उत्तराखंड जनपद विशेष : नैनीताल जनपद., - Study Search Point

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उत्तराखंड जनपद विशेष : नैनीताल जनपद.,

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उपनाम - सरोवर नगरी, झीलों कि नगरों,
अस्तित्व - 1841 में पी बैरन के द्वारा खोज की गई, 1891 में नया जिला बना।
तहसील – 9  विकासखंड – 8 विधानसभा क्षेत्र -
सीमा विस्तार - पूर्व में चंपावतपश्चिम में पौड़ीउत्तर में अल्मोड़ादक्षिण में उधम सिंह नगर,
➠ नैनीताल को सरोवर नगरी एवं झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। नैनीताल की खोज पी बैरन ने 1841 में की थी। नैनीताल नगर समुद्र तल से लगभग 1938 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
➠ वर्ष 1891 में नैनीताल जिला मुख्यालय बनाया गया।। 1897 में नैनीताल स्थित हाईकोर्ट भवन का निर्माण कराया गया। नैनीताल जनपद का क्षेत्रफल 4252 वर्ग किलोमीटर है। जो राज्य का पांचवां सबसे बड़ा जनपद है। कुमाऊं मंडल की स्थापना 1854 की गई थी, जिसका मुख्यालय नैनीताल में ही स्थित है। नैनीताल जिले में बेतालघाट और धारी विकासखंड है।
➠ जनसंख्या की दृष्टि से नैनीताल राज्य का चौथा बड़ा जिला है। दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से राज्य का चौथा बड़ा जिला नैनीताल है, नैनीताल जनपद  का जनघनत्व 225 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। जनघनत्व के मामले में नैनीताल जनपद राज्य का चौथा बड़ा है।
➠ नैनीताल जनपद का लिंगानुपात 934 है, लिंगानुपात की दृष्टि से नैनीताल जनपद न्यूनतम से चौथे स्थान पर आता है।
➠ नैनीताल जनपद की साक्षरता दर 83.88% है, नैनीताल जनपद साक्षरता  दर के मामले में राज्य का दूसरा सबसे बड़ा साक्षर जिला है।
➠ नैनीताल जनपद महिला साक्षरता दर के मामले में राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।
➠ अनुसूचित जाति की साक्षरता दर के मामले में नैनीताल जनपद पहले स्थान में आता है।

प्रसिद्ध मंदिर -
➠ नैना देवी मंदिर - नैना झील के तट पर नैना देवी मंदिर स्थित है। नैना झील को स्कंद पुराण में ऋषि सरोवर भी कहा गया है। 1880 में भूस्खलन से मंदिर पूरी तरह नष्ट होने के बाद 1882 में पुनर्निर्मित कराया गया। देवी सती को समर्पित मंदिर। नैना देवी मंदिर के प्राचीन मदिर का निर्माण श्री मोतीराम शाह के द्वारा कराया गया था।
➠ गर्जिया मंदिर- रामनगर से 10 किलोमीटर दूर कोसी नदी के मध्य स्थित मंदिर, गर्जिया मंदिर के पास महर्षि वाल्मीकि आश्रम के भग्नावशेष आज भी आज भी विद्यमान है।
➠ हैडा खान बाबा मंदिर - गौला नदी को सर्वप्रथम गौतमी गंगा नाम से संबोधित करने वाले।
➠ नीम करोली कैंची धाम- मंदिर 1962 से ख्याति प्राप्त मंदिर।
➠ हनुमानगढ़ी मंदिर - हनुमानगढ़ी सूर्यास्त के समय अपनी अनुपम दृश्य के लिए विख्यात है।
➠ घोड़ाखाल मंदिर- इस मंदिर का निर्माण चंद्र शासक लक्ष्मीचंद के द्वारा कराया गया।
➠ ग्वाल देवता मंदिर- गोलू देवता को समर्पित मंदिर।
➠ गांधी मंदिर - नैनीताल में स्थित है।
➠ मुक्तेश्वर महादेव मंदिर - नैनीताल में स्थित है।
➠ लोखा लुखाम देवता मंदिर - नैनीताल में ही स्थित है।

