भारत एंव विश्व : सुप्रसिद्ध द्वीप - Study Search Point

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भारत एंव विश्व : सुप्रसिद्ध द्वीप

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कूरील द्वीपपुंज
कूरील द्वीपपुंज उत्तरी प्रशांत महासागर में 32 द्वीपों की एक श्रृंखला है, जो कैमचैटका प्राय:द्वीप से जापान के होकैडो द्वीप तक फैली हुई है। यह उत्तर में कुरील जल संयोजक द्वारा कैमचैटका से और दक्षिण में नेमूरो जल संयोजक द्वारा होकैडो से तथा पश्चिम में ओरवाटसक सागर द्वारा साइबेरिया से पृथक है। कूरील द्वीपपुंज लगभग 650 मील तक फैले हैं। इनका संपूर्ण क्षेत्रफल 2900 वर्गमील है। इसके बड़े द्वीपों के नाम हैं-
  1. पारामूशीरो (Paramushiro)
  2. शीमूशीरो (Shimushiro)
  3. उरुप्पू (uruppu)
  4. ऐटोरोफू (Etorofu)
  5. शिकोटन (Shikotan)
  6. कुनाशीर (Kunashir)
इन द्वीपों का निर्माण ज्वालामुखियों के उद्गार द्वारा तुरीय (क्वाटरनरी) युग में हुआ था। यहाँ 40 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 22 जाग्रतावस्था में हैं। कूरील द्वीपपुंज की सर्वोच्च चोटी ओयाकोवे डेक की ऊँचाई 7,654 फुट है। कुनाशीरो शीमा में गंधक प्राप्त होता है।
इस द्वीपपुंज की जलवायु अति शीतल है। इसके पूर्व में ओयाशीवो नामक ठंडी जलधारा प्रवाहित होती है। यहाँ शीतकाल में अनेक बर्फीले तूफ़ान आते हैं तथा अक्टूबर सेअप्रैल तक तुषारपात होता है। इन द्वीपों के निकट संसार का एक प्रसिद्ध मत्स्य क्षेत्र है, जहाँ स्नेहमीन (कॉड), माहपृथुमीन (हेलीवट), बहुला (हेरिग), सारडिन आदि मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। पहले यह द्वीपपुंज सागर उद्र तथा सील के रोएँ के लिए प्रसिद्ध था, किंतु अब यहाँ केवल 'सागर शेर' तथा 'ह्‌वेल' पाए जाते हैं। इसका अन्वेषण वर्ष 1643 ई. में मार्टिन गेरीट्सजून वराइस नामक एक डच नाविक ने किया था। जब रूसी लोगों को इस द्वीप के विषय में पता चला, तब उन्होंने इसका नाम 'कूरील' रखा; जो क्यूरइट (धुआँ) का अपभ्रंश है। अगस्त1945 ई. तक यह द्वीपपुंज जापानियों के अधीन था।

गभस्तिमान द्वीप
गभस्तिमान द्वीप का उल्लेख महाभारतसभापर्व दक्षिणात्य पाठ में हुआ है, जहाँ इसे सप्त महाद्वीपों में से एक बताया गया हैं।  गभस्तिमान इंडोनेसिया का कोई द्वीप जान पड़ता है।

चाथम द्वीप 
चाथम द्वीप अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के द्वीपों में से एक है। इस छोटे से द्वीप में एक आरा मिल है, जो समुद्र के ऊपर से एक पुल द्वारा जुड़ा हुआ है। यह आरा मिल एशिया का सबसे बड़ा और प्राचीन मिल है। चाथम द्वीप में स्थित बंदरगाह में मुख्य भूमि जाने वाले जहाजों को रखा जाता है।

