दरअसर टायरों को बनाने के लिए रबर का यूज किया जाता है। इस रबर का कलर सफेद होता है। लेकिन रबर सॉफ्ट होने के कारण जल्दी घिसकर खराब हो जाती है।
इसे हार्ड बनाने के लिए इसमें एक मटेरियल मिलाया जाता है जिसके के कारण टायर का कलर काला हो जाता है। इसके टायर में मजबूती आती है जिसके कारण वे जल्दी घिसते नहीं हैं। काले टायर पर सूरज की UV किरणों का बुरा असर भी नहीं हो पाता है। वहीं, गाड़ी में पंचर होना आम बात है। पंचर बाइक, स्कूटर, कार किसी भी व्हीकल में हो सकती है। ऐसे में आप पंचर सही कराने किसी पंचर शॉप पर जाएं और वो आपसे बोले कि इसमें 21 पंच है, तो क्या आप यकीन करेंगे? 2-3 पंचर की बात समझ आती है, लेकिन 21 पंचर पर यकीन करना थोड़ा-सा मुश्किल है।
इसे हार्ड बनाने के लिए इसमें एक मटेरियल मिलाया जाता है जिसके के कारण टायर का कलर काला हो जाता है। इसके टायर में मजबूती आती है जिसके कारण वे जल्दी घिसते नहीं हैं। काले टायर पर सूरज की UV किरणों का बुरा असर भी नहीं हो पाता है। वहीं, गाड़ी में पंचर होना आम बात है। पंचर बाइक, स्कूटर, कार किसी भी व्हीकल में हो सकती है। ऐसे में आप पंचर सही कराने किसी पंचर शॉप पर जाएं और वो आपसे बोले कि इसमें 21 पंच है, तो क्या आप यकीन करेंगे? 2-3 पंचर की बात समझ आती है, लेकिन 21 पंचर पर यकीन करना थोड़ा-सा मुश्किल है।

हालांकि, मुंबई-पुणे हाईवे पर एक कार चालक के साथ हो चुका है। जब उसकी कार के फ्रंट टायर में पूरे 21 पंचर निकले। जिन्हें ठीक करवाने के लिए उसे 2,650 रुपए खर्च करने पड़े, लेकिन ये पंचर हकीकत में एक तरह का धोखा था जो आपके साथ भी हो सकता है। इसलिए इस तरह फ्रॉड से बचने के लिए हमेशा अलर्ट रहें।
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