आज का चिन्तन May 01-May 22, - Study Search Point

निरंतर कर्म और प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं।

आज का चिन्तन May 01-May 22,

Share This

आज का चिन्तन May 22



  • जैसे रात्रि के बाद भोर का आना या दुख के बाद सुख का आना जीवन चक्र का हिस्सा है वैसे ही प्राचीनता से नवीनता का सफ़र भी निश्चित है। — भावना कुँअर


__________________________________________





आज का चिन्तन May 21,

  • धन के भी पर होते हैं। कभी-कभी वे स्वयं उड़ते हैं और कभी-कभी अधिक धन लाने के लिए उन्हें उड़ाना पड़ता है।


__________________________________________


आज का चिन्तन May 20,


  • प्रसिद्ध होने का यह एक दंड है कि मनुष्य को निरंतर उन्नतिशील बने रहना पड़ता है।


__________________________________________


आज का चिन्तन May 19,


  • प्रत्येक व्यक्ति की अच्छाई ही प्रजातंत्रीय शासन की सफलता का मूल सिद्धांत है।
    —राजगोपालाचारी


__________________________________________


आज का चिन्तन May 18,


  • अपने अनुभव का साहित्य किसी दर्शन के साथ नहीं चलता, वह अपना दर्शन पैदा करता है।
    —कमलेश्वर


__________________________________________


आज का चिन्तन May 17,


  • मैं ने कोई विज्ञापन ऐसा नहीं देखा जिसमें पुरुष स्त्री से कह रहा हो कि यह साड़ी या स्नो खरीद ले। अपनी चीज़ वह खुद पसंद करती है मगर पुरुष की सिगरेट से लेकर टायर तक में वह दखल देती है। - हरिशंकर परसाई


__________________________________________


आज का चिन्तन May 16,


  • 'शि' का अर्थ है पापों का नाश करने वाला और 'व' कहते हैं मुक्ति देने वाले को। भोलेनाथ में ये दोनों गुण हैं इसलिए वे शिव कहलाते हैं।
    —ब्रह्मवैवर्त पुराण


__________________________________________


आज का चिन्तन May 15,


  • काम की समाप्ति संतोषप्रद हो तो परिश्रम की थकान याद नहीं रहती।
    —कालिदास


__________________________________________


आज का चिन्तन May 14,


  • रंगों की उमंग खुशी तभी देती है जब उसमें उज्जवल विचारों की अबरक़ चमचमा रही हो।
    —मुक्ता


__________________________________________


आज का चिन्तन May 13,


  • नारी की करुणा अंतरजगत का उच्चतम विकास है, जिसके बल पर समस्त सदाचार ठहरे हुए हैं।
    —जयशंकर प्रसाद


__________________________________________


आज का चिन्तन May 12,


  • चंद्रमा, हिमालय पर्वत, केले के वृक्ष और चंदन शीतल माने गए हैं, पर इनमें से कुछ भी इतना शीतल नहीं जितना मनुष्य का तृष्णा रहित चित्त।
    —वशिष्ठ


__________________________________________


आज का चिन्तन May 11,


  • इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।
    —आचार्य श्रीराम शर्मा


__________________________________________


आज का चिन्तन May 10,


  • बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है। –आचार्य रामचंद्र शुक्ल


__________________________________________


आज का चिन्तन May 08,


  • संवेदनशीलता न्याय की पहली अनिवार्यता है।
    –कुमार आशीष


__________________________________________


आज का चिन्तन May 09,


  • शब्द पत्तियों की तरह हैं जब वे ज़्यादा होते हैं तो अर्थ के फल दिखाई नहीं देते।


__________________________________________


आज का चिन्तन May 08,


  • अपने दोस्त के लिए जान दे देना इतना मुश्किल नहीं है जितना मुश्किल ऐसे दोस्त को ढूँढ़ना जिस पर जान दी जा सके। -- मधूलिका गुप्त


__________________________________________
आज का चिन्तन May 07,
  • जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।
    -प्रेमचंद


__________________________________________


आज का चिन्तन May 06,


  • आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है।
    --प्रेमचंद
__________________________________________
आज का चिन्तन May 05,


  • किताबें समय के महासागर में जलदीप की तरह रास्ता दिखाती हैं।
    -- अज्ञात
__________________________________________
आज का चिन्तन May 04,


  • देश कभी चोर उचक्कों की करतूतों से बरबाद नहीं होता बल्कि शरीफ़ लोगों की कायरता और निकम्मेपन से होता है।
    --शिव खेड़ा
__________________________________________
आज का चिन्तन May 03,


  • बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा जिंदगी के उतार-चढ़ाव की देन है लेकिन पचास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है।
    --अष्टावक्र


__________________________________________


आज का चिन्तन May02,


  • यह सच है कि पानी में तैरनेवाले ही डूबते हैं, किनारे पर खड़े रहनेवाले नहीं, मगर किनारे पर खड़े रहनेवाले कभी तैरना भी नहीं सीख पाते।
    -- वल्लभ भाई पटेल


__________________________________________


आज का चिन्तन May 01,


  • ऐ अमलतास किसी को भी पता न चला तेरे कद का अंदाज जो आसमान था पर सिर झुका के रहता था, तेज़ धूप में भी मुसकुरा के रहता था।
    --मधूलिका गुप्ता
__________________________________________

ليست هناك تعليقات:

إرسال تعليق

Pages