ग्वादलकनाल द्वीप
ग्वादलकनाल (Guadalcanal) एक द्वीप का नाम है, जो प्रशांत महासागर के दक्षिण-पश्चिम भाग में ब्रिटिश संरक्षण में सोलामन द्वीपसमूह के अंतर्गत है। इसका धरातल ऊबड़ खाबड़, पर्वतीय तथा वन संकुल है। यहाँ अनेक छोटी-छोटी नदियाँ मध्य में लंबायित कावो पर्वत से निकलकर समुद्र में गिरती हैं। ग्वादलकनाल में नारियल, केला तथा अन्नानास की खेती काफ़ी अधिक होती है। पशुपालन भी यहाँ का प्रमुख व्यवसाय होता जा रहा है। इस स्थान के अधिकांश निवासी मलयेशियन तथा कुछ मिश्रित रक्त के पोलिनेशियन हैं। कुछ चीनी तथा श्वेत निवासी भी हैं। इस द्वीप के उत्तरी छोर पर समुद्र तटीय भाग में स्थित होनियारा सोलोमन द्वीपपुंज की राजधानी है। इसी के पास 'हेंडरसन फ़ील्ड' नामक विशाल हवाई अड्डा है। स्पेन के प्रसिद्ध नाविक तथा भ्रमणकर्ता अल्वरो द मेंडाना द न्येरा ने इस द्वीप का पता 1568 ई. में लगाया था। इस द्वीप की खोज हो जाने के बाद लगभग 300 वर्ष बाद 1868 ई. में कुछ श्वेत व्यापारी यहाँ आए थे। वर्ष 1893 ई. में लगभग संपूर्ण सोलोमन द्वीपपुंज ब्रिटेन के संरक्षण में आ गया था।

क्यूशू दीप
क्यूशू दीप जापान के चार प्रमुख द्वीपों में से तीसरा बड़ा द्वीप है। इस द्वीप की रचना पेलियोज़ोइक और टर्शिएरी युग की चट्टानों से हुई है। इसका उत्तरी तथा दक्षिणी भाग नवनिर्मित्त ज्वालामुखी चट्टानों से बना है। यहाँ के पर्वत मोड़दार हैं, जो उत्तरी भाग में अधिक ऊँचे हैं। नदियाँ छोटी और तीव्र वेग वाली हैं, जिनसे जलविद्युत का विकास किया गया है। क्यूशू की स्थिति लगभग 31 से 34 उत्तरी अक्षांश और 131 से 132 पूर्वी देशांतर है। कुल मिलकर क्यूशू का क्षेत्रफल 35,640 वर्ग कि.मी. है। 

आर्थिक दृष्टिकोण से संपूर्ण जापान में इस द्वीप का सर्वप्रथम स्थान है। जापान के 49 प्रतिशत कोयले का भंडार इसी द्वीप में संचित है। यहाँ कोयले का उत्पादन प्रति वर्ष प्राय: 2,90,00,000 टन होता है। औद्योगिक दृष्टिकोण से उत्तरी पश्चिमी भाग अधिक विकसित है। क्यूशू का प्रधान केंद्र नागासाकी है। यहाँ लोहा और इस्पात, सीमेंट, शीशा, रासायनिक सामग्री, जहाज़ और बर्तन उद्योग प्रमुख है। इसी द्वीप में एशिया का सबसे बड़ा लोहा-इस्पात निर्माण केंद्र 'यवाता' स्थित है, जो जापान के संपूर्ण कच्चे लोहे और इस्पात का क्रमश:35 प्रतिशत तथा 40 प्रतिशत उत्पादन करता है। शिक्षा का यहाँ यथेष्ट विकास हुआ है। फुकुओका नगर में विश्वविद्यालय भी है, जिसकी स्थापना 1910 में हुई थी।

ग्वाम द्वीप
ग्वाम द्वीप प्रशांत महासागर में स्थित मैरियाना द्वीपसमूह का बृहत्तम तथा सर्वाधिक जनसंख्या वाला द्वीप है। इसकी लंबाई 30-32 मील; चौड़ाई 04-10 मील तथा क्षेत्रफल लगभग 225 वर्ग मील है। यह द्वीपपुंज के दक्षिणी छोर पर फैला हुआ है। द्वितीय महायुद्ध में 1941 ई. के दिसम्बर में इसे जापानियों ने अधिकृत कर लिया था, लेकिन 1944 ई. के अगस्त में यह पुन: अमरीका के हाथ में चला गया। यह द्वीप ज्वालामुखीय है और लगभग चतुर्दिक तटीय प्रवाल भित्तियों से घिरा है। यहाँ भूकंप बहुधा हुआ करता है। इसका धरातल पठारी तथा उबड़-खाबड़ है। ग्वाम द्वीप का उत्तरी भाग अधिकांशत: वनाच्छादित है। पूर्वी छोर पर खड़ी ढाल मिलती है। उत्तर का क्षेत्र समुद्रतल से लगभग 500 फुट ऊँचा है। दक्षिण में धरातल नीचा किंतु टूटा-फूटा तथा पहाड़ी है। महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति के कारण यह द्वीप संयुक्त राज्य अमरीका का प्रमुख हवाई तथा नौसैनिक अड्डा है। इस द्वीप का पता फर्डिनेंड मैगलन ने 6 मार्च, 1581 ई. को लगाया था। 1858 ई. में स्पेन ने इसे संयुक्त राज्य अमरीका को दे दिया।

क्रौंच द्वीप
क्रौंच द्वीप पौराणिक भूगोल की उपकल्पना के अनुसार पृथ्वी के सप्त महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। इस द्वीप में क्रौंच नामक पर्वत स्थित है। क्रौंच द्वीप के निवासियों को जल देवता या वरुण का पूजक बताया गया है।इस द्वीप के चारों ओर क्षीर समुद्र की उपस्थिति है।क्रौंच पर्वत की स्थिति के अनुसार क्रौंच द्वीप को तिब्बत का एक भाग मानना चाहिए। 

यह पृथ्वी सात द्वीपों में बंटी हुई है। वे द्वीप एस प्रकार से हैं:-
  1. जम्बूद्वीप
  2. प्लक्षद्वीप
  3. शाल्मलद्वीप
  4. कुशद्वीप
  5. क्रौंचद्वीप
  6. शाकद्वीप
  7. पुष्करद्वीप
इस द्वीप के स्वामि वीरवर द्युतिमान थे। इनके सात पुत्रों : कुशल, मन्दग, उष्ण, पीवर, अन्धकारक, मुनि और दुन्दुभि के नाम संज्ञानुसार ही इसके सात भागों के नाम हैं। घी का सागर अपने से दूने विस्तार वाले क्रौंच द्वीप से चारों ओर से घिरा हुआ है। यहां भी सात पर्वत, सात मुख्य नदियां और सात ही वर्ष हैं।

गैलापैगस द्वीप
गैलापैगस प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा पर स्थित ज्वालामुखी द्वीप समूह है, जिसमें 12 बड़े तथा कई सौ छोटे-छोटे द्वीप सम्मिलित हैं।[ ये द्वीप समूह इक्वेडोर देश के कोलन प्रांत के अंतर्गत हैं और प्रधान तट से 650 मील पश्चिम में हैं। इन द्वीपों का कुल क्षेत्रफल लगभग 3,123 वर्ग मील है। सबसे बड़ा ऐलबरमेल द्वीप है, जिसकी लंबाई लगभग 75 मील है। गैलापैगस के ऐलबरमेल तथा चैथम द्वीप ही आबाद हैं। अन्य द्वीपों में इंडीफैटीगेबुल, जेम्स तथा नारबरो उल्लेखनीय हैं। चैथम द्वीप पर स्थित सेंट क्रिस्टोबेल इस प्रदेश का मुख्य नगर है। 1535 ई. में टामस डी बरलांगा नामक स्पेन निवासी ने इस द्वीप समूह की खोज की थी। वर्ष 1832 ई. में इक्वेडोर देश ने इस पर अपना अधिकार जमा लिया था। गैलापैगस द्वीप समूह के महत्व का श्रेय यहाँ के प्राकृतिक जीव भण्डार को है, जिसमें वनस्पति तथा पशुओं की अनेकों दुष्प्राप्य जातियाँ मिलती हैं। इन द्वीपों पर विशालकाय कछुए भी पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ की आयु 300-400 वर्ष की हा चुकी है। इस प्रकार ये विश्व के प्राचीनतम जीवित प्राणी हैं।