प्रमुख मेले एवं उत्सव -
➣ जिया रानी मेला- रानी बाग नैनीताल में आयोजित।
➣ नंदा सप्तमी मेला- नैनीताल में 18 से 25 सितंबर प्रतिवर्ष।
➣ चित्र शीला मेला- रानी बाग नैनीताल में।
➣ सीता बनी मेला- नैनीताल में।
➣ हरियाली मेला,
➣ दशहरा मेला नैनीताल के कालाढूंगी में आयोजित किया जाता है।
➣ ग्रामीण हिमालय हॉट मेला- स्वर उद्यमिता को प्रोत्साहन के लिए प्रतिवर्ष 15 से 20 अक्टूबर के मध्य।

प्रमुख ताल या झीले / पर्वत / घाटी -
➲ नैनी झील- ऋषि सरोवर नाम से प्रसिद्ध। नैनीताल नगर के बीच में नैना झील स्थित है, जिसका आकार आम के आकार जैसा है। नैना झील चारों ओर से सात पहाड़ियों से घिरी है, नैनीताल के उत्तर में नैना पीक या चाइना पीक सबसे ऊंची चोटी है, झील के पश्चिम में देवीपाठा पर्वत दक्षिण में अयारपाठा पर्वत स्थित है। इसके अलावा नैनीताल के चारों ओर अन्य सात पहाड़ियों में स्नोव्यू, शेर का डांडा, और देवपात पर्वत स्थित है।
➲ नैना झील दो भागों में विभक्त हैं, ऊपरी भाग को मल्लीताल तथा निचले भाग को तल्लीताल कहा जाता है। नैना झील से बलिया नदी उद्गमित होती है।
➲ भीमताल - कुमाऊं का सबसे बड़ा ताल त्रिभुज आकार आकार का जल का रंग गहरे नीले रंग का। भीमताल की लंबाई 1674 मीटर और चौड़ाई 447 मीटर है, भीमताल कमल कड़ी एवं कमल के लिए प्रसिद्ध है।
➲ नौ कुचिया ताल- नौ कोनों वाला तालसबसे गहरा ताल।
➲ सातताल - सातताल में नल दमयंती ताल, गरुण ताल, राम सीता ताल, लक्ष्मण ताल, स्थित है।
➲ सात ताल नैनीताल में कुमाऊं क्षेत्र में स्थित सबसे रमणीय झील स्थल है।
➲ नल दमयंती ताल – इस ताल में मछलियां नहीं पकड़ी जाती हैं, नल दमयंती ताल का आकार अश्व खुद के समान है यह 5 कोनो वाला ताल है। इसे संतकुमारों का ताल भी कहा जाता है।
➲ खुरपा ताल- जल का गहरा हरा।
➲ सूखा ताल मलवा ताल सडिया ताल,  लुखमा ताल,  हरीश ताल,
➲ नलताल - इसे कमलताल भी कहा जा है।
➲ सिपाही धारा नैनीताल में स्थित है।
➲ डाकू सुलताना कुआं हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है।
➲ विक्टोरिया बांध नैनीताल में स्थित है।
➲ कोईराला नदी लधिया नदी की सहायक नदी है।
➲ गर्म पानी, नैनीताल नामक स्थान से दाबका नदी उद्गमित होती है।
➲ बाकरा नदी नैनीताल जनपद से निकलती है, और उधम सिंह नगर के खानपुर के पास राज्य से बाहर उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है।
➲ गौला नदी नैनीताल के पहाड़ पानी नामक स्थान से उद्गमित होती है।
➲ देहोआ नदी का उद्गम स्थल नैनीताल जनपद है।
➲ नंदौर नदी नैनीताल से निकलकर उधम सिंह नगर में स्थित नानक सागर में गिरती है।
➲ जुड़वा घाटी रामनगर में स्थित है।
➲ हिडंबा पर्वत नैनीताल में स्थित है।
➲ कलवरी नामक पर्वत श्रेणियां भी नैनीताल में स्थित हैं।

प्रमुख संस्थान -
➠ सेंट्रल हिमालयन इन्वायरमेंट एसोसिएशन – नैनीताल,
➠ इंदिरा गांधी इंटरप्रिटेशन सेंटर- रामनगर नैनीताल में,
➠ राष्ट्रीय पादप एवं जैविक अनुसंधान ब्यूरो- निग्लाठ भवाली, नैनीताल में,
➠ राष्ट्रीय जल मत्स्य अनुसंधान केंद्र- भीमताल में,
➠ भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान- मुक्तेश्वर में 1889 में इज्जत नगर बरेली के अधीन स्थापित,
➠ वैक्सीन रिसर्च इंस्टीट्यूट- पटवा डांगर नैनीताल,
➠ टरार अनुसंधान केंद्र- भीमताल,
➠ आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज)- नैनीताल में, 1954 में वाराणसी में स्थापित,
➠ वन एवं पंचायत प्रशिक्षण अकादमी- हल्द्वानी,
➠ मलेरिया शोध एवं उन्मूलन केंद्र- भवाली,
➠ गठिया टी. बी. सेनेटोरियम - स्थापना वर्ष 1912 में, भवाली, नैनीताल
➠ उत्तराखंड प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय- नैनीताल,
➠ नैनीताल पर्वतारोहण क्लब- 1968 में स्थापित,
➠ उत्तराखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण अकेडमी- नैनीताल, 1988 में स्थापित,
➠ लघु उद्योग सेवा संस्थान हल्द्वानी नैनीताल में स्थापित किया गया है 
➠ कुमाऊं विश्वविद्यालय का मुख्यालय नैनीताल में ही स्थित है, कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष मार्च 1973 में की गई।
➠ सुशीला तिवारी मेमोरियल चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज का दर्जा दिया गया है जो कुमाऊं विश्वविद्यालय के अंतर्गत है। कार्य करना आरंभ - 26 दिसंबर 1995,से।
➠ सुशीला तिवारी मेमोरियल चिकित्सालय में राज्य का पहला पैरा मेडिकल संस्थान व कैंसर अस्पताल स्थापित किया गया है।
➠ उत्तराखंड फल अनुसंधान संस्थान नैनीताल में स्थापित किया गया है।
➠ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीफोन फैक्ट्री भीमताल नैनीताल में स्थित है।
➠ लोक संस्कृतिक संग्रहालय संग्रहालय खुटानी भीमताल में स्थित। इसकी स्थापना डॉ यशोधर मठपाल द्वारा की गई थी।
➠ तितलियों का संग्रहालय भीमताल नैनीताल में स्थापित किया गया है, तितलियों के संग्रहालय की स्थापना फ्रेडरिक स्मेटा के द्वारा की गई।
➠ ग्रामीण व कृषि विकास समिति की स्थापना वर्ष 1995 में हल्द्वानी नैनीताल में की गई।
➠ लोक चेतना मंच स्वयंसेवी संस्थान रानी बाग नैनीताल में स्थित है।
➠ उमंग कला संस्थान नैनीताल में ही स्थित है।
➠ कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की स्थापना वर्ष 1939 में काठगोदाम नैनीताल में की गई।
➠ नैनीताल पर्वतारोहण क्लब की स्थापना वर्ष 1968 में नैनीताल में की गई।
➠ सेवा राम सभा (श्री राम सेवक सभा) की स्थापना वर्ष 1918 में नैनीताल में की गई।
➠ नैनीताल में स्थित घोड़ाखाल सैनिक स्कूल वर्ष 1966 में निर्मित किया गया, इसे जयमल्ल सिंह ने स्थापित किया।
➠ पहाड़ नामक संस्था की स्थापना वर्ष 1983 में नैनीताल में हुई थी। इसकी स्थापना शेखर पाठक के द्वारा की गई।
➠ बोट हाउस क्लब की स्थापना 1890 में नैनीताल में की गई। 1948 में वोट हाउस को सार्वजनिक रूप से सबके लिए खोला गया।
➠ चर्च जेम्स इन बिल्डरनेस की स्थापना वर्ष 1844 में नैनीताल में की गई।
➠ बिडला विद्या मंदिर नैनीताल में, स्थापना 1947 में की गई।
➠ जड़ी-बूटी विपणन हेतु रामनगर में हर्बल मंडियां बनाई गई है।
➠ एशिया का सबसे बड़ा कागज उद्योग सेंचुरी पेपर एंड पल्स बोर्ड लाल कुआं नैनीताल में स्थित है। राज्य में अधिकांश उद्योग नैनीताल जनपद में स्थित है।
➠ महाशीर मछली के पालन के लिए मत्स्य विकास परियोजना भीमताल नैनीताल में शुरू की गई है।
➠ रामगढ़ में महादेवी वर्मा की स्मृति में एक संग्रहालय की स्थापना की गई।
➠ भवाली पर्वतीय फल बाजार के लिए प्रसिद्ध है।

उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद -
➠ उत्तराखंड शिक्षा एवं परीक्षा परिषद की स्थापना - 9 फरवरी, 1996 में (उत्‍तराखण्‍ड क्षेत्र हेतु  माध्‍यमिक शिक्षा परिषद उत्‍तर प्रदेश के क्षेत्रीय कार्यालय की स्‍थापना रामनगर (नैनीताल) में हुई) रामनगर नैनीताल में। आयोग ने पहली बार 1999 में कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के लिए परीक्षा आयोजित कराई थी।
 राज्य निर्माण के बाद 22 सितम्‍बर, 2001 में, उत्‍तरांचल शिक्षा एवं परीक्षा परिषद की स्‍थापना की गई। वर्ष 2002 में परिषद  शिक्षा परिषद उत्‍तर प्रदेश के सहयोग से प्रथम बार परीक्षाओं का स्‍वयं आयोजन किया गया। 11 दिसम्‍बर, 2008 द्रारा उत्‍तराखण्‍ड विदयालयी शिक्षा परिषद का गठन हुआ।
चाय विकास बोर्ड -
➠ चाय विकास बोर्ड (12 फरवरी, 2004 को औपचारिक रूप से एक अलग, स्वतंत्र "उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड" की स्थापना की गई।) ने सर्वप्रथम चाय फैक्ट्री घोड़ाखाल में स्थापित की। उत्तराखंड क्षेत्र में चाय की खेती वर्ष 1835 से शुरू की गई।
उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक एकेडमी -
➠ उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक एकेडमी भवाली में स्थित है। उत्तराखंड न्यायिक और कानूनी अकादमी (UJALA) की आधारशिला 19 दिसंबर, 2004 को माननीय श्री न्यायमूर्ति आर.सी. लोहती, भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश, माननीय श्री एन.डी. तिवारी, उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री और माननीय श्री न्यायमूर्ति वी.एस. सिरपुरकर के द्वारा किया गया। 14 जून, 2008 को अकादमी कार्यशील हो गई।
प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय - नैनीताल में। राष्ट्रीय रोजगार सेवा (एनईएस) जुलाई 1945 में डिमोबिलेटेड डिफेंस सर्विस कर्मियों को फिर से बसाने के उद्देश्य से अस्तित्व में आई।
➠ उच्च शिक्षा निदेशालय स्थापना – (जुलाई, 2001 में उत्तराखंड देहरादून में हुई थी और इसमें 45 पद सृजित किए गए थे) हल्द्वानी नैनीताल में स्थित,
फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट -
➠ फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट हल्द्वानी नैनीताल में स्थापितपहला वन रक्षक प्रशिक्षण केंद्र 1936 में गोरखपुर में चुना गया था।
 राज्य निर्माण से पूर्व, FTI, फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग सेंटर, कालसी देहरादून, फॉरेस्ट गार्ड ट्रेनिंग सेंटर, जैती अल्मोड़ा,
➠ उत्तराखंड के गठन के बाद विश्व बैंक वानिकी परियोजना के तहत जिला देहरादून में रामपुर मंडी और कालसी केंद्र में नए वन रक्षक प्रशिक्षण परिसर बनाए गए, जो 2002 से कार्यरत हुए। कालागढ़ में एक प्रशिक्षण केंद्र वर्ष 2000 में विश्व बैंक की सहायता से खोला गया था।
 2002 में वानिकी प्रशिक्षण संस्थान हल्द्वानी को वानिकी प्रशिक्षण अकादमी नाम दिया गया है। 1978 से विभिन्न राज्यों के रेंज अधिकारी यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं।

भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान -
➠ भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान की स्थापना वर्ष 1889 में इज्जत नगर इज्जत नगर बरेली मंडल के अधीन की गई, वर्ष 1893 इसे नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर नामक स्थान पर स्थापित किया गया। 
➠ भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान का सर्वप्रथम नाम इंटीरियल बैक्टीरियोलॉजिकल लैबोरेट्री रखा गया था। इसकी स्थापना करने का श्रेय अल्फ्रेड लिगार्ड को जाता है।
➠ वर्ष 1925 में इसका नाम बदलकर इंपीरियल इंस्टिट्यूट ऑफ वेटरनरी रिसर्च रखा गया।
➠ वर्ष 1924 में एडवर्ल्डस ने रीडरपेस्ट नामक रोग का टीका (इलाज) इसी जगह पर खोजा था।
➠ मुर्गियों में रानीखेत नामक रोग के टीके का आविष्कार भी भारतीय पशु चिकित्सा शोध संस्थान के द्वारा किया गया था।
➠ अल्फ्रेड लिंगार्ड ने यहां घोड़ो एवं पशुओं पर होने वाले सर्रा रोग पर शोध किया था।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान -
➠ आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज की स्थापना - 1945 में राजकीय वेधशाला के रूप में वाराणसी में हुई थी। इसे तारा व भौतिकी शोध संस्थान के नाम से भी जाना जाता है।
➠ एरीज को वर्ष 1955 में नैनीताल के शेर का डांडा में स्थानांतरित किया गया, तथा वर्ष 1961 में इसे नैनीताल के ही मनोरा पहाड़ी में स्थाई रूप से स्थापित किया गया।
➠ वर्ष 2004 में एरीज को स्वायत्त संस्था बना दिया गया, वर्ष 2016 में नैनीताल के देवस्थल में एशिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल दूरबीन को बनाया गया, यह टेलीस्कोप भारत और बेल्जियम देश का सामूहिक प्रयास था।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय -
➠ उत्तराखंड उच्च न्यायालय  (हाई कोर्ट) नैनीताल में स्थित है। इसकी स्थापना 09 नंबर 2000 में की गई। राज्य के उच्च न्यायालय में कुल न्यायाधीशों की संख्या वर्तमान में 11 है। यह देश का 20 वा उच्च न्यायालय के रूप में स्थापित किया गया। वर्ष 2007 में एक विशाल चीफ जस्टिस कोर्ट ब्लॉक और वकीलों के चैंबर का एक ब्लॉक भी बनाया गया है।
                  
