करने के लिए वाई-फाई इंटरनेट सिग्नल का इस्तेमाल करता है। सिएटल स्थित युनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोध छात्र वामसी तल्ला और उनके सहकर्मियों ने यह प्रणाली विकसित की है, जिसका नाम पॉवर ओवर वाई-फाई रखा गया है। इस प्रणाली की अवधारणा बहुत सरल है।
वाई-फाई रेडियो एक तरह की ऊर्जा प्रसारित करता है, जिसे एक साधारण एंटिना भी पकड़ सकता है। तल्ला ने तापमान सेंसर के साथ एंटिना को जोड़ा, इसे वाई-फाई रूटर के नजदीक रखा और उपकरण में वोल्टेज को मापा। इसके साथ ही दल ने एंटिना के साथ कैमरे को भी जोड़ दिया। यह 174 गुणा 144 पिक्सल की श्वेत श्याम तस्वीरें खींचने की क्षमता रखता है, जिसके लिए प्रति तस्वीर 10.4 मिलीजॉल्स ऊर्जा की जरूरत है। ऊर्जा संग्रहित करने के लिए उन्होंने कैमरे के साथ कम रिसाव वाला कैपेसिटर लगाया। ये तस्वीरें 64 केबी रैम में संग्रहित की गई हैं। तल्ला ने पत्रिका एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू को बताया कि बैटरी मुक्त इस कैमरे को रूटर से लगभग पांच मीटर की दूरी से संचालित किया जा सकता है। यह प्रत्येक 35 मिनट में तस्वीरें खींचता है।
B y : livehind
वाई-फाई रेडियो एक तरह की ऊर्जा प्रसारित करता है, जिसे एक साधारण एंटिना भी पकड़ सकता है। तल्ला ने तापमान सेंसर के साथ एंटिना को जोड़ा, इसे वाई-फाई रूटर के नजदीक रखा और उपकरण में वोल्टेज को मापा। इसके साथ ही दल ने एंटिना के साथ कैमरे को भी जोड़ दिया। यह 174 गुणा 144 पिक्सल की श्वेत श्याम तस्वीरें खींचने की क्षमता रखता है, जिसके लिए प्रति तस्वीर 10.4 मिलीजॉल्स ऊर्जा की जरूरत है। ऊर्जा संग्रहित करने के लिए उन्होंने कैमरे के साथ कम रिसाव वाला कैपेसिटर लगाया। ये तस्वीरें 64 केबी रैम में संग्रहित की गई हैं। तल्ला ने पत्रिका एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू को बताया कि बैटरी मुक्त इस कैमरे को रूटर से लगभग पांच मीटर की दूरी से संचालित किया जा सकता है। यह प्रत्येक 35 मिनट में तस्वीरें खींचता है।
B y : livehind
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें