वो आविष्कार जो महिलाओं ने किए - Study Search Point

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वो आविष्कार जो महिलाओं ने किए

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 कोबोल कम्प्यूटर लैंग्वेज ( COBOL Computer language ) : जब कम्यूटर के क्षेत्र में हासिल की जा चुकीं उपल्ब्धियों की बात होती है तो हम चार्ल्स बैबेज, एलन ट्यूरिंग और बिल गेट्स जैसे नामों के बारे में सोचते हैं। परंतु एडमिरल ग्रेस मुर्रे हॉपर को उनके कंप्यूटर इंडस्ट्री में दिए गए विशेष योगदान का श्रेय दिया जाना चाहिए। 

एडमिरल ग्रेस हॉपर ने सेना 1943 में ज्वॉइन की थी। यहां उन्हें हॉर्वड में स्टेशंड किया गया। वह यहां आईबीएम के हार्वड मार्क आई कम्प्यूटर पर काम करती थीं। यह पहला युनाइटेड स्टेट्स का पहला लार्ज-स्केल कम्प्यूटर था। 
 
वह तीसरी ऐसी व्यक्ति थीं जिन्होंने इस कम्प्यूटर को प्रोग्राम किया था। उन्होंने एक मैन्यूअल लिखा जो उनके बाद काम करने वाले लोगों के लिए बहुत खास रहा। 1950 में एडमीरल हॉपर ने कॉपिलर की खोज की जिससे अंग्रेजी में दी जाने वाली कमांड कम्प्यूटर कोड में ट्रांसलेट हो जाती थीं। इस डिवाइस से प्रोग्राम ज्यादा कोड कम गलतियों के और अधिक सरलता के साथ बनाने लगे। हॉपर का दूसरा कोम्पिलर 'फ्लो-मैटिक' का इस्तेमाल UNIVAC I and II में किया गया जो पहले व्यवसायिक तौर पर उपल्ब्ध कम्प्यूटर थे।

हॉपर को कोबोल (COBOL) the Common Business-Oriented Language की खोज का श्रेय भी दिया जाता है। एडमिरल हॉपर को कई पुरस्कार दिए गए। जिनमें एक यूएस वॉरशिप को उनका नाम दिया जाना भी शामिल है।  

कलर्ड फ्लैयर्स ( Coloured flares ) : अपने दिवंगत पति के पेपर देखते समय, मार्था जेन कोस्टन, को ऐसे नोट्स मिले जिनमें नेवी यार्ड पर रात में सिग्नल दिए जाने के विषय में लिखा गया था। उनके पति के अधूरे नोट्स में कुछ सुधार की ज़रूरत थी। जिससे इसे सिग्नल देने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। करीब दस साल तक मार्था ने अपने पति के लिखे नोट्स के आधार पर सिग्नल सिस्टम खोज निकालने का प्रयास किया।


5 अप्रैल 1859 को, उन्हें युनाइटेड स्टेट्स में पायरोटेक्निक नाइट सिग्नल और कोड के लिए एक पैटेंट नंबर दिया गया। विभिन्न रंगों के कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल से, एक जहाज से दूसरे जहाजों को और किनारे पर सिग्नल भेजा जाना संभव हुआ।  

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