उद्यान और अभ्यारण्य -
➤ गोविन्द बल्लभ पंत राजकीय प्राणी उद्यान की स्थापना- 1995 में नैनीताल में की गई।
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान - वर्ष 1936 में हेली राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना, यह 520.82 वर्ग किलोमीटर पर विस्तृत है जो नैनीताल और पौड़ी जिले में स्थित है। स्वतंत्रता के बाद इसे रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाने लगा 1957 में इसका नाम बदलकर प्रकृति प्रेमी जिम कार्बेट के नाम पर कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान किया गया।
 कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार ढिकाला नैनीताल में स्थित है। कार्बेट संग्रहालय कालाढूंगी में स्थित है। कार्बेट नेशनल पार्क के मध्य पाटलीदून भी स्थित है। वर्ष 1973 में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान को देश का पहला टाइगर रिजर्व बनाया गया।
➤ राज्य में सर्वाधिक पर्यटक कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में ही आते हैं उसके बाद राजाजी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में आते हैं।
➤ वर्ष 2012 अप्रैल माह में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में साइलेंस जोन घोषित किया गया। कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के पास से पूर्वी राम गंगा बहती है जो सरयू नदी की सहायक है।
➤ वर्ष 2013 में कार्बेट नेशनल पार्क में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया।
➤ पवलगढ़ संरक्षण आरक्षित मंडल - 2012 में नैनीताल में स्थापित, 5824.76 हेक्टेयर पर विस्तार।
➤ नैना देवी हिमालय वर्ल्ड कंजर्वेशन - 2015 में नैनीताल में स्थापित, 111.9 किलोमीटर स्क्वायर में विस्तार। यहां 600 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है।
➤ नंधौर वन्य जीव विहार - 2012 में स्थापित 269.5 वर्ग किलोमीटर में विस्तारनैनीताल और चंपावत जिले में विस्तृत।

भाषा साहित्य पत्रिका -
➣ कुमय्या बोली नैनीताल के काली कुमाऊं क्षेत्र में बोली जाती है।
➣ फाल्दाकोटी  बोली नैनीताल और अल्मोड़ा में बोली जाती है।
➣ रचभैसी बोली नैनीताली कुमाऊनी बोली भी कहा जाता है।
➣ पहाड़ और उत्तरा नामक पत्रिका ने नैनीताल से प्रकाशित की जाती हैं।
➣ समय विनोद राज्य का पहला हिंदी समाचार पत्र है जो 1968 में प्रकाशित किया गया था।
➣ खबर समाचार पत्र, पर्वतीय समाचार पत्र नैनीताल जनपद से प्रकाशित किया जाता है।
➣ कुर्मांचल केसरी समाचार पत्र, हिल रिव्यू अंग्रेजी समाचार पत्र, का प्रकाशन हल्द्वानी नैनीताल से किया जाता है।
➣ नागरिक व उत्तराखंड मसाल समाचार पत्र का प्रकाशन रामनगर से किया जाता है।

विशेष तथ्य -
➲ वर्ष 1873 में नैनीताल नगर पालिका की स्थापना की गई।
➲ नैनीताल के काठगोदाम शहर पर 1882 में रेल लाइन से जोड़ा गया।
 1891 में नैनीताल जिला मुख्यालय बनाया गया। 1900 में नैनीताल में राजभवन या सचिवालय भवन की स्थापना हुई। नैनीताल स्थित राज भवन का निर्माण सर एंटोनी मैकड़ोनल ने कराया था। 1962 में नैनीताल उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई गई थी।
➲ नैनीताल राजभवन में 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय स्थापित किया गया।
➲ नैनीताल के कुल क्षेत्रफल 72.64% भाग में वन है।
➲ नैनीताल के भीमताल शहर में ज्वालामुखी चट्टानों और मिट्टी पाई जाती है।
➲ वर्ष 1867 एवं 1880 में नैनीताल में भूस्खलन से प्राकृतिक आपदा आई।
➲ नैनीताल को वर्ष 1996 में हिल स्टेशन बनाया गया। नैनीताल नगर पालिका की स्थापना वर्ष 1877 में की गई।
➲ नैनीताल रोपवे की स्थापना वर्ष 1985 में की गई।
➲ नैनीताल के कालाढूंगी एवं रामगढ़ क्षेत्रों में लोहे के मैग्नेटाइट अयस्क मिलते हैं।
➲ राज्य में सर्वाधिक लोहा नैनीताल जनपद में मिलता है।
 3 अक्टूबर 1994 में नैनीताल गोलीकांड की घटना घटी।
➲ फांसी गधेरा नैनीताल में स्थित है।
➲ नैनीताल में पहला मेथाडिस्ट चर्च बनाया गया, यह भारत का भी पहला मेथाडिस्ट चर्च है।
➲ भवाली में सर्व प्रथम वर्ष 1885 में गढ़ कप्तानी बंगला बनाया गया था।
➲ अंग्रेजों ने सबसे पहले लीसा कारखाना की स्थापना भवाली नैनीताल में की थी।
➲ अब तक का राज्य में सबसे न्यूनतम तापमान मुक्तेश्वर नैनीताल में दर्ज किया गया है।
➲ पाटली दून एवं कोटा दून नैनीताल जनपद में स्थित है।
➲ नैनीताल जनपद राज्य का पहला वाईफाई जनपद है।

