दिल्ली विधानसभा में एक दिन का स्पेशल सेशन मंगलवार को हुआ। इसमें आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ईवीएम जैसी मशीन लेकर आए। उन्होंने टेम्परिंग का डेमो दिया। उन्होंने दावा किया कि 3 घंटे के लिए EVM दे दें, BJP गुजरात में एक सीट नहीं जीत पाएगी। यूपी इलेक्शन के बाद लगातार कई पार्टियां EVM में गड़बड़ी की बात कहती रही हैं। ऐसे में हम यहां पर आपको EVM से जुड़े कुछ फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं।
EVM की खासियत :-
- चुनाव आयोग के मुताबिक EVM से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
- EVM फर्जी मतों की संभावना कम करती हैं और काउंटिंग प्रॉसेस को फास्ट करती है।
- EVM का इस्तेमाल बिना बिजली के भी किया जा सकता है क्योंकि मशीन बैट्री से चलती है।
- EVM का पहली बार इस्तेमाल मई, 1982 में केरल के परूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के 50 मतदान केन्द्रों पर हुआ।- EVM फर्जी मतों की संभावना कम करती हैं और काउंटिंग प्रॉसेस को फास्ट करती है।
- EVM का इस्तेमाल बिना बिजली के भी किया जा सकता है क्योंकि मशीन बैट्री से चलती है।







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