विश्व हिंदी दिवस : 10 जनवरी., - Study Search Point

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विश्व हिंदी दिवस : 10 जनवरी.,

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विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस की मनाने की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को की थी। प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसी लिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। तभी से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (Vishv Hindi Divas) मनाया जाता है। इस दिन सभी सरकारी स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सरकरी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी के लिए अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। आपको बता दें कि विश्व हिंदी दिवस के अलावा हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' (Hindi Diwas) मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था तभी से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
 उद्देश्य - विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य विश्‍व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित‍ करना और हिंदी को अंतरराष्‍ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।
विश्व हिन्दी सम्मेलन का विषय -
11 वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 18 -20  अगस्त 2018 तक मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई में आयोजित किया जा रहा है । इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा मॉरीशस सरकार के सहयोग से हुआ।
11 वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन का विषय - "वैश्विक हिंदी और भारतीय संस्कृति"। 
12वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन 2021 न्यू यॉर्क में होगा।


नॉर्वे में पहला विश्व हिंदी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था। दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में फिजी में राजभाषा / आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है, इसे फि‍जियन हिंदी या फि‍जियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं. यह अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिलाजुला रूप है।
साल 2017 में ऑक्‍सफोर्ड डिक्‍शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्‍दों को शामिल किया गया। वर्ष 2018 में ऑक्‍सफोर्ड डिक्‍शनरी ने "नारी शक्ति" शब्द को जगह दी थी।
हिंदी खुद फारसी भाषा का शब्द है। दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है।
साल 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।

1954 में भारत सरकार ने हिंदी व्याकरण तैयार करने के लिए समिति का गठन किया। 

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