हल्द्वानी शहर -
➠ हल्द्वानी हल्द्वानी नगर गौला नदी के तट पर स्थित है।
➠ नैनीताल जनपद में स्थित हल्द्वानी नगर में हल्दू पेड़ों की अधिकता के कारण इस जगह का नाम हल्द्वानी पड़ा।
➠ सोलवीं सदी में चंद शासक रूपचंद ने हल्द्वानी नगर बसाया। आधुनिक हल्द्वानी नगर की स्थापना विलियम ट्रेल के द्वारा 1843 में हल्द्वानी नाम से एक मंडी की स्थापना से की। रैम्जे ने 1883-84 के बीच हल्द्वानी में नहरों का निर्माण कराया। हल्द्वानी में टाउन एरिया कमेटी की स्थापना वर्ष 1885 में की गई।
➠ नाहन पर्वत श्रृंखलाएं हल्द्वानी के निकट स्थित हैं।
➠ हल्द्वानी में नहरों का जाल बिछाने का श्रेय कमिश्नर रैम्जे को जाता है।
➠ हल्द्वानी नगर राज्य का तीसरा बड़ा नगर निगम है।
➠ राज्य में प्रथम दुग्ध संघ की स्थापना 1949 में हल्द्वानी नगर में ही की गई।
➠ हल्द्वानी नगर में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट संस्थान केंद्र प्रस्तावित है।
➠ वन एवं पंचायत प्रशिक्षण अकादमी हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है।
➠ फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है।
➠ सुशीला तिवारी फॉरेस्ट कॉलेज हल्द्वानी नैनीताल में स्थित है।
➠ हल्द्वानी कत्था उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
➠ हल्द्वानी में राज्य का दूसरा चिड़ियाघर बनाया गया है।
➠ हिंदुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड (एच.एम.टी) रानीबाग हल्द्वानी में स्थित है।
➠ गौला पार्क 2016 में बनाया गया राज्य का पहला और देश का दूसरा कार्बन न्यूट्रल जू है।
➠ लुखमा ताल और हरीश ताल नैनीताल में स्थित।

काठगोदाम शहर -
➤ काठगोदाम शहर को कुमाऊ का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। काठगोदाम नगर को बमोरी घाट के नाम से भी जाना जाता है।
➤ गुलाब घाटी काठगोदाम में स्थित है।
➤ वर्ष 1884 में काठगोदाम रेलवे स्टेशन शुरू किया गया, वर्ष 1994 में इसे बड़ी रेलवे लाइन के साथ जोड़ा गया।

रामगढ़ – रामनगर :
➣ रामगढ़ के निकट गागर नामक एक दर्शनीय स्थान स्थित है।
➣ रामगढ़ में ही महादेवी वर्मा संग्रहालय स्थित है।
➣ शैलेश मटियानी पुस्तक संग्रहालय रामगढ़ में स्थित है।
➣ रामगढ़ में कुछ समय के लिए गुरु रविंद्र नाथ टैगोर ने प्रवास किया था।
➣ राम रामनगर कोसी के निकट स्थित जिसे 1850 में रैमजे के द्वारा बसाया गया।
➣ गर्जिया माता का मंदिर रामनगर के पास ही स्थित है, गर्जिया मंदिर कोसी नदी के मध्य में स्थित है, रामनगर के निकट ही ढिकुली कत्युरियों की राजधानी के रूप में भी जानी जाती है।
➣ जुड़वा घाटी रामनगर में स्थित है।

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