कुश द्वीप
कुश द्वीप पुराणों की भौगोलिक कल्पना के अनुसार पृथ्वी के सप्त महाद्वीपों में से एक है।  कुश द्वीप घृत सागर से परिवृत है। इस द्वीप का उपास्य देव अग्नि को माना गया है। द्वीप के विद्रुम, हेमशैल, द्युतिमान, पुष्पवान, कुशेशय, हरि और मंदिरांचल नामक सात पर्वत हैं।

अजोर्स द्वीप
अजोर्स उत्तरी अटलांटिक महासागर में लिस्बन से 750 मील की दूरी पर पश्चिम में स्थित टापुओं का एक समुदाय है। इसका क्षेत्रफल संपूर्ण द्वीप समूह का 890 वर्ग मील है। यहाँ की अधिकांश जनता पुर्तग़ाली है। राजकीय भाषा भी पुर्तग़ाली ही है। सम्पूर्ण अजोर्स द्वीप समूह तीन जनपदों में बँटा हुआ है। इनकी राजधानियाँ द्वीप समूह के तीन प्रसिद्ध बंदरगाह हैं। इनके नाम हैं- पांटा देलगादा होर्टा तथा अंग्राडो हिरोइसमी। शीतोष्ण जलवायु तथा उपजाऊ भूमि होने के कारण यहाँ गेहूँ, मक्का, गन्ना, आलू पर्याप्त मात्रा में पैदा होते हैं। अजोर्स में मांस, दूध, पनीर तथा अंडा आदि का उत्पादन होता है साथ ही शराब भी तैयार की जाती है। यहाँ कपड़े बनाने की मिलें तथा अन्य छोटे-मोटे बहुत-से उद्योग धंधे भी होते हैं। इन टापुओं पर 1432 ई. में पुर्तग़ाल वालों का अधिकार हुआ था; किंतु कुछ टापुओं पर अब अमरीकन लोगों का भी अधिकार है।

कूरासाओ द्वीप
कूरासाओ कैरीबियन सागर में वेनीजुइला तट से लगभग 50 मील उत्तर में स्थित पश्चिमी द्वीपपुंज का एक द्वीप है। हालैंड के अधीनस्थ इस क्षेत्र के छह द्वीपों में यह सबसे बड़ा है। इस द्वीप की खोज वर्ष 1499 ई. में 'होजेदा' नामक व्यक्ति ने की थी। इस द्वीप की लंबाई लगभग 35 मील तथा चौड़ाई छह मील है। द्वीप का क्षेत्रफल 443 वर्ग किलोमीटर है। कूरासाओ द्वीप के चारों ओर मूंगे की चट्टान मिलती हैं। इस द्वीप पर 15 से 20 से.मी. तक वर्षा होती है। वर्षा की कमी के कारण घाटियों में केवल मक्का, दलहन एवं सेम की खेती होती है द्वीप का प्रमुख उद्योग पेट्रोल शुद्ध करना है, जिसमें लगभग 30 से 40 प्रतिशत जनसंख्या लगी है। कच्चा तेल वेनीजुइला के माराकाबो क्षेत्र से आयात किया जाता है। कूरासाओ नामक लाक्षारस का निर्माण सर्वप्रथम यहीं हुआ था, जो संतरे के छिलके से तैयार किया जाता था। यहाँ का मुख्य निर्यात शुद्ध पेट्रौल (सन 1957 में 16,457,960 किलोग्राम), नमक तथा फ़ॉस्फ़ेट है। 'विलेमस्टैड' इसकी राजधानी है। सेंट अन्ना का प्रसिद्ध प्राकृतिक पत्तन इसके दक्षिण पश्चिम तट पर है।

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